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कभी देखा है 'सरकारी चचरी पुल'? दो राज्यों को जोड़ने के लिए बिहार सरकार ने इसे खड़ा कर दिया - Bagaha Bamboo Bridge

बिहार का ग्रामीण कार्य विभाग भी गजब है! पक्का पुल तोड़कर 'चचरी वाला हाईवे' तैयार करने की कला किसी के पास है तो वो है बिहार का ग्रामीण कार्य विभाग. यूपी और बिहार के लोग इसी जगह से पुराने पुल से आवागमन करते थे, लेकिन 'दूरदर्शिता' की वजह से ग्रामीण कार्य विभाग ने पुल को तोड़कर नए पुल का निर्माण कार्य शुरू किया. लकिन, कहावत है कि 'सिर मुंडाते ही ओले पड़ने लगे.' कुछ ऐसा ही विभाग के साथ भी हुआ. तो फिर चचरी पुल बनाने की नौबत क्यों आई? जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर-

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बगहा में 'सरकारी' चचरी पुल (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 8, 2024, 4:44 PM IST

Updated : Aug 8, 2024, 4:59 PM IST

बगहा में 'सरकारी' चचरी पुल (ETV Bharat)

बगहा : बिहार के बगहा में एक 'सरकारी चचरी पुल' आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, इस तरह का पुल लोग सरकारी बेरुखी के चलते बनाते हैं लेकिन जब सरकार ही ऐसा जोखिम भरा पुल बनाए तो उसे क्या कहेंगे? बिहार से उत्तरप्रदेश को जोड़ने वाले अर्जुनही घाट पर ग्रामीण कार्य विभाग बिहार सरकार द्वारा लाखों की लागत से एक पक्के पुल का निर्माण किया जा रहा था. इसी बीच मॉनसून ने दस्तक दिया और नदी में बाढ़ आ गई, जिसके बाद लोगों को बिहार से यूपी और यूपी से बिहार आने जाने में काफी परेशानी होने लगी.

खतरनाक है इसपर से आरपार होना
खतरनाक है इसपर से आर-पार होना (ETV Bharat)

बगहा में 'सरकारी' चचरी पुल : ग्रामीण नदी में कमर भर पानी पार कर आवाजाही करने लगे. इसके अलावा छोटी नाव से बच्चों को यूपी पढ़ने आना जाना पड़ता था. जिसके बाद वाल्मीकीनगर लोकसभा क्षेत्र के सांसद सुनील कुमार कुशवाहा मंझरिया गांव के भ्रमण पर गए. इस दौरान ग्रामीणों ने पुल के बाबत शिकायत की. नतीजतन सांसद मौके निरीक्षण के लिए पहुंचे. सांसद सुनील कुमार ने मौके से ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों को डांट फटकार लगाई.

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बांस का पुल (ETV Bharat)

सांसद के हस्तक्षेप से तैयार हुआ पुल : सांसद की फटकार के बाद विभाग के अभियंता और ठिकेदारों ने आनन फानन में निर्माणाधीन पुल पर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत चचरी का पुल का निर्माण किया है, ताकि ग्रामीणों को आवाजाही में सहूलियत हो सके. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है की इस अर्जुनही घाट पर पूर्व में पुल था, लेकिन विभाग ने उस पुल को तोड़ नया पुल का निर्माण शुरू किया. हम ग्रामीणों ने पुराने पुल को तोड़ने का विरोध किया था. हमारी मांग थी की नया पुल बन जाए तब पुराने को तोड़ा जाए. लेकिन विभाग के लोगों ने आश्वासन दिया की बरसात के पूर्व पुल का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा.

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पुल से गुजरते लोग (ETV Bharat)

पुराना पुल तोड़कर बनाया चचरी पुल! : जब निर्माण शुरू हुआ इसी बीच बरसात का मौसम आ गया और नदी में बाढ़ आ गई. जिसके बाद सांसद के हस्तक्षेप के बाद इस पर सरकारी चचरी पुल बनाया गया है. बता दें की पिपरासी प्रखंड के तकरीबन आधा दर्जन पंचायत खासकर मंझरिया, सेमरा लबेदाहा, बलुआ ठोड़ी जैसे पंचायत के हजारों लोगों का प्रतिदिन यूपी आना जाना होता है.

चचरी पुल से आवागमन
चचरी पुल से आवागमन (ETV Bharat)

दो स्टेट का हाईवे बना चचरी पुल : उत्तर प्रदेश का जटहां बाजार बिहार के इन इलाकों से काफी सटा हुआ है. लिहाजा लोग बाजार करने समेत अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ने के लिए भेजते हैं. यहीं वजह है की इस पुल की अहमियत लोगों के लिए काफी बढ़ जाती है. फिलहाल यह अस्थाई चचरी पुल हीं लोगों के लिए बिहार-यूपी का लाइफलाइन बना हुआ है. हालांकि इस मामले में ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं.

चचरी पुल से निकलने की बारी का इंतजार करते लोग
चचरी पुल से निकलने की बारी का इंतजार करते लोग (ETV Bharat)

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बगहा में 'सरकारी' चचरी पुल (ETV Bharat)

बगहा : बिहार के बगहा में एक 'सरकारी चचरी पुल' आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, इस तरह का पुल लोग सरकारी बेरुखी के चलते बनाते हैं लेकिन जब सरकार ही ऐसा जोखिम भरा पुल बनाए तो उसे क्या कहेंगे? बिहार से उत्तरप्रदेश को जोड़ने वाले अर्जुनही घाट पर ग्रामीण कार्य विभाग बिहार सरकार द्वारा लाखों की लागत से एक पक्के पुल का निर्माण किया जा रहा था. इसी बीच मॉनसून ने दस्तक दिया और नदी में बाढ़ आ गई, जिसके बाद लोगों को बिहार से यूपी और यूपी से बिहार आने जाने में काफी परेशानी होने लगी.

खतरनाक है इसपर से आरपार होना
खतरनाक है इसपर से आर-पार होना (ETV Bharat)

बगहा में 'सरकारी' चचरी पुल : ग्रामीण नदी में कमर भर पानी पार कर आवाजाही करने लगे. इसके अलावा छोटी नाव से बच्चों को यूपी पढ़ने आना जाना पड़ता था. जिसके बाद वाल्मीकीनगर लोकसभा क्षेत्र के सांसद सुनील कुमार कुशवाहा मंझरिया गांव के भ्रमण पर गए. इस दौरान ग्रामीणों ने पुल के बाबत शिकायत की. नतीजतन सांसद मौके निरीक्षण के लिए पहुंचे. सांसद सुनील कुमार ने मौके से ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों को डांट फटकार लगाई.

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बांस का पुल (ETV Bharat)

सांसद के हस्तक्षेप से तैयार हुआ पुल : सांसद की फटकार के बाद विभाग के अभियंता और ठिकेदारों ने आनन फानन में निर्माणाधीन पुल पर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत चचरी का पुल का निर्माण किया है, ताकि ग्रामीणों को आवाजाही में सहूलियत हो सके. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है की इस अर्जुनही घाट पर पूर्व में पुल था, लेकिन विभाग ने उस पुल को तोड़ नया पुल का निर्माण शुरू किया. हम ग्रामीणों ने पुराने पुल को तोड़ने का विरोध किया था. हमारी मांग थी की नया पुल बन जाए तब पुराने को तोड़ा जाए. लेकिन विभाग के लोगों ने आश्वासन दिया की बरसात के पूर्व पुल का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा.

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पुल से गुजरते लोग (ETV Bharat)

पुराना पुल तोड़कर बनाया चचरी पुल! : जब निर्माण शुरू हुआ इसी बीच बरसात का मौसम आ गया और नदी में बाढ़ आ गई. जिसके बाद सांसद के हस्तक्षेप के बाद इस पर सरकारी चचरी पुल बनाया गया है. बता दें की पिपरासी प्रखंड के तकरीबन आधा दर्जन पंचायत खासकर मंझरिया, सेमरा लबेदाहा, बलुआ ठोड़ी जैसे पंचायत के हजारों लोगों का प्रतिदिन यूपी आना जाना होता है.

चचरी पुल से आवागमन
चचरी पुल से आवागमन (ETV Bharat)

दो स्टेट का हाईवे बना चचरी पुल : उत्तर प्रदेश का जटहां बाजार बिहार के इन इलाकों से काफी सटा हुआ है. लिहाजा लोग बाजार करने समेत अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ने के लिए भेजते हैं. यहीं वजह है की इस पुल की अहमियत लोगों के लिए काफी बढ़ जाती है. फिलहाल यह अस्थाई चचरी पुल हीं लोगों के लिए बिहार-यूपी का लाइफलाइन बना हुआ है. हालांकि इस मामले में ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं.

चचरी पुल से निकलने की बारी का इंतजार करते लोग
चचरी पुल से निकलने की बारी का इंतजार करते लोग (ETV Bharat)

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Last Updated : Aug 8, 2024, 4:59 PM IST
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