लखनऊ : रामनगरी में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है. देश-दुनिया के तमाम रामभक्त लगातार राम मंदिर में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. रामनगरी के हर कोने को संवारा गया है. रेलवे स्टेशन को भी अलग लुक देने की कोशिश की गई है. सरकार की ओर से रामनगरी को हिंदू संस्कृति के अनुसार बड़े धार्मिक स्थल के तौर पर विकसित किया जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन को भी खास तरह से डिजाइन किया गया है. अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन अयोध्या के विकास और उसके धार्मिक महत्व को दर्शाने का सबसे बेहतर माध्यम बनकर दुनिया के सामने आया है. इसमें रामायण और अयोध्या में मौजूद प्रतीकों को शामिल किया गया है.
अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का आर्किटेक्ट डिजाइन तैयार करने वाले मुरलेज आर्किटेक्ट कंपनी के मुख्य आर्किटेक्ट सुमित अग्रवाल ने बताया कि राम मंदिर बन जाने से अयोध्या का महत्व काफी बढ़ा है. अयोध्या का रेलवे स्टेशन अयोध्या का गेटवे है. इस पर अयोध्या का रिफ्लेक्शन है. अयोध्या से जुड़ी, भगवान राम से जुड़ी, रामायण से जुड़ी किस्से-कहानियां ऑब्जेक्ट्स को इसमें शामिल किया गया है. यह ऐसा है कि जिससे रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग को देखते ही पता चल जाए कि आप अयोध्या आ गए हैं.
डिजाइन से पहले टीम ने किया रामनगरी का भ्रमण : सुमित अग्रवाल ने बताया कि जब उन्हें यह काम रेलवे मंत्रालय द्वारा सौंपा गया तो उन्होंने सबसे पहले अपनी टीम के साथ अयोध्या का भ्रमण किया. शहर में वहां के आर्किटेक्ट, वहां के मंदिरों को देखा, वहां पर जो भी निर्माण हैं, उनके पीछे की कहानी और उनके डिजाइन को समझा. शहर में जो इमारतें हैं, उनके प्रमुख रंगों आदि पर एक पूरा विस्तृत रिसर्च किया. इसके बाद ही अयोध्या रेलवे स्टेशन को डिजाइन किया. डिजाइन में न केवल अयोध्या में स्थित सभी बड़े मंदिरों के हिस्सों को लिया गया है. बल्कि इसका जो गुंबद है वह भी एक विशेष डिजाइन के तौर पर तैयार किया गया है. इससे यह रेलवे स्टेशन पूरे देश में अपने आप में एक अनूठा रेलवे स्टेशन बन गया है.
गुंबद भगवान राम के सूर्यवंशी मुकुट को दर्शाता है : सुमित अग्रवाल ने बताया कि अयोध्या रेलवे स्टेशन के डिजाइन को तैयार करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि इस स्टेशन पर ही अयोध्या से जुड़े सभी स्थलों के प्रतीक उभर कर सामने आ जाएं. इस बिल्डिंग का जो आर्किटेक्ट है, वह अलग-अलग चीजों से प्रभावित होकर तैयार किया गया है. बिल्डिंग का जो पिलर आर्चीज है, वह जानकी महल से इंस्पायर्ड है. कुछ उसके पिरामिडल शेप्स है. पगोडा हनुमानगढ़ी से लिया गया है. बाकी इसके अलावा रामायण से ही कुछ कुछ एब्स्ट्रेक्ट आर्ट दी गई है. इसके अलावा कैनवास आर्ट और दूसरे माध्यम से रामायण के समय के कैरेक्टर्स और चीजों को स्टेशन के अंदर उभार गया है.
रेलवे स्टेशन पर एक समय में 60000 लोग रह सकते हैं : आर्किटेक्ट सुमित अग्रवाल ने बताया कि मौजूदा अयोध्या रेलवे स्टेशन में एक बार में करीब 60000 यात्री रह सकते हैं. साथी इसका आर्किटेक्ट इस तरह से तैयार किया गया है कि अगर भविष्य में कभी रेलवे स्टेशन को विस्तारित करना हो तो इसको दूसरी तरफ स्टेशन बनाकर आसानी से जोड़ा जा सकता है. उन्होंने बताया कि यह रेलवे स्टेशन अपने आप में दुनिया का सबसे अनोखा रेलवे स्टेशन है. यह भारत के दूसरे रेलवे स्टेशनों से सबसे अलग है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा हमारी कंपनी मौजूदा समय में राष्ट्रीय अकादमी कस्टम अप्रत्यक्ष कर और नारकोटिक्स की नई बिल्डिंग का आर्किटेक्ट भी तैयार किया है.
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