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कोयला राज्य मंत्री और बीसीसीएल जीएम पर कांग्रेस के आरोपों का बीसीसीएल ने किया खंडन - Union Minister of State for Coal - UNION MINISTER OF STATE FOR COAL

Controversy of BCCL GM removed Union Minister shoes. कांग्रेस जिला अध्यक्ष का आरोप है कि धनबाद में बीसीसीएल के जीएम ने केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री का जूता अपने हाथों से उतारा, जिसे बीसीसीएल ने नकारा है.

BCCL GM removed Union Minister shoe
केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री का धनबाद दौरा (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 8, 2024, 6:47 PM IST

Updated : Sep 9, 2024, 7:51 PM IST

धनबाद: कोयला राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे रविवार को धनबाद दौरे पर रहे. मंत्री बीसीसीएल की विभिन्न कोयला परियोजनाओं की समीक्षा की. इसी क्रम में मंत्री भूमिगत खदानों की समीक्षा करने मुनीडीह पहुंचे. भूमिगत खदान से निकलकर वे मुनीडीह जीएम कार्यालय के वेटिंग रूम में पहुंचे. इसी को लेकर कांग्रेस जिला अध्यक्ष का आरोप है कि वेटिंग रूम में महाप्रबंधक (जीएम) अरिंदम मुस्तफी ने खुद केंद्रीय राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे का जूता उतारा.

बीसीसीएल के जीएम पर कांग्रेस नेता का आरोप (Etv Bharat)

कांग्रेस का यह भी आरोप है कि मंत्री के पैर से जूता उतारने के बाद उन्होंने उसे किसी और को ले जाने के लिए दे दिया. इतना ही नहीं मंत्री के पजामे का नाड़ा ढीला था. बीसीसीएल अधिकारी ने खुद मंत्री के पायजामे का नाड़ा बांधा. बीसीसीएल अधिकारी की इस कार्यशैली पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने तंज कसा है.

कांग्रेस जिला अध्यक्ष संतोष सिंह ने कहा कि अगर कोई जीएम अपने पैर से मंत्री का जूता उतारता है तो यह शर्म की बात है. मंत्री भी अपना जूता उतरवा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जीएम साहब ने सीएमडी बनने का काम किया है. जीएम साहब को तत्काल बीसीसीएल का सीएमडी बनाया जाना चाहिए. बीसीसीएल के ऐसे अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. अपनी कमियों को छिपाने के लिए ऐसे अधिकारी मंत्री को खुश करने में लगे रहते हैं.

इसके साथ ही संतोष सिंह ने कहा कि मंत्री का यह कहना कि राज्य सरकार बिजली का भुगतान नहीं करती है, जिसके कारण लोगों को सही तरीके से बिजली नहीं मिल पाती है, गलत है. उन्होंने कहा कि झारखंड बनने के बाद झारखंड में भाजपा की सरकार रही. उन्होंने ही बिजली बिल को लंबित रखा. केंद्र सरकार झारखंड में खनन करती है, लेकिन रॉयल्टी नहीं देती. केंद्र सरकार रॉयल्टी क्यों नहीं देती?

वहीं इस मामले पर भाजपा महानगर जिला अध्यक्ष श्रवण राय का कहना है कि भारतीय संस्कृति में अतिथि देवो भव की परंपरा है. मंत्री हमारे यहां अतिथि के रूप में आए थे. जिसके लिए जीएम ने अपनी भावना व्यक्त करते हुए ऐसा किया है. श्रवण राय ने इसके लिए जीएम का आभार भी जताया है.

बीसीसीएल का खंडन

बीसीसीएल की ओर से इन सारे आरोपों का खंडन किया गया है. बीसीसीएल का कहना है कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है. चुकी केंद्रीय मंत्री ने निरीक्षण के दौरान माइनिंग बूट पहना था, जिसे हाथ से नहीं खोला जाता है. इसे मैकेनिकली उतारा जाता है. खनन के जूते, हेलमेट, बेल्ट, स्टिक समेत अन्य सामग्री को स्टोर में रखा जाता है और उसके रजिस्टर को मेंटेन किया जाता है. इसलिए मंत्री के पैर से जूते उतारने के बाद बीसीसीएल के अधिकारी उसे स्टाफ को स्टोर रूम में रखने के लिए देते हैं, ना कि मंत्री के पैर से जूते उतारते हैं.

इसके अलावा, यह दावा करना पूरी तरह से गलत और भ्रामक है कि कंपनी के अधिकारी ने मंत्री के पजामे को एडजस्ट किया. यह स्पष्ट करना महत्वपूर्ण है कि हेडलैंप बैटरी ले जाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बेल्ट को बीसीसीएल अधिकारी द्वारा नहीं, बल्कि मंत्री के साथ मौजूद किसी व्यक्ति द्वारा सेट और एडजस्ट किया जा रहा था.

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धनबाद: कोयला राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे रविवार को धनबाद दौरे पर रहे. मंत्री बीसीसीएल की विभिन्न कोयला परियोजनाओं की समीक्षा की. इसी क्रम में मंत्री भूमिगत खदानों की समीक्षा करने मुनीडीह पहुंचे. भूमिगत खदान से निकलकर वे मुनीडीह जीएम कार्यालय के वेटिंग रूम में पहुंचे. इसी को लेकर कांग्रेस जिला अध्यक्ष का आरोप है कि वेटिंग रूम में महाप्रबंधक (जीएम) अरिंदम मुस्तफी ने खुद केंद्रीय राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे का जूता उतारा.

बीसीसीएल के जीएम पर कांग्रेस नेता का आरोप (Etv Bharat)

कांग्रेस का यह भी आरोप है कि मंत्री के पैर से जूता उतारने के बाद उन्होंने उसे किसी और को ले जाने के लिए दे दिया. इतना ही नहीं मंत्री के पजामे का नाड़ा ढीला था. बीसीसीएल अधिकारी ने खुद मंत्री के पायजामे का नाड़ा बांधा. बीसीसीएल अधिकारी की इस कार्यशैली पर कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने तंज कसा है.

कांग्रेस जिला अध्यक्ष संतोष सिंह ने कहा कि अगर कोई जीएम अपने पैर से मंत्री का जूता उतारता है तो यह शर्म की बात है. मंत्री भी अपना जूता उतरवा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जीएम साहब ने सीएमडी बनने का काम किया है. जीएम साहब को तत्काल बीसीसीएल का सीएमडी बनाया जाना चाहिए. बीसीसीएल के ऐसे अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. अपनी कमियों को छिपाने के लिए ऐसे अधिकारी मंत्री को खुश करने में लगे रहते हैं.

इसके साथ ही संतोष सिंह ने कहा कि मंत्री का यह कहना कि राज्य सरकार बिजली का भुगतान नहीं करती है, जिसके कारण लोगों को सही तरीके से बिजली नहीं मिल पाती है, गलत है. उन्होंने कहा कि झारखंड बनने के बाद झारखंड में भाजपा की सरकार रही. उन्होंने ही बिजली बिल को लंबित रखा. केंद्र सरकार झारखंड में खनन करती है, लेकिन रॉयल्टी नहीं देती. केंद्र सरकार रॉयल्टी क्यों नहीं देती?

वहीं इस मामले पर भाजपा महानगर जिला अध्यक्ष श्रवण राय का कहना है कि भारतीय संस्कृति में अतिथि देवो भव की परंपरा है. मंत्री हमारे यहां अतिथि के रूप में आए थे. जिसके लिए जीएम ने अपनी भावना व्यक्त करते हुए ऐसा किया है. श्रवण राय ने इसके लिए जीएम का आभार भी जताया है.

बीसीसीएल का खंडन

बीसीसीएल की ओर से इन सारे आरोपों का खंडन किया गया है. बीसीसीएल का कहना है कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है. चुकी केंद्रीय मंत्री ने निरीक्षण के दौरान माइनिंग बूट पहना था, जिसे हाथ से नहीं खोला जाता है. इसे मैकेनिकली उतारा जाता है. खनन के जूते, हेलमेट, बेल्ट, स्टिक समेत अन्य सामग्री को स्टोर में रखा जाता है और उसके रजिस्टर को मेंटेन किया जाता है. इसलिए मंत्री के पैर से जूते उतारने के बाद बीसीसीएल के अधिकारी उसे स्टाफ को स्टोर रूम में रखने के लिए देते हैं, ना कि मंत्री के पैर से जूते उतारते हैं.

इसके अलावा, यह दावा करना पूरी तरह से गलत और भ्रामक है कि कंपनी के अधिकारी ने मंत्री के पजामे को एडजस्ट किया. यह स्पष्ट करना महत्वपूर्ण है कि हेडलैंप बैटरी ले जाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बेल्ट को बीसीसीएल अधिकारी द्वारा नहीं, बल्कि मंत्री के साथ मौजूद किसी व्यक्ति द्वारा सेट और एडजस्ट किया जा रहा था.

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Last Updated : Sep 9, 2024, 7:51 PM IST
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