चंडीगढ़ : हरियाणा में बच्चों के पैरेंट्स को हरियाणा सरकार ने बड़ी राहत दी है. हरियाणा का अब कोई भी निजी या सरकारी स्कूल दाखिले के लिए छात्रों का टेस्ट नहीं ले सकेगा. साथ ही सरकारी स्कूल से 8वीं पास करने वाले सभी स्कूली छात्रों को नेबरहुड स्कूल को स्क्रीनिंग के बगैर ही दाखिला देना होगा. अगर कोई नेबरहुड स्कूल 9वीं कक्षा में बच्चे का टेस्ट लेता है तो पहली बार में 25 हजार रुपए और फिर हर मामले में 50 हजार रुपए तक जुर्माना लगाया जाएगा.
पैदल दूरी पर नेबरहुड स्कूल
आपको बता दें कि बच्चों के घर से पैदल दूरी पर स्थित स्कूल नेबरहुड स्कूल की श्रेणी में आते हैं. हरियाणा में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इसके लिए संबंधित सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, खंड शिक्षा अधिकारियों, मौलिक शिक्षा अधिकारियों और खंड मौलिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिया है.
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हरियाणा सरकार को मिली थी शिकायतें
दरअसल हरियाणा सरकार के पास शिकायतें पहुंची थी कि कुछ स्कूल दाखिला देने से पहले बच्चों के टेस्ट ले रहे हैं. ऐसा किया जाना शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम की धारा-13 का उल्लंघन है. नियमों के मुताबिक कोई भी स्कूल किसी बच्चे को दाखिला देते वक्त न तो कोई कैपिटेशन फीस लेगा और ना ही बच्चे या उसके माता-पिता का कोई टेस्ट लेगा. ऐसा करने पर दंडात्मक कार्रवाई का भी प्रावधान है.
प्रवेश से पहले टेस्ट तुरंत बंद करें
हरियाणा के माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने कहा है कि जिन स्कूलों में बच्चों के दाखिले से पहले टेस्ट लिए जा रहे हैं, वे उसे तत्काल प्रभाव से बंद कर दें. साथ ही नेबरहुड स्कूल को कोई टेस्ट न लेकर छात्रों को तुरंत दाखिला देना होगा. सभी जिला शिक्षा अधिकारी अपने क्षेत्रों के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा का अधिकार (Right to Education) अधिनियम की धारा-13 का पालन सुनिश्चित करेंगे. वहीं सभी राजकीय स्कूलों को भी इस बारे में निर्देशित किया गया है.
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