बलियाः जिले के एक सामूहिक विवाह समारोह में जबर्दस्त धांधली का मामला सामने आया है. प्रधान संघ के अध्यक्ष की ओर से यह मामला उठाए जाने के बाद मीडिया की सुर्खियों में छा गया. दरअसल, जिले में आयोजित एक सामूहिक विवाह समारोह में सैकड़ों दूल्हनों ने बिना दूल्हे के खुद को ही वरमाला डाली और शादी के मंडप में अकेले बैठ गई. सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने जांच बैठा दी है. इस मामले में अभी तक फर्जीवाड़ा करने वाले 8 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है.
बता दें कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सरकार 51 हजार रुपये देती है. इसी के चलते बलिया में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का आयोजन 25 जनवरी को किया गया. इसमें 568 जोड़ों की शादी होनी थी. इसका एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, इसमें बिना दूल्हे के दुल्हन खुद को ही वरमाला डाल रहीं हैं. वहीं मंडप पर भी अकेली बैठी नजर आ रही हैं. जब मौके पर मीडिया पहुंची तो एक नकदी दूल्हा भी पकड़ा गया. उसने बताया कि उसे पैसों का लालच देकर दूल्हा बनाया गया था. वहीं, यह पूरा मामला प्रधान संघ के अध्यक्ष ने मीडिया के सामने लाया था.
वहीं, पता चला कि कुछ लड़कियां घूमने आईं थी, उन्हें पैसों का लालच देकर दुल्हन बना दिया गया. इस पूरे मामले में बीजेपी बांसडीह विधायक केतकी सिंह का कहना है कि इस मामले की जांच कराई जा रही है. किसी को भी नहीं बख्सा जाएगा. गरीबों के साथ खिलवाड़ किया गया है.
वहीं, इस मामले को लेकर बलिया के डीएम रवींद्र कुमार का कहना है कि इस मामले की जांच के लिए 20 सदस्यीय टीम गठित कर दी है. मुख्यमंत्री सामूहिक शादी योजना के तहत मिलने वाली धनराशि पर फिलहाल रोक लगा दी है. अभी तक 20 आवेदनों की जांच में आठ आवेदन फर्जी मिले हैं. इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. सभी आवेदनों की जांच की जा रही है.
बता दें कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत प्रति विवाह पर सरकार की तरफ से 51 हजार रुपये खर्च किए जाते हैं. इसमें से 35 हजार रुपये विवाह बंधन में बंधने जा रही कन्या के बैंक खाते में अंतरित कर दिए जाएंगे. 10 हजार रुपये उपहार व शेष राशि अन्य व्यवस्थागत खर्चों के मद में है.