बगहाः इंडो-नेपाल बॉर्डर पर स्थित वाल्मीकिनगर गंडक बराज नियंत्रण कक्ष से नदी में 4 लाख 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद बगहा के कई निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है. वहीं झंडू टोला स्थित SSB कैंप मेंं भी बाढ़ का पानी घुस गया है. जिससे SSB जवानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि बाढ़ की आशंका को देखते हुए पहले ही झंडू टोला, बिन टोली और चकदहवा के लोगों को सतर्क कर दिया गया था.
SSB 21वीं बटालियन के कैंप में घुसा पानीः गंडक नदी में लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद पूरा इलाका पानी-पानी हो गया है. दियारावर्ती निचले इलाके बाढ़ के पानी में पूरी तरह डूब गये हैं. इंडो-नेपाल बॉर्डर से सटे रामपुरवा पंचायत के चकदहवा, झंडू टोला और बिन टोली समेत SSB 21 वीं बटालियन के झंडू टोला रोहूआ कैम्प में भी बाढ़ का पानी घुसने से जवानों की समस्याएं बढ़ गई हैं.
मचान पर शरण लेने को मजबूरः चकदहवा, झंडू टोला और बिन टोली में बाढ़ का पानी घुसने के बाद कई लोग घरों में मचान बनाकर रह रहे हैं और उसी पर खाना भी बना रहे हैं.दूसरी तरफ रामनगर स्थित पहाड़ी मसान नदी भी कहर बरपा रही है. मसान नदी औऱ धमदाहा नदी का पानी दोन के नौरंगिया और बनकटवा समेत कई गांवों में घुस गया है, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं.
कई लोगों को सुरक्षित निकाला गयाः यही नहीं गंडक दियारा पार के पिपरासी और ठकराहा के कई इलाकों में नदी का पानी घुसकर तबाही मचा रहा है.हालांकि निचले इलाकों से कई लोगों को सुरक्षित निकालकर बाढ़ आश्रय शरण स्थली में शनिवार की शाम में ही शिफ्ट कर दिया गया था. अब बाढ़ प्रभावित इलाकों में सामुदायिक किचन चलवाने की प्रशासनिक तैयारी चल रही है.
"गंडक नदी किनारे बसे चकदहवा, झंडू टोला और बिन टोली में प्रत्येक वर्ष बाढ़ का पानी आता है. इस मॉनसून सत्र में भी गांव के साथ साथ झंडू टोला स्थित एसएसबी बीओपी कैंप में पानी घुसा है.कैंप में घुटने भर पानी लगा हुआ है. गंडक का जलस्तर कम होने के बाद ही कैंप से पानी निकलेगा." अश्विनी कुमार, कार्यवाहक कमांडेट, SSB 21वीं बटालियन