रुद्रप्रयाग: भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली ने आज बुधवार 8 मई को प्रात: 8.45 बजे फाटा से तीसरे पड़ाव गौरामाई मंदिर गौरीकुंड को प्रस्थान किया. बीते 6 मई को देवडोली श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से प्रवास हेतु पहुंची थी. मंगलवार 7 मई को डोली अपने दूसरे पड़ाव फाटा पहुंची थी.
केदारनाथ जा रही है बाबा की चल विग्रह डोली: इस बार की चारधाम यात्रा 10 मई को शुरू हो रही है. गंगोत्री, यमुनोत्री और श्री केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार 10 मई को खुल रहे हैं. भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव पंचमुखी मूर्ति की देवडोली को श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के स्वयं सेवक एवं हक- हकूकधारी पांवों में बिना कुछ पहने पैदल चलकर शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से श्री केदारनाथ धाम तक पहुंचाते हैं.
आज गौरीकुंड में रात्रि विश्राम करेगी बाबा की डोली: आज बुधवार सुबह फाटा से प्रस्थान होते समय जगह-जगह श्रद्धालुजन तथा स्कूली बच्चे बाबा केदार का जय घोष कर पुष्प वर्षा कर रहे हैं. बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ हरीश गौड़ ने बताया कि सैकड़ों देश-विदेश के श्रद्धालुजन भी डोली यात्रा के साथ केदारनाथ जा रहे हैं. पंचमुखी डोली के गौरीकुंड प्रस्थान के समय विष्णु प्रसाद कुर्मांचली, केदारनाथ धाम के पुजारी शिवशंकर लिंग, कार्याधिकारी आरसी तिवारी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डीएस भुजवाण एवं यदुवीर पुष्पवान, डोली प्रभारी प्रदीप सेमवाल, भरत कुर्मांचली, कुलदीप धर्म्वाण, संजय कुकरेती सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे.
10 मई को शुरू हो रही है चारधाम यात्रा: उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 2024 इस बार 10 मई से शुरू होने जा रही है. गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम की यात्रा को उत्तराखंड के चारधाम कहते हैं. देश के चारधामों में रामेश्वरम, जगन्नाथ पुरी, द्वारका और श्रीबदरीनाथ धाम शामिल हैं. रामेश्वरम तमिलनाडु में स्थित है. जगन्नाथ पुरी ओडिसा में है. द्वारका गुजरात में है. श्रीबदरीनाथ धाम उत्तराखंड में स्थित है.
उत्तराखंड के चारधामों में गंगोत्री और यमुनोत्री धाम उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं. केदारनाथ धाम रुद्रप्रयाग जिले में है. बदरीनाथ धाम चमोली जिले में स्थित है. गंगोत्री धाम गंगा नदी के किनारे है और ये गंगा मां का मंदिर है. यमुनोत्री धाम यमुना नदी के किनारे है और ये यमुना माता का मंदिर है. केदारानाथ धाम मंदाकिनी नदी के किनारे स्थित है और ये भगवान शिव का मंदिर है. बदरीनाथ धाम भागीरथी नदी के किनारे स्थित है और ये भगवान विष्णु का मंदिर है.
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