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90 साल पुराने विमान अधिनियम की जगह नया विधेयक राज्यसभा से पारित - BHARTIYA VAYUYAN VIDHEYAK 2024

राज्यभा ने भारतीय वायुयान विधेयक 2024 को मंजूरी प्रदान कर दी. यह 90 साल पुराने कानून की जगह लेगा.

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संसद (IANS)
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By PTI

Published : Dec 5, 2024, 6:16 PM IST

नई दिल्ली : राज्यसभा ने बृहस्पतिवार को 90 साल पुराने विमान अधिनियम की जगह लेने वाले तथा विमानन क्षेत्र के प्रमुख निकायों को ज्यादा शक्ति प्रदान करने वाले ‘भारतीय वायुयान विधयेक, 2024’ को लंबी चर्चा के बाद ध्वनिमत से मंजूरी दे दी.

इसके साथ ही इस विधेयक को संसद की मंजूरी मिल गई. लोकसभा ने इसी साल अगस्त महीने में भारतीय वायुयान विधेयक 2024 पारित किया था. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए उम्मीद जताई कि विमानन क्षेत्र में भारत जिस ऊंचाई पर पहुंचना चाहता है, इस विधेयक के पारित होने के बाद वह वहां तक निश्चित तौर पर पहुंचेगा.

उन्होंने कहा कि विमानन क्षेत्र में लोगों को होने वाली परेशानियों से वह पूरी तरह वाकिफ हैं क्योंकि मंत्री बनने से पहले वह सांसद थे और उससे पहले एक यात्री. उन्होंने कहा, ‘‘किराए में जो अनियमिताएं हैं, उसके हरसंभव समाधान का हम प्रयास कर रहे हैं. टैरिफ मॉनिटरिंग यूनिट को और मजबूत किया जा रहा है. कीमतों के बारे में एयरलाइन कंपनियों को भी संवेदनशील बनाने का प्रयास किया जा रहा है.’’

उन्होंने कहा कि हवाई चप्पल से हवाई सफर कराने का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना आधा सच हो गया है और इसे पूरा करने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘यह सरकार की तरफ से मेरा वादा है.’’ नायडू ने कहा कि यात्री किराए का अधिकांश हिस्सा... तकरीबन 45 प्रतिशत... ईंधन की कीमतों में जाता है और ईंधन पर वैट राज्य सरकारें तय करती हैं.

उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्यों को लगातार पत्र लिखा भी गया और कुछ राज्यों ने इसे लागू भी किया है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल, दिल्ली और तमिलनाडु में ईंधन पर वैट बहुत ज्यादा है. नायडू ने कहा कि कीमतों को लेकर जिन सदस्यों ने चिंता जताई है, उनसे वह आग्रह करेंगे कि वे अपने राज्यों की सरकारों से वैट पर कम करने को कहें.

बम से विमानों को उड़ाने की धमकी के हालिया मामलों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सुरक्षा और संरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि जितनी भी धमिकयां मिली थीं, वह सभी फर्जी साबित हुईं लेकिन इसके बावजूद सरकार ने कोई भी खतरा नहीं मोल लिया और सुरक्षा संबंधी सभी मानकों का पालन किया. कुछ सदस्यों की ओर से उनके राज्यों में हवाई अड्डों के निर्माण में देरी के आरोपों का जवाब देते हुए नायडू ने कहा कि सरकार का इरादा किसी भी हवाई अड्डे के साथ राजनीति करने का नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘‘लोगों के हित में हम हवाई अड्डों के निर्माण में हर संभव मदद करने को तैयार हैं. अधिक से अधिक हवाई अड्डे बनाने को लेकर हम तत्पर हैं.’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहले लोग राजधानी में हवाई अड्डे की अपेक्षा करते थे लेकिन अब 100 किलोमीटर के दायरे में चाहते हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘हर जिले में हवाई अड्डे की आकांक्षा बढ़ी है. यह सच में बड़ा बदलाव आया है. यह नरेन्द्र मोदी की वजह से आया है. हर जिले में एक हवाई अड्डा हो, हम इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं.’’ उन्होंने आश्वासन दिया कि विधेयक पर चर्चा के दौरान जो भी मुद्दे उठाए गए और जो भी चिंताएं जताई गईं, वह सभी का समाधान निकालने का प्रयास करेंगे. विधेयक के हिंदी नाम को लेकर कुछ सदस्यों की ओर से आपत्ति जताए जाने का भी नायडू ने जवाब दिया.

उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत के विभिन्न असली रंगों को दिखाना चाहते हैं और इसका हिंदी में जो नाम रखा गया है... वायुयान विधायक... यह उसी का एक छोटा सा संकेत है. विधेयक की विषय वस्तु अंग्रेजी में है लिहाजा इसमें किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि उनका नाम किंजरापु राममोहन नायडू है और किसी को उनके नाम के उच्चारण में कुछ परेशानी हो सकती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इस वजह से वह अपना नाम बदल लें क्योंकि दूसरों का इससे आसानी हो जाएगी.

नायडू ने कहा, ‘‘मैं अपने नाम को बदल दूं, यह नहीं हो सकता. क्योंकि यही मेरी पहचान है. इस तरह अभी शायद दो बार, तीन बार वायुयान बोलने में मुश्किल होगी लेकिन भारत में हर चीज की आदत पड़ जाती है. लोगों को इसकी आदत पड़ जाएगी.’’ उन्होंने कहा कि विधेयक का नाम भारतीय वायुयान विधेयक रखना भारतीय भाषाओं की पहचान को बनाए रखने का प्रयास भी है. उन्होंने कहा कि वायुयान वास्तव में एक संस्कृत शब्द है.

उन्होंने कहा कि विपक्ष के साथी सही मायने में भाषा और संस्कृति की सराहना करना चाहते हैं तो उन्हें सरकार के उस फैसले की सराहना करनी चाहिए जिसमें पांच भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया. नायडू ने कहा कि मौजूदा सरकार ने भारतीय भाषाओं को कैसे प्रोत्साहित किया है, इसका एक उदाहरण हाल ही में संविधान दिवस के अवसर पर मैथिली और और संस्कृत में संविधान की प्रति जारी किया जाना भी है.

वायुयान विधेयक 2024 केंद्र सरकार को किसी भी विमान या विमान की श्रेणी के डिजाइन, निर्माण, रख-रखाव, कब्जे, उपयोग, संचालन, बिक्री, निर्यात या आयात को विनियमित करने और सुरक्षित करने के लिए नियम बनाने का अधिकार देता है. इस विधेयक का उद्देश्य किसी भी हवाई दुर्घटना या घटना की जांच के लिए सरकार को नियम बनाने का अधिकार देना है.

ये भी पढ़ें : कांग्रेस भड़की, बोली- आप अडाणी के एजेंट और स्लीपर सेल हैं

नई दिल्ली : राज्यसभा ने बृहस्पतिवार को 90 साल पुराने विमान अधिनियम की जगह लेने वाले तथा विमानन क्षेत्र के प्रमुख निकायों को ज्यादा शक्ति प्रदान करने वाले ‘भारतीय वायुयान विधयेक, 2024’ को लंबी चर्चा के बाद ध्वनिमत से मंजूरी दे दी.

इसके साथ ही इस विधेयक को संसद की मंजूरी मिल गई. लोकसभा ने इसी साल अगस्त महीने में भारतीय वायुयान विधेयक 2024 पारित किया था. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए उम्मीद जताई कि विमानन क्षेत्र में भारत जिस ऊंचाई पर पहुंचना चाहता है, इस विधेयक के पारित होने के बाद वह वहां तक निश्चित तौर पर पहुंचेगा.

उन्होंने कहा कि विमानन क्षेत्र में लोगों को होने वाली परेशानियों से वह पूरी तरह वाकिफ हैं क्योंकि मंत्री बनने से पहले वह सांसद थे और उससे पहले एक यात्री. उन्होंने कहा, ‘‘किराए में जो अनियमिताएं हैं, उसके हरसंभव समाधान का हम प्रयास कर रहे हैं. टैरिफ मॉनिटरिंग यूनिट को और मजबूत किया जा रहा है. कीमतों के बारे में एयरलाइन कंपनियों को भी संवेदनशील बनाने का प्रयास किया जा रहा है.’’

उन्होंने कहा कि हवाई चप्पल से हवाई सफर कराने का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना आधा सच हो गया है और इसे पूरा करने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘यह सरकार की तरफ से मेरा वादा है.’’ नायडू ने कहा कि यात्री किराए का अधिकांश हिस्सा... तकरीबन 45 प्रतिशत... ईंधन की कीमतों में जाता है और ईंधन पर वैट राज्य सरकारें तय करती हैं.

उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्यों को लगातार पत्र लिखा भी गया और कुछ राज्यों ने इसे लागू भी किया है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल, दिल्ली और तमिलनाडु में ईंधन पर वैट बहुत ज्यादा है. नायडू ने कहा कि कीमतों को लेकर जिन सदस्यों ने चिंता जताई है, उनसे वह आग्रह करेंगे कि वे अपने राज्यों की सरकारों से वैट पर कम करने को कहें.

बम से विमानों को उड़ाने की धमकी के हालिया मामलों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सुरक्षा और संरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि जितनी भी धमिकयां मिली थीं, वह सभी फर्जी साबित हुईं लेकिन इसके बावजूद सरकार ने कोई भी खतरा नहीं मोल लिया और सुरक्षा संबंधी सभी मानकों का पालन किया. कुछ सदस्यों की ओर से उनके राज्यों में हवाई अड्डों के निर्माण में देरी के आरोपों का जवाब देते हुए नायडू ने कहा कि सरकार का इरादा किसी भी हवाई अड्डे के साथ राजनीति करने का नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘‘लोगों के हित में हम हवाई अड्डों के निर्माण में हर संभव मदद करने को तैयार हैं. अधिक से अधिक हवाई अड्डे बनाने को लेकर हम तत्पर हैं.’’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहले लोग राजधानी में हवाई अड्डे की अपेक्षा करते थे लेकिन अब 100 किलोमीटर के दायरे में चाहते हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘हर जिले में हवाई अड्डे की आकांक्षा बढ़ी है. यह सच में बड़ा बदलाव आया है. यह नरेन्द्र मोदी की वजह से आया है. हर जिले में एक हवाई अड्डा हो, हम इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं.’’ उन्होंने आश्वासन दिया कि विधेयक पर चर्चा के दौरान जो भी मुद्दे उठाए गए और जो भी चिंताएं जताई गईं, वह सभी का समाधान निकालने का प्रयास करेंगे. विधेयक के हिंदी नाम को लेकर कुछ सदस्यों की ओर से आपत्ति जताए जाने का भी नायडू ने जवाब दिया.

उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत के विभिन्न असली रंगों को दिखाना चाहते हैं और इसका हिंदी में जो नाम रखा गया है... वायुयान विधायक... यह उसी का एक छोटा सा संकेत है. विधेयक की विषय वस्तु अंग्रेजी में है लिहाजा इसमें किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि उनका नाम किंजरापु राममोहन नायडू है और किसी को उनके नाम के उच्चारण में कुछ परेशानी हो सकती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इस वजह से वह अपना नाम बदल लें क्योंकि दूसरों का इससे आसानी हो जाएगी.

नायडू ने कहा, ‘‘मैं अपने नाम को बदल दूं, यह नहीं हो सकता. क्योंकि यही मेरी पहचान है. इस तरह अभी शायद दो बार, तीन बार वायुयान बोलने में मुश्किल होगी लेकिन भारत में हर चीज की आदत पड़ जाती है. लोगों को इसकी आदत पड़ जाएगी.’’ उन्होंने कहा कि विधेयक का नाम भारतीय वायुयान विधेयक रखना भारतीय भाषाओं की पहचान को बनाए रखने का प्रयास भी है. उन्होंने कहा कि वायुयान वास्तव में एक संस्कृत शब्द है.

उन्होंने कहा कि विपक्ष के साथी सही मायने में भाषा और संस्कृति की सराहना करना चाहते हैं तो उन्हें सरकार के उस फैसले की सराहना करनी चाहिए जिसमें पांच भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया. नायडू ने कहा कि मौजूदा सरकार ने भारतीय भाषाओं को कैसे प्रोत्साहित किया है, इसका एक उदाहरण हाल ही में संविधान दिवस के अवसर पर मैथिली और और संस्कृत में संविधान की प्रति जारी किया जाना भी है.

वायुयान विधेयक 2024 केंद्र सरकार को किसी भी विमान या विमान की श्रेणी के डिजाइन, निर्माण, रख-रखाव, कब्जे, उपयोग, संचालन, बिक्री, निर्यात या आयात को विनियमित करने और सुरक्षित करने के लिए नियम बनाने का अधिकार देता है. इस विधेयक का उद्देश्य किसी भी हवाई दुर्घटना या घटना की जांच के लिए सरकार को नियम बनाने का अधिकार देना है.

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