नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने हाल ही में संसद परिसर में हुई सुरक्षा चूक के मामले में आरोपी महेश कुमावत की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. एडिशनल सेशंस जज हरदीप कौर ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए जमानत याचिका ठुकराने का फैसला सुनाया. कोर्ट ने इस मामले में 21 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा था और 18 नवंबर को आरोपियों की न्यायिक हिरासत को 30 नवंबर तक बढ़ाने का आदेश दिया.
दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में प्रमुख रूप से यह कहा है कि आरोपी महेश कुमावत और अन्य साथी संसद भवन को निशाना बनाकर लोकतंत्र को बदनाम करने के प्रयास में थे. पुलिस की चार्जशीट में जानकारी दी गई है कि आरोपियों ने संसद पर हमले के लिए पिछले दो वर्षों से योजना बना रखी थी. यह चार्जशीट लगभग एक हजार पन्नों की है, जिसमें पुलिस ने इस मामले के अंतर्गत आरोपियों के आपसी संबंध और उनकी गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की है.
चार्जशीट में बताया गया कि आरोपी सोशल मीडिया के माध्यम से एक-दूसरे से मिले और करीब पांच बार मिलकर योजना बनाई. उनकी पहली मुलाकात फरवरी 2022 में मैसूर में हुई थी. इस मामले में आरोपी महेश कुमावत के अलावा मनोरंजन डी, ललित झा, अमोल शिंदे, सागर शर्मा और नीलम आजाद का भी नाम शामिल है. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत चार्जशीट दायर की है, साथ ही यूएपीए के तहत आरोप भी लगाए हैं.
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3 दिसंबर 2023 को हुई थी घटना: संसद की सुरक्षा से जुड़ी यह घटना 13 दिसंबर 2023 को हुई, जब दो आरोपी विजिटर गैलरी से चैंबर में कूद पड़े. कुछ ही समय में, एक आरोपी ने डेस्क पर चढ़कर अपने जूतों से कुछ चीज़ निकाली, जिससे अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा. इस घटना ने सदन में हड़कंप मचा दिया, और कुछ सांसदों ने आरोपियों को पकड़कर उनकी पिटाई की. बाद में संसद के सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने 21 दिसंबर 2023 को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को निर्देश दिया था कि आरोपी नीलम आजाद के परिजनों को एफआईआर की प्रति 24 घंटे के भीतर उपलब्ध कराई जाए. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी, जिसके परिणामस्वरूप 22 दिसंबर 2023 को हाईकोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी.
इमाम सिद्दीकी की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित
वहीं, दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले के सह आरोपी कौसर इमाम सिद्दीकी की जमानत याचिका पर फैसला 25 नवंबर तक सुरक्षित रख लिया है. सिद्दीकी की ओर से वकीलों ने कहा कि वह लंबे समय से जेल में हैं और एक सह-आरोपी को पहले ही जमानत मिल चुकी है, इसलिए उन्हें भी जमानत दी जानी चाहिए. इस मामले में मुख्य आरोपी अमानतुल्लाह खान को 2 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था, और ईडी ने उनके खिलाफ मनी लाउंड्रिंग के सबूत जुटाए हैं.
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