बस्तर: छत्तीसगढ़ के बस्तर में पिछले 4 दशकों से काबिज नक्सलवाद को खत्म करने के लिए सरकार नक्सल उन्नमूलन नीति और शांति वार्ता की बात कह रही है. पिछले 7 माह में 150 से अधिक माओवादियों को मार गिराने का दावा सरकार ने किया है. इन दावों के बीच सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंसाल्वेस ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार शांति वार्ता के नाम पर दोहरी राजनीति अपना रही है. बस्तर में हुए मुठभेड़ों में निर्दोष आदिवासियों की हत्या की बात सामने आई है. इस मामले में हम सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे.
"बस्तर में लगातार हो रहा फेक एनकाउंटर": इन मौतों की जांच करने की मांग भी की जा रही है. साथ ही इन मौत के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की बात भी सामने आई है. यह बात सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता कॉलिन गोंसाल्वेस ने कही है. बस्तर में प्रेसवार्ता के दौरान वकील कॉलिन गोंसाल्वेस ने कहा, "मुठभेड़ में मारे गए लोगों की जांच करने के लिए बस्तर दौरे पर आए हैं. मारे गए लोग क्या नक्सली हैं? या आम नागरिक? उनकी मौत माओवादियों के बंदूक से हुई है या पुलिस के बंदूक से हुई है. पिछले 2 दिनों से 70 लोगों का वीडियो टेस्टिमनी लिया गया. 70 लोगों में 35 महिला शामिल हैं, जिनकी मौत फेक एनकाउंटर में हुई है."
डीआरजी पर लगाया बड़ा आरोप: वकील कॉलिन गोंसाल्वेस ने डीआरजी पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, "बस्तर में तैनात किया गया DRG फोर्स सलवा जुडूम का अपग्रेड और सबसे खतरनाक वर्जन है. पहले सलवा जुडूम, जो कुछ समय के लिए शुरू किया गया था. उसे परमानेंट करके DRG बनाया गया है. उससे कहा गया है कि "जाओ और मारो". डीआरजी पर सार्वजनिक ऑडिट होनी चाहिए. हम कोर्ट में यह मांग करेंगे. छत्तीसगढ़ के बस्तर में घट रही घटना यह एक नरसंहार है. जैसे गाजा पट्टी में हुआ, मणिपुर में हुआ, वैसे ही बस्तर में भी नरसंहार हो रहा है. नरसंहार करने वाले लोग DRG हैं."
"बस्तर आईजी से अपील है कि यदि उनके बीच में कोई माओवादी है तो उन्हें तत्काल पकड़कर जेल में डालो. उसके बीच नहीं आएंगे, लेकिन यदि कोई भी नहीं है तो उनका नरसंहार करना बंद करें. बेकसूर को मारना आसान है लेकिन असली गुनहगारों को मारना बहुत मुश्किल है. यदि हिम्मत है तो असली माओवादी और टेररिस्ट जो छत्तीसगढ़ और बस्तर के अंदर हैं, उनको पकड़ो और जेल में डालो." -कॉलिन गोंसाल्वेस, सुप्रीम कोर्ट के वकील
हाईलेवल जांच की मांग: आगे वकील कॉलिन गोंसाल्वेस ने कहा, "बस्तर में हुए नरसंहार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर किया जाएगा, जिसमें 15-20 लोग शामिल रहेंगे. जिनके घरों में मौत हुई है. ऐसे 35-40 लोगों का हस्ताक्षर रहेगा. यह याचिका हत्या का होगा, न कि क्रॉस फायरिंग का. इस याचिका के तहत कोर्ट से मांग की जाएगी कि इन मौतों की एक जांच की जाए. यह जांच छत्तीसगढ़ पुलिस नहीं बल्कि बाहरी रिटायर्ड DGP करें, ताकि सच सामने आ सकें."
बता दें कि पिछले कई दिनों से बस्तर में फेक नक्सल एनकाउंटर का मुद्दा तूल पकड़ रहा है. इस बीच अब सुप्रीम कोर्ट के वकील ने फेक एनकाउंटर में निर्दोष आदिवासियों की मौत मामले में कोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही है.