बहराइच: बहराइच हिंसा मामले में बीजेपी विधायक सुरेश्वर सिंह की ओर से भाजयुमो नगर अध्यक्ष अर्पित श्रीवास्तव सहित आठ लोगों पर दर्ज कराए गए मुकदमा के बाद से प्रदेश में सियासत उबाल आ गया है. इस मामले में सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव ने ट्वीट कर बीजेपी पर जमकर हमला बोलते हुए लिखा कि, भाजपा के विधायक ही भाजपाइयों पर साजिश करने की एफआईआर करा रहे हैं और दंगाई छुपे कैमरे के सामने सच उगल रहे हैं.
वहीं अखिलेश यादव के आरोपों के बाद विधायक सुरेश्वर सिंह मीडिया से मुखातिब हुए. जिसमें उन्होंने कहा कि, पूर्व सीएम अखिलेश यादव की ओर से उपचुनाव जीतने के लिए भाजपा पर दंगा करवाने का आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि, 18 अक्टूबर को केस दर्ज करवाने के बाद उन्हें अर्पित श्रीवास्तव के बीजेपी पदाधिकारी होने की जानकारी हुई.
बता दें कि, जिले के महसी विधानसभा के भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह ने कोतवाली नगर में भाजपा युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष सहित आठ लोगों के खिलाफ बलवा फैलाने सहित कई अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया है. मंगलवार को प्रेस वार्ता के दौरान विधायक ने कहा कि, उपचुनाव के बाद सब शांत हो जाएगा. एफआईआर दर्ज कराने के संबंध में कहा कि, सभी जिला अस्पताल में उपद्रव फैलाने में मामले में शामिल थे. जिन्होंने एंबुलेंस के साथ मर्च्यूरी में तोड़फोड़ की. विधायक ने कहा कि जितने भी नामजद लोग हैं, सभी का सीसीटीवी फुटेज पुलिस देखेगी. उन्होंने कहा कि तोड़फोड़ में शामिल लोग नशे में थे.
पुलिस कार्रवाई पर विधायक ने कहा कि, सिर्फ दोषी लोग ही पकड़े जाएंगे. साथ ही जांच के दौरान किसी को भी पुलिस परेशान नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि, 13 अक्टूबर को डीएम मोनिका रानी, एसपी वृंदा शुक्ला, डीआईजी अमरेंद्र प्रताप सिंह और नगर मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में मेरे बेटे अखंड प्रताप सिंह के वाहन को रोका गया और एक राउंड फायरिंग भी की गई.
बता दें कि, बहराइच के महसी महाराजगंज बाजार में 13 अक्टूबर को देर शाम मां दुर्गा की मूर्ति के विसर्जन को लेकर जुलूस निकाला जा रहा था और डीजे बज रहा था. डीजे को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आपत्ति जताई. इसके साथ ही डीजे बंद करने को कहा. इसके बाद से छत से ईंट-पत्थर चलने लगे. इसके बाद युवक घर पर चढ़ जाता है. जिसकी बाद में गोली मारकर हत्या कर दी जाती है. घटना के अगले दिन जमकर हिंसा की घटना होती है.
कब क्या हुआ?
- 13 अक्टूबर को बहराइच के महसी महराजगंज में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान विवाद के बाद युवक राम गोपाल मिश्रा की हत्या.
- 14 अक्टूबर को युवक के अंतिम संस्कार के दौरान फिर भड़के लोग. एडीजी लॉ एंड ऑर्डल अमिताभ यश रिवाल्वर लेकर सड़क पर उतरे.
- पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने थानाध्यक्ष हरदी एसके वर्मा और चौकी इंचार्ज महसी शिव कुमार को निलम्बित किया.
- 17 अक्टूबर को पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया. इनमें 2 मुख्य आरोपियों सरफराज और तालीम को पुलिस की गोली लगी.
- 18 अक्टूबर को मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद समेत 23 के घर नोटिस चस्पा किया गया.
- 20 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने बुलडोजर की कार्रवाई पर 15 तक के लिए लगाई रोक.
- 21 अक्टूबर- ASP ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी को हटाए गए. उन्हें अब पुलिस महानिदेशक कार्यलाय (DGP HQs) से अटैच किया गया. उनके स्थान पर ASP को बहराइच ग्रामीण में तैनात किया गया.
- 21 अक्टूबर- महसी बीजेपी विधायक ने जिला अस्पताल में हंगामा मामले में भाजयूमो नगर अध्यक्ष सहित आठ लोगों पर एफआईआर दर्ज कराया.
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