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लापरवाही ने ली 7 नवजात की जान, मजिस्ट्रेटी जांच होगी; जानिए, बेबी केयर सेंटर में आग लगने की घटना के बारे में सब कुछ - Baby Care Hospital Case - BABY CARE HOSPITAL CASE

दिल्ली के बेबी केयर सेंटर में 7 नवजात की जलकर मौत हो जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस हादसे के पीछे बड़ी लापरवाही सामने आई है. हॉस्पिटल के आसपास के लोगों में काफी आक्रोश है. उनका कहना है कि स्वास्थ्य विभाग इस तरह के अस्पतालों को मासूमों की जिंदगी के साथ कैसे खिलवाड़ करने दे रहा है. समय रहते ही कार्रवाई क्यों नहीं हो जा रही है. इस पूरी घटना पर अब तक क्या कुछ हुआ...जानने के लिए पढ़िए पूरी रिपोर्ट

बेबी केयर हॉस्पिटल में आग लगने की घटना की होगी मजिस्ट्रेटी जांच.
बेबी केयर हॉस्पिटल में आग लगने की घटना की होगी मजिस्ट्रेटी जांच. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 27, 2024, 9:57 AM IST

Updated : May 27, 2024, 3:56 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली के बेबी केयर सेंटर की आग की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. एनआईसीयू में वेंटिलेटर पर ही 7 नवजात ने दम तोड़ दिया. आग की लपटें इतनी तेज थी कि बच्चों को पीछे के रास्ते से बड़ी मुश्किल से निकाला गया. 5 बेड की क्षमता वाले हॉस्पिटल में 12 बच्चों का इलाज हो रहा था. जाहिर है, एक बेड पर दो या तीन बच्चे थे. आग लगने, हॉस्पिटल के मिस मैनेजमेंट और लापरवाही का जिम्मेदार कौन...फिलहाल, मामले में एफआईआर हो चुकी है. मालिक नवीन कीची और दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस घटना में मजिस्ट्रेटी जांच भी होगी.

हॉस्पिटल पर ये है गंभीर आरोपः अस्पताल के बेसमेंट में अवैध रूप से ऑक्सीजन के छोटे सिलिंडरों की रिफिलिंग की जा रही थी. यहीं से आग लगी जो देखते ही देखते ऊपर अस्पताल में पहुंच गई.

हॉस्पिटल के अंदर क्या हुआः शाहदरा पुलिस के मुताबिक, जब तीन मंजिला इस अस्पताल की पार्किंग में आग लगी तो अस्पताल में शॉर्ट सर्किट होने आदि की वजह से बिजली चली गई. ऐसे में मासूमों को ऑक्सीजन मिलनी बंद हो गई. बिजली जाने से ऑक्सीजन देने वाले सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया था. इसके बाद अस्पताल में धुआं भर गया था. कुछ मासूम झुलस गए थे. अस्पताल की महिला स्टाफ ने खिड़कियों के जरिए बच्चों को पड़ोस में रह रहे लोगों को दिया. बच्चों की नाक में लगी नली काली पड़ गई थी. उनकी त्वचा भी झुलस गई थी.

बेबी केयर हॉस्पिटल में आग लगने की घटना की होगी मजिस्ट्रेटी जांच.
बेबी केयर हॉस्पिटल में आग लगने की घटना की होगी मजिस्ट्रेटी जांच. (ETV Bharat)

यह है पूरा मामलाः शाहदरा जिला के विवेक विहार स्थित बेबी केयर सेंटर में शनिवार रात आग लगने से सात मासूमों की मौत हो गई. हादसे के समय अस्पताल में कुल 12 नवजात भर्ती थे. आग लगने पर पुलिस, दमकल विभाग, अस्पताल स्टाफ व पब्लिक ने किसी तरह अस्पताल की इमारत के पिछले हिस्से में मौजूद खिड़की के रास्ते सभी 12 बच्चों को निकालकर पूर्वी दिल्ली के एडवांस एनआईसीयू अस्पताल में भर्ती कराया, जहां सात मासूमों को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि पांच बच्चों का इलाज जारी है. इनमें एक नवजात की हालत बेहद नाजुक है.

यह भी पढ़ेंः विवेक विहार अग्निकांड जांच में खुलासा- बेबी केयर सेंटर का लाइसेंस हो चुका था एक्सपायर, एडमिट थे क्षमता से ज्यादा बच्चे

यह भी पढ़ेंः बेबी केयर सेंटर अग्निकांड: मृत नवजात बच्चों का हुआ पोस्टमार्टम, DM ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट

यह भी पढ़ेंः दिल्ली के बेबी केयर अस्पताल की घटना पर जमकर हो रही राजनीति, AAP ने भाजपा को घेरा

ऐसे लगी हॉस्पिटल में आगः प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हॉस्पिटल के बेसमेंट रखे करीब डेढ़ दर्जन सिलिंडरों में अचानक धमाके हुए. तेज आवाज सुनकर लोग घरों से निकले लेकिन सिलिंडरों को इधर उधर गिरते देख कोई हॉस्पिटल के नजदीक नहीं गया. करीब 12 धमाके हुए. सिलिंडर टुकड़े इधर-उधर बिखरे पड़े थे. सिलिंडर के टुकड़ों से आसपास के घरों के शीशे भी टूट गए.

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etv gfx (etv bharat)

इन नवजात की हुई मौत

  1. भजनपुरा के चंदू नगर निवासी मसी आलम और पत्नी सितारा का बेटा.
  2. विवेक विहार के ज्वाला नगर निवासी विनोद और ज्योति का बेटा.
  3. बुलंदशहर के रितिक और निकिता का बेटा.
  4. बागपत के पवन की पत्नी भारती की बेटी.
  5. साहिबाबाद के राजकुमार और उमा की बेटी.
  6. कृष्णा नगर के कांति नगर की नूरजहां की बेटी.
  7. गाजियाबाद के नवीन की पत्नी कुसुम का बेटा.

यह भी पढ़ेंः बेबी केयर सेंटर में आग लगने की घटना पर जांच के आदेश, स्वास्थ्य मंत्री ने हेल्‍थ सेक्रेटरी को भेजा ईमेल, कहा- कॉल-मैसेज का नहीं दे रहे जवाब

यह भी पढ़ेंः बेबी केयर सेंटर अग्निकांड: प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा- हुए तेज धमाके, टूटे घर के शीशे

यह भी पढ़ेंः बेबी केयर सेंटर अग्निकांड: राहगीर अबिद की बात मान लेता अस्पताल कर्मी तो बच सकती थी 7 मासूमों की जान, किया था आगाह

जब आग लगी तब क्या हो रहा थाः पीटीआई के मुताबिक, घटनास्थल पर कई लोग जमा हो गए थे और आग का वीडियो बना रहे थे. उनमें से कई लोग आग बुझाने की कोशिश कर रहे लोगों के करीब भी आ गए थे. अधिकारी लोगों से दूर रहने के लिए कह रहे थे. पानी की कमी और नीचे लटकते बिजली के तार समस्या बन रहे थे.

यहां पाई गई कमी

  • हॉस्पिटल में क्षमता से ज्यादा मरीज थे
  • अस्पताल में कोई अग्निशामक यंत्र नहीं लगा था.
  • अस्पताल में आपातकालीन निकास की व्यवस्था नहीं थी.
  • अस्पताल प्रबंधन मरीजों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में फेल रहा.
  • हॉस्पिटल लाइसेंस 31 मार्च को समाप्त हो गया था.
  • लाइसेंस केवल 5 बेड के लिए था, लेकिन 12 नवजात भर्ती थे.
  • हॉस्पिटल में मौजूद डॉक्टर इलाज के लिए योग्य नहीं थे.
  • डॉक्टर केवल BAMS डिग्री धारक हैं.

ये हुआ नुकसान

  • अस्पताल की दो मंजिला इमारत में ऑक्सीजन सिलेंडर लगे थे.
  • भीषण गर्मी के कारण फट गए, आस-पास की इमारतों को नुकसान पहुंचा.
  • आग से अस्पताल पूरी तरह से जलकर खाक हो गया.
  • इमारत में एक बुटीक, एक निजी बैंक, एक चश्मे का शोरूम और दूसरी इमारत में घरेलू सामान बेचने वाली एक दुकान को भी अपनी चपेट में लिया.
  • एक स्कूटर, एक एम्बुलेंस और पास के पार्क के एक हिस्से में भी आग लग गई थी.

यह भी पढ़ेंः विवेक व‍िहार अग्‍न‍िकांड से सहमी द‍िल्‍ली! प‍िछले चार सालों में इन अस्‍पतालों में भी लगी थी आग

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हॉस्पिटल पर ये है गंभीर आरोपः अस्पताल के बेसमेंट में अवैध रूप से ऑक्सीजन के छोटे सिलिंडरों की रिफिलिंग की जा रही थी. यहीं से आग लगी जो देखते ही देखते ऊपर अस्पताल में पहुंच गई.

हॉस्पिटल के अंदर क्या हुआः शाहदरा पुलिस के मुताबिक, जब तीन मंजिला इस अस्पताल की पार्किंग में आग लगी तो अस्पताल में शॉर्ट सर्किट होने आदि की वजह से बिजली चली गई. ऐसे में मासूमों को ऑक्सीजन मिलनी बंद हो गई. बिजली जाने से ऑक्सीजन देने वाले सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया था. इसके बाद अस्पताल में धुआं भर गया था. कुछ मासूम झुलस गए थे. अस्पताल की महिला स्टाफ ने खिड़कियों के जरिए बच्चों को पड़ोस में रह रहे लोगों को दिया. बच्चों की नाक में लगी नली काली पड़ गई थी. उनकी त्वचा भी झुलस गई थी.

बेबी केयर हॉस्पिटल में आग लगने की घटना की होगी मजिस्ट्रेटी जांच.
बेबी केयर हॉस्पिटल में आग लगने की घटना की होगी मजिस्ट्रेटी जांच. (ETV Bharat)

यह है पूरा मामलाः शाहदरा जिला के विवेक विहार स्थित बेबी केयर सेंटर में शनिवार रात आग लगने से सात मासूमों की मौत हो गई. हादसे के समय अस्पताल में कुल 12 नवजात भर्ती थे. आग लगने पर पुलिस, दमकल विभाग, अस्पताल स्टाफ व पब्लिक ने किसी तरह अस्पताल की इमारत के पिछले हिस्से में मौजूद खिड़की के रास्ते सभी 12 बच्चों को निकालकर पूर्वी दिल्ली के एडवांस एनआईसीयू अस्पताल में भर्ती कराया, जहां सात मासूमों को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि पांच बच्चों का इलाज जारी है. इनमें एक नवजात की हालत बेहद नाजुक है.

यह भी पढ़ेंः विवेक विहार अग्निकांड जांच में खुलासा- बेबी केयर सेंटर का लाइसेंस हो चुका था एक्सपायर, एडमिट थे क्षमता से ज्यादा बच्चे

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यह भी पढ़ेंः दिल्ली के बेबी केयर अस्पताल की घटना पर जमकर हो रही राजनीति, AAP ने भाजपा को घेरा

ऐसे लगी हॉस्पिटल में आगः प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हॉस्पिटल के बेसमेंट रखे करीब डेढ़ दर्जन सिलिंडरों में अचानक धमाके हुए. तेज आवाज सुनकर लोग घरों से निकले लेकिन सिलिंडरों को इधर उधर गिरते देख कोई हॉस्पिटल के नजदीक नहीं गया. करीब 12 धमाके हुए. सिलिंडर टुकड़े इधर-उधर बिखरे पड़े थे. सिलिंडर के टुकड़ों से आसपास के घरों के शीशे भी टूट गए.

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इन नवजात की हुई मौत

  1. भजनपुरा के चंदू नगर निवासी मसी आलम और पत्नी सितारा का बेटा.
  2. विवेक विहार के ज्वाला नगर निवासी विनोद और ज्योति का बेटा.
  3. बुलंदशहर के रितिक और निकिता का बेटा.
  4. बागपत के पवन की पत्नी भारती की बेटी.
  5. साहिबाबाद के राजकुमार और उमा की बेटी.
  6. कृष्णा नगर के कांति नगर की नूरजहां की बेटी.
  7. गाजियाबाद के नवीन की पत्नी कुसुम का बेटा.

यह भी पढ़ेंः बेबी केयर सेंटर में आग लगने की घटना पर जांच के आदेश, स्वास्थ्य मंत्री ने हेल्‍थ सेक्रेटरी को भेजा ईमेल, कहा- कॉल-मैसेज का नहीं दे रहे जवाब

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यह भी पढ़ेंः बेबी केयर सेंटर अग्निकांड: राहगीर अबिद की बात मान लेता अस्पताल कर्मी तो बच सकती थी 7 मासूमों की जान, किया था आगाह

जब आग लगी तब क्या हो रहा थाः पीटीआई के मुताबिक, घटनास्थल पर कई लोग जमा हो गए थे और आग का वीडियो बना रहे थे. उनमें से कई लोग आग बुझाने की कोशिश कर रहे लोगों के करीब भी आ गए थे. अधिकारी लोगों से दूर रहने के लिए कह रहे थे. पानी की कमी और नीचे लटकते बिजली के तार समस्या बन रहे थे.

यहां पाई गई कमी

  • हॉस्पिटल में क्षमता से ज्यादा मरीज थे
  • अस्पताल में कोई अग्निशामक यंत्र नहीं लगा था.
  • अस्पताल में आपातकालीन निकास की व्यवस्था नहीं थी.
  • अस्पताल प्रबंधन मरीजों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में फेल रहा.
  • हॉस्पिटल लाइसेंस 31 मार्च को समाप्त हो गया था.
  • लाइसेंस केवल 5 बेड के लिए था, लेकिन 12 नवजात भर्ती थे.
  • हॉस्पिटल में मौजूद डॉक्टर इलाज के लिए योग्य नहीं थे.
  • डॉक्टर केवल BAMS डिग्री धारक हैं.

ये हुआ नुकसान

  • अस्पताल की दो मंजिला इमारत में ऑक्सीजन सिलेंडर लगे थे.
  • भीषण गर्मी के कारण फट गए, आस-पास की इमारतों को नुकसान पहुंचा.
  • आग से अस्पताल पूरी तरह से जलकर खाक हो गया.
  • इमारत में एक बुटीक, एक निजी बैंक, एक चश्मे का शोरूम और दूसरी इमारत में घरेलू सामान बेचने वाली एक दुकान को भी अपनी चपेट में लिया.
  • एक स्कूटर, एक एम्बुलेंस और पास के पार्क के एक हिस्से में भी आग लग गई थी.

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Last Updated : May 27, 2024, 3:56 PM IST
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