बरेली: बेंगलुरु के मशहूर रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट मामले में नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने बरेली में छापा मारा है. एनआईए की लखनऊ यूनिट ने बुधवार को धौंराटांडा में एक मौलाना के घर पर फोर्स और मजिस्ट्रेट के साथ दबिश दी. मौलाना घर पर नहीं मिले. मौलाना को एक धार्मिक स्थल से उठाकर भोजीपुरा थाने लाया गया. जांच टीम ने उससे थाने में करीब पांच घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की.
सूत्रों के मुताबिक एनआईए की लखनऊ यूनिट की टीम बंगलौर में हुए बम धमाके की जांच के सिलसिले में बुधवार की सुबह भोजीपुरा नायब तहसीलदार के साथ भोजीपुरा थाने और धौंराटांडा चौकी की फोर्स को लेकर वार्ड नंबर पांच के निवासी मौलाना मोहम्मद उमैर के घर पर पहुंची. लेकिन घर पर मौलाना नहीं मिले. पुलिस मौलाना के पिता मोहम्मद शोएब को लेकर धौंराटांडा के ही एक धार्मिक स्थल पर पहुंची. टीम ने धार्मिक स्थल से मौलाना को उठाकर सीधे भोजीपुरा थाने ले गई.
भोजीपुरा थाने के प्रभारी निरीक्षक के कक्ष में करीब पांच घंटे तक पूछताछ चली. सूत्रों ने मुताबिक बंगलौर में इसी महीने के एक मार्च को कैफे में बम धमाका हुआ था. मौलाना मोहम्मद उमैर बेंगलुरु में एक धार्मिक स्थल पर नमाज पढ़ाता था. बम धमाके की घटना के बाद मौलाना मोहम्मद उमैर ने बेंगलुरु छोड़ दिया . धौंराटांडा से वह विदेश जाने की तैयारी में था. कर्नाटक एनआईए की टीम ने लखनऊ यूनिट को मौलाना उमैर के संबंध में जांच के निर्देश दिए थे.लखनऊ एनआईए की टीम पिछले कई दिनों से मौलाना की तलाश में जुटी थी. तभी उसके धौंराटांडा में होने की जानकारी मिली.
थाना प्रभारी भोजीपुरा ने बताया कि पूछताछ में मौलाना से अभी तक कोई बड़ा सुराग हाथ नहीं लगा है. लेकिन पुलिस और एनआईए टीम की जांच अभी जारी रहेगी. फिलहाल मौलाना को घर जाने दिया गया है.
बता दें कि 1 मार्च को दोपहर के करीब बेंगलुरु के मशहूर रामेश्वरम कैफे में धमाका हुआ था. इस घटना में चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गये. एक बैग में रखा कोई सामान फट गया था. यह जगह बेंगलुरु के सबसे मशहूर होटलों में से एक है.