बेंगलुरु: कर्नाटक लोक सेवा आयोग (केपीएससी) की फर्जी सदस्यता के नाम पर एक महिला से 4.10 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों ने महिला से ठगी करने के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम पर फर्जी भर्ती आदेश पत्र भी बनाए थे. धोखाधड़ी की शिकार महिला कलबुर्गी के एक स्कूल में कला की शिक्षक है. शिक्षिका नीलमम्मा एम बेलामागी ने बेंगलुरु पुलिस की सेंट्रल क्राइम ब्रांच (सीसीबी) में धोखाधड़ी की शिकायत की थी, जिसके आधार पर सीसीबी ने रियाज़ अहमद, चंद्रप्पा, रुद्रेश और यूसुफ को गिरफ्तार कर लिया.
इस मामले में तीन और लोगों को भी आरोपी बनाया गया है, जो फिलहाल फरार हैं. पुलिस ने उनकी तलाश में छापेमारी कर रही है. पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने भर्ती आदेश पत्र पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर किए थे. फिलहाल गिरफ्तार लोगों के पास से 40 लाख रुपये जब्त किए गए हैं। पुलिस मामले की जांच के लिए आरोपियों से पूछताछ कर रही है.
पीड़ित शिक्षिका के मुताबिक रियाज उसका परिचित था. उसने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाइयों को जानते हैं और केपीएससी का सदस्य बनवाने का वादा किया. इसके लिए आरोपियों ने 15-20 करोड़ रुपये की मांग की. चालच में आकर शिक्षिका ने पिछले साल अलग-अलग तारीखों में बैंक के माध्यम से आरोपी यूसुफ को 4.10 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए.
यूसुफ ने मल्लेश्वर में एक्यूरेट टाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम से एक कार्यालय खोला था. वह जीएसटी शुल्क और अन्य सरकारी शुल्क का भुगतान करने का काम कर रहा था. यूसुफ ने अपने परिचित रियाज और रुद्रेश के साथ मिलकर महिला को ऑफिस में बुलाया. इस दौरान महिला ने उसे पैसों को भुगतान किया. महिला को भरोसा दिलाने के लिए उसने फर्जी भर्ती आदेश पत्र बनाकर दिए.
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