गौरेला पेंड्रा मरवाही: जिले से बैगा परिवार की एक महिला निर्दलीय चुनाव लड़ने जा रही है. ये बैगा महिला कोरबा लोकसभा क्षेत्र से सरोज पांडेय और ज्योत्सना महंत के खिलाफ चुनाव लड़ रही है. कोरबा लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशी के अलावा कुल 27 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है. दिलचस्प बात यह है इस चुनाव में मरवाही विधानसभा के दूरस्थ गांव से विशेष पिछड़ी जनजाति की शांति बाई बैगा भी इस चुनाव मैदान में जीरो संसाधन के साथ चुनाव लड़ रही हैं.
कोरबा से बैगा समाज की महिला लड़ रही चुनाव: विकास को समाज में अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का दावा वादा करके सरकारें सत्ता पर आती है. उन दावों की पोल खोलता हुआ एक ऐसा वर्ग सामने आया है जिसे राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र भी कहा जाता है. लाख विकास के दावों के बीच इस समाज की स्थिति में कोई विशेष बदलाव नहीं हुआ है. समाज के विकास के लिए शांति बाई बैगा ने इस बार संसद में जाने का निर्णय लिया है.
बैगा जनजाति के लिए अब तक कुछ भी नहीं हुआ. स्थिति जस की तस है. इसलिए राष्ट्रीय पार्टी से भरोसा उठ गया है. मुझे खुद चुनाव मैदान में उतरना पड़ा, हालांकि चुनाव के लिए मेरे पास संसाधनों की काफी कमी है. लेकिन लोगों का सहयोग मिल रहा है. -शांति बाई बैगा, निर्दलीय प्रत्याशी, कोरबा लोकसभा
विकास के लिए लड़ रही चुनाव: मरवाही विधानसभा के अंतिम गांव साल्हेघोरी के बेंदरापानी गांव की रहने वाले शांति बाई बैगा जंगली वनोपज पर निर्भर है. ये परिवार चुनाव प्रक्रिया से अनजान है. परिवार के सदस्यों को पता तो है कि वो चुनाव लड़ रही है. पर कौन सा चुनाव है ये नहीं पता. ये महिला गांव के विकास को लेकर चुनाव लड़ रही है.