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घर में 4 करोड़ कैश और हथियार मिले, नक्सली कनेक्शन का आरोप, फिर भी JDU ने बनाया उम्मीदवार

घर से NIA ने 4 करोड़ कैश और हथियार बरामद की थी. नक्सली कनेक्शन सामने आया था. इसके बावजूद जदयू ने उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 7 hours ago

बिहार विधानसभा उपचुनाव में मनोरमा देवी का जलवा
बिहार विधानसभा उपचुनाव में मनोरमा देवी का जलवा (ETV Bharat GFX)

पटनाः अगर आप या आपके परिवार के कोई भी सदस्य पर आपराधिक मुकदमा दर्ज हो. हत्या, अपहरण, रंगदारी, नक्सली कनेक्शन आदि के आरोप लगे हैं तो समझो आप विधायक, सांसद और मंत्री बन जाएंगे. ऐसा ईटीवी भारत नहीं बल्कि बिहार की राजनीति संकेत कर रही है. इसका उदाहरण ऐसे कई बाहुबली हैं जो आज जनप्रतिनिधि के पद पर विराजमान हैं, लेकिन हाल में मनोरमा देवी काफी चर्चा में हैं.

कौन हैं मनोरमा देवी?: बिहार की मनोरमा देवी जदयू की पूर्व एमएलसी हैं. शनिवार 20 अक्टूबर को एक और जिम्मेदारी दे दी गयी. अब मनोरमा देवी बिहार विधानसभा उपचुनाव में बेलागंज सीट से जदयू उम्मीदवार हैं. जी हां..सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने इन्हें टिकट दी है. याद तो जरूर होगा कि कुछ दिन पहले ही NIA की टीम ने छापेमारी कर इनके घर से 4 करोड़ रुपए कैश और 10 घातक हथियार बरामद की थी.

नक्सली कनेक्शन आया था सामने: NIA की छापेमारी में यह भी सामने आया था कि मनोरमा देवी का नक्सली कनेक्शन भी है. बरामद हथियार नक्सलियों को सप्लाई करने के लिए ही रखे गए थे. इसकी जानकारी खुद NIA ने अपने प्रेस रिलीज में कही थी. अगर कोई आम इंसान के घर से इतने रुपए और हथियार बरामद होते तो आज वह जेल में होता लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने इन्हें टिकट से नवाजने का काम किया.

पति और बेटे पर भी कई मुकदमा दर्जः दरअसल, मनोरमा देवी कोई साधारण परिवार से नहीं है. इनके स्वर्गीय पति के साथ साथ बेटे पर भी आपराधिक मुकदमा दर्ज हैं. इस छवि का उजागर ईटीवी भारत नहीं बल्कि बिहार पुलिस कर चुकी है. लालू यादव राज में बिंदा यादव का गया जिले में दबदबा था. बेटे भी गाड़ी से चलने के दौरान साइड नहीं देने वाले को गोली मार देते थे.

मनोरमा देवी के बेटे पर लगे आरोप
मनोरमा देवी के बेटे पर लगे आरोप (ETV Bharat GFX)

पिता ने ढाबे वाली से शादी की थीः मनोरमा देवी के बारे में जानने से पहले इनके पिता और माता के बारे में जानेंगे. पिता हजारा सिंह एक साधारण ट्रक ड्राइवर थे. ट्रक चलाने के सिलसिले में अक्सर गया से गुजरने वाली जीटी रोड से आना जाना करते थे. गया के बाराचट्टी के काहूदाग के पास ढाबा पर खाना खाने के लिए रूकते थे. उसी ढ़ावे वाले जो पंजाब के निवासी थे, उनकी बेटी कबूतरी से प्यार हो गया. हजारा सिंह ने उससे शादी कर ली और वहीं जमीन खरीदकर बस गए.

ठिकेदारी का काम करता बिंदी यादवः साल 1970 में हजारा सिंह और कबूतरी देवी से मनोरमा देवी का जन्म हुआ. मनोरमा देवी बचपन से लेकर जवानी तक उसी ढाबे में माता-पिता के साथ रही. बता दें कि मनोरमा देवी ने कन्या हाईस्कूल बाराचट्टी से मैट्रिक और सोभ कॉलेज से इंटर की पढ़ाई की है. इसी कड़ी में एक शख्स बिंदी यादव आता है. इनके पिता साधारण किसान थे लेकिन यह करोड़पति बनने की राह पर था. उस वक्त वह छोटी मोटी ठेकेदारी का काम करता था.

बिंदी यादव का मनोरमा देवी से शादीः बिंदी यादव का अक्सर हजारा सिंह के ढाबे पर आना जाना रहता था. इसी दौरान मनोरमा से प्यार हो गया और 1989 में देवघर में उसने शादी कर ली. हालांकि यह बताया जाता है कि मनोरमा देवी बिंदी यादव को पसंद नहीं करती थी. बिंदी यादव ने उससे जबरन शादी की थी लेकिन इसकी पुष्टि कोई नहीं करता है. हालांकि यह तय है कि दोनों के बीच कभी नहीं बनी. हमेशा मनमुटाव रहता था.

आपराधिक प्रवृति का था बिंदी यादवः हालांकि 1990 में लालू यादव का राज आते ही बिंदी यादव दिन दोगुणा रात चौगुणा तरक्की करने लगा. बहुत जल्द वह अपने इलाके का बड़ा ठेकेदार बन गया. बड़े ठेकेदार बनने के साथ साथ आपराधिक आरोप के भी दाग लगने लगे. गया जिले में इसके आतंक से सभी भयक्रांत थे.

मनोरमा देवी के स्वर्गीय पति पर लगे आरोप
मनोरमा देवी के स्वर्गीय पति पर लगे आरोप (ETV Bharat GFX)

आतंक के बदौलत अकूत संपत्ति बनायीः मनोरमा देवी का पति बिंदी यादव पर नक्सली को हथियार सप्लाई करने सहित देशद्रोह का भी आरोप था. इस मामवे में 5 साल की जेल भी हुई थी लेकिन पहुंच और पैरवी के कारण जेल से बाहर आ गया. बिंदी यादव पर मर्डर, किडनैपिंग सहित 17 मामले दर्ज थे. जेल से बाहर आने के बाद अपनी आतंक के बदौलत करोड़पति बन गया और अकूत संपत्ति बनाया.

2001 से मनोरमा का राजनीतिक करियर शुरूः हालांकि अपनी राजनीतिक करियर में ज्यादा ऊंचाई तक नहीं पहुंच पाए. 2001 में बिंदी यादव जिला परिषद का अध्यक्ष बने थे और यहीं से मनोरमा देवी का राजनीतिक करियर शुरू हो गया. प्रखंड प्रमुख से लेकर विधायक तक का सफर तय की. 2001 में ही मनोरमा देवी गया जिले के मोहनपुर की प्रखंड प्रमुख बनी थी.

मनोरमा देवी का राजनीतिक करियर
मनोरमा देवी का राजनीतिक करियर (ETV Bharat GFX)

राजद और जदयू से एमएलसी बनीः मनोरमा देवी के पति का राजद से अच्छे संबंध थे. इसलिए मनोरमा देवी 2003 से 2009 तक आरजेडी से एमएलसी रहीं. 2015 से 2021 तक जदयू के विधान पार्षद रही. बिंदी यादव ने भी दो बार विधानसभा चुनाव लड़ा. 2005 में निर्दलीय और 2010 में आरजेडी के टिकट पर मैदान में उतरे लेकिन दोनों बार हार का सामना करना पड़ा. बिंदी यादव का 2020 में निधन हो गया.

बेटे पर भी हत्या का आरोपः मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव पर भी कई गंभीर आरोप हैं. हत्या मामले में सजा भी हो चुकी है. ये वहीं रॉकी यादव हैं जो लैंड रोवर जैसी महंगी कार से चलने के शौकिन हैं. साइड नहीं देने वाले को गोली मार देते हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि रॉकी यादव अपने पिता के नक्शे कदम पर चल रहे हा. रॉकी याजव रोडरेज मामले में सजा काट रहा है.

शराब मिलने पर जदयू ने किया था निलंबितः खैर मनोरमा देवी की बात करें तो कभी राजद और इसके बाद बाद जदयू का दामन थामकर चलती रही लेकिन 2016 में एमएलसी रहते हुए घर से शराब मिली तो जदयू ने निलंबित कर दिया. इस मामले में मनोरमा देवी जेल भी गयी थी. हालांकि 2020 में जदयू ने फिर से उन्हें उम्मीदवार बनाया था. अब एक बार फिर से मनोरमा देवी पर जदयू ने विश्वास जताया है. विधानसभा उपचुनाव में बेलागंज से अपना उम्मीदवार बनाया है.

मनोरमा देवी पर कई आरोप
मनोरमा देवी पर कई आरोप (ETV Bharat GFX)

बेलागंज में राजद से टक्करः बेलागंज में मनोरमा देवी का सामना राजद प्रत्याशी सुरेंद्र यादव के पुत्र विश्वनाथ कुमार से होगा. अब देखना है कि इसबार मनोरमा देवी अपनी इस परीक्षा में सफल हो पाती है या फिर असफलता मिलती है. आपकों बता दें कि बिहार में 4 विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं. इसमें तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज शामिल है. 13 नवंबर को वोटिंग होने वाली है.

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पटनाः अगर आप या आपके परिवार के कोई भी सदस्य पर आपराधिक मुकदमा दर्ज हो. हत्या, अपहरण, रंगदारी, नक्सली कनेक्शन आदि के आरोप लगे हैं तो समझो आप विधायक, सांसद और मंत्री बन जाएंगे. ऐसा ईटीवी भारत नहीं बल्कि बिहार की राजनीति संकेत कर रही है. इसका उदाहरण ऐसे कई बाहुबली हैं जो आज जनप्रतिनिधि के पद पर विराजमान हैं, लेकिन हाल में मनोरमा देवी काफी चर्चा में हैं.

कौन हैं मनोरमा देवी?: बिहार की मनोरमा देवी जदयू की पूर्व एमएलसी हैं. शनिवार 20 अक्टूबर को एक और जिम्मेदारी दे दी गयी. अब मनोरमा देवी बिहार विधानसभा उपचुनाव में बेलागंज सीट से जदयू उम्मीदवार हैं. जी हां..सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने इन्हें टिकट दी है. याद तो जरूर होगा कि कुछ दिन पहले ही NIA की टीम ने छापेमारी कर इनके घर से 4 करोड़ रुपए कैश और 10 घातक हथियार बरामद की थी.

नक्सली कनेक्शन आया था सामने: NIA की छापेमारी में यह भी सामने आया था कि मनोरमा देवी का नक्सली कनेक्शन भी है. बरामद हथियार नक्सलियों को सप्लाई करने के लिए ही रखे गए थे. इसकी जानकारी खुद NIA ने अपने प्रेस रिलीज में कही थी. अगर कोई आम इंसान के घर से इतने रुपए और हथियार बरामद होते तो आज वह जेल में होता लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने इन्हें टिकट से नवाजने का काम किया.

पति और बेटे पर भी कई मुकदमा दर्जः दरअसल, मनोरमा देवी कोई साधारण परिवार से नहीं है. इनके स्वर्गीय पति के साथ साथ बेटे पर भी आपराधिक मुकदमा दर्ज हैं. इस छवि का उजागर ईटीवी भारत नहीं बल्कि बिहार पुलिस कर चुकी है. लालू यादव राज में बिंदा यादव का गया जिले में दबदबा था. बेटे भी गाड़ी से चलने के दौरान साइड नहीं देने वाले को गोली मार देते थे.

मनोरमा देवी के बेटे पर लगे आरोप
मनोरमा देवी के बेटे पर लगे आरोप (ETV Bharat GFX)

पिता ने ढाबे वाली से शादी की थीः मनोरमा देवी के बारे में जानने से पहले इनके पिता और माता के बारे में जानेंगे. पिता हजारा सिंह एक साधारण ट्रक ड्राइवर थे. ट्रक चलाने के सिलसिले में अक्सर गया से गुजरने वाली जीटी रोड से आना जाना करते थे. गया के बाराचट्टी के काहूदाग के पास ढाबा पर खाना खाने के लिए रूकते थे. उसी ढ़ावे वाले जो पंजाब के निवासी थे, उनकी बेटी कबूतरी से प्यार हो गया. हजारा सिंह ने उससे शादी कर ली और वहीं जमीन खरीदकर बस गए.

ठिकेदारी का काम करता बिंदी यादवः साल 1970 में हजारा सिंह और कबूतरी देवी से मनोरमा देवी का जन्म हुआ. मनोरमा देवी बचपन से लेकर जवानी तक उसी ढाबे में माता-पिता के साथ रही. बता दें कि मनोरमा देवी ने कन्या हाईस्कूल बाराचट्टी से मैट्रिक और सोभ कॉलेज से इंटर की पढ़ाई की है. इसी कड़ी में एक शख्स बिंदी यादव आता है. इनके पिता साधारण किसान थे लेकिन यह करोड़पति बनने की राह पर था. उस वक्त वह छोटी मोटी ठेकेदारी का काम करता था.

बिंदी यादव का मनोरमा देवी से शादीः बिंदी यादव का अक्सर हजारा सिंह के ढाबे पर आना जाना रहता था. इसी दौरान मनोरमा से प्यार हो गया और 1989 में देवघर में उसने शादी कर ली. हालांकि यह बताया जाता है कि मनोरमा देवी बिंदी यादव को पसंद नहीं करती थी. बिंदी यादव ने उससे जबरन शादी की थी लेकिन इसकी पुष्टि कोई नहीं करता है. हालांकि यह तय है कि दोनों के बीच कभी नहीं बनी. हमेशा मनमुटाव रहता था.

आपराधिक प्रवृति का था बिंदी यादवः हालांकि 1990 में लालू यादव का राज आते ही बिंदी यादव दिन दोगुणा रात चौगुणा तरक्की करने लगा. बहुत जल्द वह अपने इलाके का बड़ा ठेकेदार बन गया. बड़े ठेकेदार बनने के साथ साथ आपराधिक आरोप के भी दाग लगने लगे. गया जिले में इसके आतंक से सभी भयक्रांत थे.

मनोरमा देवी के स्वर्गीय पति पर लगे आरोप
मनोरमा देवी के स्वर्गीय पति पर लगे आरोप (ETV Bharat GFX)

आतंक के बदौलत अकूत संपत्ति बनायीः मनोरमा देवी का पति बिंदी यादव पर नक्सली को हथियार सप्लाई करने सहित देशद्रोह का भी आरोप था. इस मामवे में 5 साल की जेल भी हुई थी लेकिन पहुंच और पैरवी के कारण जेल से बाहर आ गया. बिंदी यादव पर मर्डर, किडनैपिंग सहित 17 मामले दर्ज थे. जेल से बाहर आने के बाद अपनी आतंक के बदौलत करोड़पति बन गया और अकूत संपत्ति बनाया.

2001 से मनोरमा का राजनीतिक करियर शुरूः हालांकि अपनी राजनीतिक करियर में ज्यादा ऊंचाई तक नहीं पहुंच पाए. 2001 में बिंदी यादव जिला परिषद का अध्यक्ष बने थे और यहीं से मनोरमा देवी का राजनीतिक करियर शुरू हो गया. प्रखंड प्रमुख से लेकर विधायक तक का सफर तय की. 2001 में ही मनोरमा देवी गया जिले के मोहनपुर की प्रखंड प्रमुख बनी थी.

मनोरमा देवी का राजनीतिक करियर
मनोरमा देवी का राजनीतिक करियर (ETV Bharat GFX)

राजद और जदयू से एमएलसी बनीः मनोरमा देवी के पति का राजद से अच्छे संबंध थे. इसलिए मनोरमा देवी 2003 से 2009 तक आरजेडी से एमएलसी रहीं. 2015 से 2021 तक जदयू के विधान पार्षद रही. बिंदी यादव ने भी दो बार विधानसभा चुनाव लड़ा. 2005 में निर्दलीय और 2010 में आरजेडी के टिकट पर मैदान में उतरे लेकिन दोनों बार हार का सामना करना पड़ा. बिंदी यादव का 2020 में निधन हो गया.

बेटे पर भी हत्या का आरोपः मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव पर भी कई गंभीर आरोप हैं. हत्या मामले में सजा भी हो चुकी है. ये वहीं रॉकी यादव हैं जो लैंड रोवर जैसी महंगी कार से चलने के शौकिन हैं. साइड नहीं देने वाले को गोली मार देते हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि रॉकी यादव अपने पिता के नक्शे कदम पर चल रहे हा. रॉकी याजव रोडरेज मामले में सजा काट रहा है.

शराब मिलने पर जदयू ने किया था निलंबितः खैर मनोरमा देवी की बात करें तो कभी राजद और इसके बाद बाद जदयू का दामन थामकर चलती रही लेकिन 2016 में एमएलसी रहते हुए घर से शराब मिली तो जदयू ने निलंबित कर दिया. इस मामले में मनोरमा देवी जेल भी गयी थी. हालांकि 2020 में जदयू ने फिर से उन्हें उम्मीदवार बनाया था. अब एक बार फिर से मनोरमा देवी पर जदयू ने विश्वास जताया है. विधानसभा उपचुनाव में बेलागंज से अपना उम्मीदवार बनाया है.

मनोरमा देवी पर कई आरोप
मनोरमा देवी पर कई आरोप (ETV Bharat GFX)

बेलागंज में राजद से टक्करः बेलागंज में मनोरमा देवी का सामना राजद प्रत्याशी सुरेंद्र यादव के पुत्र विश्वनाथ कुमार से होगा. अब देखना है कि इसबार मनोरमा देवी अपनी इस परीक्षा में सफल हो पाती है या फिर असफलता मिलती है. आपकों बता दें कि बिहार में 4 विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं. इसमें तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज शामिल है. 13 नवंबर को वोटिंग होने वाली है.

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