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रूसी सेना में भर्ती 69 भारतीय नागरिकों की रिहाई का इंतजार: लोकसभा में जयशंकर ने बताया - Jaishankar in Lok sabha

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 9, 2024, 4:14 PM IST

Jaishankar in Lok sabha, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि सरकार रूस में फंसे भारतीयों के मुद्दे को लेकर गंभीर है. उन्होंने बताया कि अब तक 91 भारतीय नागरिक रूसी सेना में भर्ती हुए हैं. इनमें से 8 लोगों की मौत हो है जबकि उनमें से 14 को रिहाई दे दी गई है.

Foreign Minister S. Jaishankar
विदेश मंत्री एस. जयशंकर (ANI)

नई दिल्ली: रूसी सेना में भर्ती हुए 69 भारतीय नागरिकों की रिहाई का इंतजार है. उक्त जानकारी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा में दी. उन्होंने कहा कि कुल 91 भारतीय नागरिक हैं जिन्हें रूसी सेना में भर्ती किया गया था. उनमें से 8 की दुर्भाग्यवश मृत्यु हो गई है और उनमें से 14 को रिहाई दे दी गई है. जयशंकर शुक्रवार को लोकसभा में एआईएमआईएम सदस्य असदुद्दीन ओवैसी के प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे.

विदेश मंत्री से पूछा गया था कि क्या भारत उन व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है जो युवाओं को रूसी सेना में भर्ती होने के लिए गुमराह कर रहे हैं, और क्या भारत रूस से रियायती दर पर तेल खरीदना बंद कर देगा, यदि वह उस देश की सेना में भर्ती हुए भारतीयों को रिहा करने के लिए कार्रवाई नहीं करता है. विदेश मंत्री ने कहा, "हमारे पास अब तक कुल 91 मामले हैं जिनमें भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में भर्ती किया गया है. दुर्भाग्यवश, उनमें से आठ की मृत्यु हो गई है. उनमें से 14 को रिहाई दे दी गई है या किसी तरह से वे हमारी सहायता से वापस आ गए हैं. और 69 भारतीय नागरिक हैं जो रूसी सेना से रिहाई का इंतजार कर रहे हैं."

प्रश्नकाल के दौरान उन्होंने कहा, "हम इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से लेते हैं." "मैंने स्वयं रूसी विदेश मंत्री के साथ इस मुद्दे को कई बार उठाया है और जब प्रधानमंत्री पिछले महीने मास्को में थे, तो उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन के साथ व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे को उठाया था. इस पर राष्ट्रपति पुतिन से आश्वासन मिला था कि जो भी भारतीय नागरिक रूसी सेना में सेवारत हैं, उन्हें मुक्त कर दिया जाएगा." वहीं रूसी अधिकारियों का कहना है कि इन भारतीय नागरिकों ने रूसी सेना के साथ सेवा के लिए अनुबंध किया था.

जयशंकर ने कहा, "हम ऐसा नहीं मानते, हम जरूरी नहीं कि ऐसा मानते हों. मैं माननीय सदस्य के विचार से सहमत हूं. मुझे लगता है कि कई मामलों में, यह संकेत देने के लिए कारण हैं कि हमारे नागरिकों को गुमराह किया गया. उन्हें बताया गया कि वे किसी अन्य नौकरी के लिए जा रहे हैं और फिर उन्हें रूसी सेना में तैनात कर दिया गया." युवाओं को गुमराह करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्री ने कहा कि सीबीआई ने 19 व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है. उन्होंने कहा, "उन्होंने उन 14 लोगों की जांच की है जो रूस से लौटे हैं. इनमें 10 मानव तस्करों के खिलाफ पर्याप्त सबूत सामने आए हैं जिनकी पहचान हमें पता है."

उन्होंने कहा कि जांच के दौरान 24 अप्रैल को दो और 7 मई को दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. चारों आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. साथ ही, साइबर तस्करी से संबंधित एक प्रश्न के संबंध में, लोगों को गुमराह किया जा रहा है. उन्हें दक्षिण पूर्व एशिया में ले जाया जा रहा है और साइबर घोटाले और संबंधित मुद्दों पर काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. जयशंकर ने दोहराया कि भारत ने इसे राजनीतिक स्तर पर सभी संबंधित सरकारों के साथ उठाया है. "अब तक कंबोडिया से 650, म्यांमार से 415 और लाओस से 548 भारतीय नागरिकों को वापस लाया जा चुका है." उन्होंने कहा कि सरकार भी इस मुद्दे की गंभीरता को समझती है, यह एक ऐसा मुद्दा है जिसके प्रति हमें बहुत सतर्क रहना होगा. हमें बहुत कठोर कार्रवाई करनी होगी. विदेश मंत्री ने बताया कि इसलिए मैंने उत्तर के साथ पिछले तीन वर्षों के राज्यवार मामलों की सूची भी संलग्न की है. इसमें कार्रवाई रिपोर्ट क्या है, उन मामलों में कानूनी कार्यवाही की स्थिति क्या है.

ये भी पढ़ें - जया बच्चन ने सभापति की 'टोन' पर जताया ऐतराज तो धनखड़ हुए नाराज, विपक्ष ने किया वॉक आउट

नई दिल्ली: रूसी सेना में भर्ती हुए 69 भारतीय नागरिकों की रिहाई का इंतजार है. उक्त जानकारी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा में दी. उन्होंने कहा कि कुल 91 भारतीय नागरिक हैं जिन्हें रूसी सेना में भर्ती किया गया था. उनमें से 8 की दुर्भाग्यवश मृत्यु हो गई है और उनमें से 14 को रिहाई दे दी गई है. जयशंकर शुक्रवार को लोकसभा में एआईएमआईएम सदस्य असदुद्दीन ओवैसी के प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे.

विदेश मंत्री से पूछा गया था कि क्या भारत उन व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है जो युवाओं को रूसी सेना में भर्ती होने के लिए गुमराह कर रहे हैं, और क्या भारत रूस से रियायती दर पर तेल खरीदना बंद कर देगा, यदि वह उस देश की सेना में भर्ती हुए भारतीयों को रिहा करने के लिए कार्रवाई नहीं करता है. विदेश मंत्री ने कहा, "हमारे पास अब तक कुल 91 मामले हैं जिनमें भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में भर्ती किया गया है. दुर्भाग्यवश, उनमें से आठ की मृत्यु हो गई है. उनमें से 14 को रिहाई दे दी गई है या किसी तरह से वे हमारी सहायता से वापस आ गए हैं. और 69 भारतीय नागरिक हैं जो रूसी सेना से रिहाई का इंतजार कर रहे हैं."

प्रश्नकाल के दौरान उन्होंने कहा, "हम इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से लेते हैं." "मैंने स्वयं रूसी विदेश मंत्री के साथ इस मुद्दे को कई बार उठाया है और जब प्रधानमंत्री पिछले महीने मास्को में थे, तो उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन के साथ व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे को उठाया था. इस पर राष्ट्रपति पुतिन से आश्वासन मिला था कि जो भी भारतीय नागरिक रूसी सेना में सेवारत हैं, उन्हें मुक्त कर दिया जाएगा." वहीं रूसी अधिकारियों का कहना है कि इन भारतीय नागरिकों ने रूसी सेना के साथ सेवा के लिए अनुबंध किया था.

जयशंकर ने कहा, "हम ऐसा नहीं मानते, हम जरूरी नहीं कि ऐसा मानते हों. मैं माननीय सदस्य के विचार से सहमत हूं. मुझे लगता है कि कई मामलों में, यह संकेत देने के लिए कारण हैं कि हमारे नागरिकों को गुमराह किया गया. उन्हें बताया गया कि वे किसी अन्य नौकरी के लिए जा रहे हैं और फिर उन्हें रूसी सेना में तैनात कर दिया गया." युवाओं को गुमराह करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ की गई कार्रवाई के संबंध में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्री ने कहा कि सीबीआई ने 19 व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है. उन्होंने कहा, "उन्होंने उन 14 लोगों की जांच की है जो रूस से लौटे हैं. इनमें 10 मानव तस्करों के खिलाफ पर्याप्त सबूत सामने आए हैं जिनकी पहचान हमें पता है."

उन्होंने कहा कि जांच के दौरान 24 अप्रैल को दो और 7 मई को दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. चारों आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. साथ ही, साइबर तस्करी से संबंधित एक प्रश्न के संबंध में, लोगों को गुमराह किया जा रहा है. उन्हें दक्षिण पूर्व एशिया में ले जाया जा रहा है और साइबर घोटाले और संबंधित मुद्दों पर काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. जयशंकर ने दोहराया कि भारत ने इसे राजनीतिक स्तर पर सभी संबंधित सरकारों के साथ उठाया है. "अब तक कंबोडिया से 650, म्यांमार से 415 और लाओस से 548 भारतीय नागरिकों को वापस लाया जा चुका है." उन्होंने कहा कि सरकार भी इस मुद्दे की गंभीरता को समझती है, यह एक ऐसा मुद्दा है जिसके प्रति हमें बहुत सतर्क रहना होगा. हमें बहुत कठोर कार्रवाई करनी होगी. विदेश मंत्री ने बताया कि इसलिए मैंने उत्तर के साथ पिछले तीन वर्षों के राज्यवार मामलों की सूची भी संलग्न की है. इसमें कार्रवाई रिपोर्ट क्या है, उन मामलों में कानूनी कार्यवाही की स्थिति क्या है.

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