बस्तर: सालों से बस्तर बम और बारुद के धमाकों से गूंजरा रहा है. नक्सलगढ़ होने के चलते बस्तर आज भी विकास की राह से दूर खड़ा है. चुनाव मैदान में इस बार विकास, रोजगार, नक्सलवाद, सरकारी योजनाओं का लाभ ये तमाम वो बड़े मुद्दे हैं जिनपर मतदान होगा. युवा जहां बस्तर के विकास और खुद के रोजगार के लिए वोट डालेगा तो महिलाएं खुद को सशक्त बनाने के लिए वोट करेंगी.
बस्तर में बारूद बनाम विकास की लड़ाई: बस्तर लोकसभा सीट के भीतर आठ विधानसभा सीटें आती हैं. आठों विधानसभा सीटें नक्सल प्रभावित हैं. बस्तर में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है. बीजेपी को जहां मोदी की गारंटी पर भरोसा है वहीं कांग्रेस जल, जंगल, जमीन के मुद्दे और रोजगार पर फोकस कर रही है. 8 अप्रैल को बस्तर में मोदी ने रैली कर बीजेपी के पक्ष में हवा बनाने की कोशिश की. मोदी ने अपने भाषण में पीएम आवास, आयुष्मान हेल्थ कार्ड, नल जल योजना, महतारी वंदन योजना के जरिए बस्तर के विकास की बात की. मोदी के बाद राहुल गांधी ने 13 अप्रैल को बस्तर में सभा की. राहुल गांधी ने बस्तर से कहा कि कांग्रेस की पांच न्याय गारंटी गांव, गरीब और किसानों का जीवन संवारने वाली साबित होगी.
आदिवासी और महिला वोटर करेंगे जीत डिसाइड: बस्तर लोकसभा सीट पर कुल मतदाता हैं 14 लाख 66 हजार 337. पुरुष मतदाताओं की संख्या 6 लाख 98 हजार 197 है. महिला वोटरों की संख्या 7 लाख 68 हजार 88 है. थर्ड जेंडर के यहां 52 वोटर भी चुनाव आयोग के आंकड़ों में रजिस्टर्ड हैं. बस्तर लोकसभा सीट पर मतदान के लिए इस बार चुनाव आयोग ने 1957 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इन मतदान केंद्रों में 97 संगवारी मतदान केंद्र, 08 दिव्यांग मतदान केंद्र वहीं शिफ्टिंग मतदान केंद्रों की संख्या 234 है.
क्या कहते हैं राजनीति के जानकार: बस्तर लोकसभा सीट पर कुल 11 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं. किर्गिस्तान से डॉक्टरी की पढ़ाई कर लौटे एक डॉक्टर भी चुनाव मैदान में हैं. मुख्य रुप से मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. पॉलिटिक्स पर पैनी नजर रखने वाले जानकार बताते हैं कि वोटर का मूड किस ओर जाएगा अभी कहना मुश्किल है. इतना जरुर है कि विकास और आतंकवाद से जूझ रहे नक्सलगढ़ की बेहतरी के लिए जनता वोट करेगी. चुनाव में बेरोजगारी भी मुख्य मुद्दा होगा. युवा और महिला वोटर जिस ओर जाएगा उसका पलड़ा भारी होगा. धर्मांतरण और रावघाट रेल लाइन भी इस बार के मतदान में बड़ा मुद्दा रहने वाला है.
कांग्रेस ने नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण का मुद्दा इस बार जोर शोर से उठाया है. रावघाट रेललाइन का मुद्दा भी है. बीजेपी ने इस रेल लाइन को शुरु करने की बात की थी लेकिन मामला अभी तक अटका पड़ा है. - श्रीनिवास रथ, वरिष्ठ पत्रकार
मैदान में भले ही 11 प्रत्याशी खड़े दिखाई दे रहे हों लेकिन मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. बीजेपी मोदी और हिंदुत्व की नाव पर सवार है. कवासी लखमा छह बास से विधायक रहे हैं. उनका अनुभव और बस्तर का विकास, जल, जमीन और आदिवासी मुद्दे चुनाव में हावी हैं. कांग्रेस का आदिवासी हितों पर फोकस ज्यादा है. - मनीष गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार
कोंडगांव में जवानों ने किया फ्लैग मार्च: शत प्रतिशत मतदान और वोटरों में सुरक्षा की भावना जगाने के लिए कोंडागांव में जवानों ने फ्लैग मार्च किया. जवानों के फ्लैग मार्च में खुद कलेक्टर और एसपी शामिल हुए. कलेक्टर ने कहा कि किसी भी वोटर को डरने की जरुरत नहीं है. लोग बिना डरे अपने वोट का इस्तेमाल करें. आपका वोट आपका अधिकार है. कलेक्टर ने बताया कि जिन इलाकों में नक्सलियों का असर है और दुर्गम इलाके हैं वहां पर हेलीकॉप्टर की मदद से मतदान दलों को भेजा गया है. कोंडागांव और नारायणपुर जिले में 296 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.