नई दिल्ली: अयोध्या में आज रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. इस कार्यक्रम में हजारों लोगों को शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा गया है. जहां दिग्गजों ने निमंत्रण मिलने पर अपने को धन्य बताया वहीं, विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाई है. उनका कहना है कि बीजेपी इस कार्यक्रम को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. आइये जानते हैं कि कौन-कौन इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा.
सबसे पहले बात करते हैं सोनिया गांधी की. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष को इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन इसे अस्वीकार कर दिया गया.
इस लिस्ट में दूसरा नाम कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का है. मंदिर न्यास की ओर से उन्हें निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन उन्होंने कहा कि बीजेपी इसे राजनीतिक रंग दे रही है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस इसे चुनावी कार्यक्रम बना रहे हैं.
इसके बाद नंबर आता है लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी का. उन्होंने भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने से इंकार कर दिया है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस कार्यक्रम में शामिल होने से इंकार किया है. वे इन दिनों असम में भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम है.
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस कार्यक्रम से दूरी बनाई है. उन्होंने कहा कि वे 22 जनवरी के बाद सपरिवार अयोध्या में बन रहे राम मंदिर जाएंगे और रामलला के दर्शन करेंगे.
आम आदमी पार्टी के संरक्षक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी कहा कि वे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे. उनका भी कहना है कि वे सपरिवार बाद में अयोध्या जाएंगे.
पश्चिम बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने भी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं का फैसला किया है. वे हमेशा से भारतीय जनता पार्टी की धुर विरोधी रही हैं. उन्होंने कहा कि वह 22 जनवरी को राज्य में सद्भावना रैली निकालेंगी.
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी इस कार्यक्रम में शिरकत नहीं करेंगे. उन्होने निमंत्रण अस्वीकार करते हुए कोई वजह नहीं बताई है.
राष्ट्रवादी कांंग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने भी इस कार्यक्रम से दूरी बनाई है. उनका कहना है कि वे 22 जनवरी के बाद किसी दिन राम मंदिर दर्शन करने आएंगे.
सीपीआई(एम) महासचिव सीताराम येचुरी को भी निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन राजनीति के चलते उन्होंने इस कार्यक्रम से दूरी बनाई हुई है.
शिवसेना के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने भी रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से दूरी बनाई है. उन्हें इस कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण भेजा गया था, लेकिन बीजेपी से नाराजगी के चलते उन्होंने शामिल नहीं होने का फैसला किया है.