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महाराष्ट्र की बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर रोक बढ़ी, 29 अगस्त को होगी अगली सुनवाई - POOJA KHEDKAR CASE

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 21, 2024, 12:37 PM IST

Updated : Aug 21, 2024, 12:44 PM IST

Hearing on IAS Pooja Khedkar case: फर्जी दस्तावेजों के आधार पर IAS परीक्षा में चयनित होने वाली पूजा खेडकर को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. आज बुधवार को हाईकोर्ट ने पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर लगी रोक बढ़ा दी है.

पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर रोक बढ़ी
पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर रोक बढ़ी (Etv Bharat)

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र की बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर लगी रोक 29 अगस्त तक बढ़ा दी है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को करने का आदेश दिया. बुधवार को सुनवाई के दौरान पूजा खेडकर की ओर से पेश वकील ने कहा कि यूपीएससी की ओर से दाखिल जवाब कल ही मिला है. उस पर जवाब दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की, जिसके बाद हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 29 अगस्त तारीख तय की.

पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती

बता दें कि 12 अगस्त को हाईकोर्ट ने पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी थी. पूजा खेडकर ने पटियाला हाउस कोर्ट की ओर से अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. पटियाला हाउस कोर्ट ने 1 अगस्त को पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. एडिशनल सेशंस जज देवेन्द्र कुमार जांगला ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया था.

पूजा की वकील ने पेश की थी ये दलील

पटियाला हाउस कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पूजा खेडकर की ओर से पेश वकील बीना माधवन ने कहा था कि इस मामले में शिकायत यूपीएससी की तरफ से की गई है जिसमें जालसाजी, धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है. उन्होंने कहा था कि पूजा के गिरफ्तार होने का खतरा है. माधवन ने कहा था कि पूजा खेडकर एक प्रोबेशनरी अधिकारी हैं. जिसकी वजह से नियमों के मुताबिक उसे कुछ अधिकार हासिल है.

माधवन ने यूपीएससी की शिकायत पढ़ी थी जिसमें कहा गया था कि खेडकर ने अपना नाम बदलकर यूपीएससी की परीक्षा में तय सीमा से अधिक अटेम्प्ट हासिल किए. यूपीएससी का कहना है कि उन्हें पूजा के खिलाफ कई शिकायतें मिलीं लेकिन पूजा ने कोई जानकारी नहीं छिपाई है. जहा तक ज्यादा अटेम्प्ट की बात है. उन्होंने भूलवश संख्या गलत बताई.

यह भी पढ़ें- पूजा खेडकर के पिता के खिलाफ पुणे में FIR दर्ज, सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप

माधवन ने पूजा खेडकर का विकलांगता प्रमाण पत्र अदालत के सामने रखते हुए बताया था कि यह सर्टिफिकेट आठ डॉक्टरों द्वारा बनाया गया है, जो एम्स का बोर्ड है. माधवन ने कहा था कि पूजा खेडकर के माता-पिता का तलाक हो चुका है वह एक दिव्यांग है और उसे उसी व्यवस्था ने विकलांग बना दिया है जिसका काम उसकी रक्षा करना था. उन्होंने सवाला उठाया था कि उसके खिलाफ यह सब क्यों किया जा रहा है, क्योंकि वह एक महिला है. वह दिव्यांग है.

पूजा खेडकर पर लगे आरोप

दरअसल, कुछ दिन पहले 2023 बैच की ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पर सत्ता के दुरुपयोग और फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए आरक्षण का लाभ लेने जैसे कई आरोप लगे थे. इन आरोपों के बाद केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर के खिलाफ सभी आरोपों की जांच के लिए एक सदस्यीय पैनल का गठन किया था. एक सदस्यीय पैनल ने 27 जुलाई को अपनी जांच रिपोर्ट कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को सौंप दी थी. पूजा खेडकर पर आरोप है कि उसने यूपीएससी परीक्षा में बैठने से पहले खुद को ओबीसी श्रेणी का बताते हुए एक फर्जी प्रमाणपत्र जमा किया था.

पूजा खेडकर पर आरोप है कि जाति आरक्षण का लाभ लेने के लिए घुमंतु जनजाति-3 श्रेणी के तहत भर्ती किया गया था, जो केवल बंजारी समुदाय के लिए आरक्षित है. पूजा खेडकर पर ये भी आरोप है कि उन्होंने फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था. पूजा खेडकर प्रोबेशन के दौरान अवैध मांग करने को लेकर विवादों में घिर गई थीं. कलेक्टर सुहास दिवासे ने खेडकर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.

यह भी पढ़ें- बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की दिल्ली हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई आज

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र की बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर लगी रोक 29 अगस्त तक बढ़ा दी है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को करने का आदेश दिया. बुधवार को सुनवाई के दौरान पूजा खेडकर की ओर से पेश वकील ने कहा कि यूपीएससी की ओर से दाखिल जवाब कल ही मिला है. उस पर जवाब दाखिल करने के लिए समय देने की मांग की, जिसके बाद हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 29 अगस्त तारीख तय की.

पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती

बता दें कि 12 अगस्त को हाईकोर्ट ने पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी थी. पूजा खेडकर ने पटियाला हाउस कोर्ट की ओर से अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है. पटियाला हाउस कोर्ट ने 1 अगस्त को पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. एडिशनल सेशंस जज देवेन्द्र कुमार जांगला ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया था.

पूजा की वकील ने पेश की थी ये दलील

पटियाला हाउस कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान पूजा खेडकर की ओर से पेश वकील बीना माधवन ने कहा था कि इस मामले में शिकायत यूपीएससी की तरफ से की गई है जिसमें जालसाजी, धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है. उन्होंने कहा था कि पूजा के गिरफ्तार होने का खतरा है. माधवन ने कहा था कि पूजा खेडकर एक प्रोबेशनरी अधिकारी हैं. जिसकी वजह से नियमों के मुताबिक उसे कुछ अधिकार हासिल है.

माधवन ने यूपीएससी की शिकायत पढ़ी थी जिसमें कहा गया था कि खेडकर ने अपना नाम बदलकर यूपीएससी की परीक्षा में तय सीमा से अधिक अटेम्प्ट हासिल किए. यूपीएससी का कहना है कि उन्हें पूजा के खिलाफ कई शिकायतें मिलीं लेकिन पूजा ने कोई जानकारी नहीं छिपाई है. जहा तक ज्यादा अटेम्प्ट की बात है. उन्होंने भूलवश संख्या गलत बताई.

यह भी पढ़ें- पूजा खेडकर के पिता के खिलाफ पुणे में FIR दर्ज, सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप

माधवन ने पूजा खेडकर का विकलांगता प्रमाण पत्र अदालत के सामने रखते हुए बताया था कि यह सर्टिफिकेट आठ डॉक्टरों द्वारा बनाया गया है, जो एम्स का बोर्ड है. माधवन ने कहा था कि पूजा खेडकर के माता-पिता का तलाक हो चुका है वह एक दिव्यांग है और उसे उसी व्यवस्था ने विकलांग बना दिया है जिसका काम उसकी रक्षा करना था. उन्होंने सवाला उठाया था कि उसके खिलाफ यह सब क्यों किया जा रहा है, क्योंकि वह एक महिला है. वह दिव्यांग है.

पूजा खेडकर पर लगे आरोप

दरअसल, कुछ दिन पहले 2023 बैच की ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पर सत्ता के दुरुपयोग और फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए आरक्षण का लाभ लेने जैसे कई आरोप लगे थे. इन आरोपों के बाद केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर के खिलाफ सभी आरोपों की जांच के लिए एक सदस्यीय पैनल का गठन किया था. एक सदस्यीय पैनल ने 27 जुलाई को अपनी जांच रिपोर्ट कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को सौंप दी थी. पूजा खेडकर पर आरोप है कि उसने यूपीएससी परीक्षा में बैठने से पहले खुद को ओबीसी श्रेणी का बताते हुए एक फर्जी प्रमाणपत्र जमा किया था.

पूजा खेडकर पर आरोप है कि जाति आरक्षण का लाभ लेने के लिए घुमंतु जनजाति-3 श्रेणी के तहत भर्ती किया गया था, जो केवल बंजारी समुदाय के लिए आरक्षित है. पूजा खेडकर पर ये भी आरोप है कि उन्होंने फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था. पूजा खेडकर प्रोबेशन के दौरान अवैध मांग करने को लेकर विवादों में घिर गई थीं. कलेक्टर सुहास दिवासे ने खेडकर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.

यह भी पढ़ें- बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की दिल्ली हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई आज

Last Updated : Aug 21, 2024, 12:44 PM IST
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