मिर्जापुरः दिल्ली की गद्दी संभालने जा रही (Delhi New Chief Minister) आतिशी मर्लेना का यूपी से भी बड़ा कनेक्शन हैं. उनके पति (Atishi Marlena Husband) यूपी के मिर्जापुर के अनंतपुर गांव के रहने वाले हैं. इस वजह से आतिशी यूपी की बहू हैं. आतिशी की ससुराल बेहद शिक्षित परिवार के रूप में जानी जाती है. मिर्जापुर के अलावा उनका बनारस से भी खास नाता है. बनारस के लंका इलाके में उनकी ससुराल है. उनके ससुर बीएचयू के पूर्व कुलपति रह चुके हैं.
बता दें कि अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के दिल्ली सीएम पद से इस्तीफे देने के बाद आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक में आतिशी को नए मुख्यमंत्री के रूप में पेश किया गया है. आतिशी ने सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया है.
आतिशी का मिर्जापुर कनेक्शनः आतिशी उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद की बहू हैं. आतिशी की ससुराल मिर्जापुर जिले के मझवां विधानसभा क्षेत्र के अंनतपुर गांव में है. ICAR के पूर्व अध्यक्ष और बीएचयू के वाइस चांसलर प्रो. पंजाब सिंह के इकलौते बेटे आईआईटियन प्रवीण सिंह से आतिशी की शादी 2006 में हुई थी.
आतिशी के चचिया सास-ससुर ने दी बधाई: आतिशी की चचिया सास उर्मिला सिंह और ससुर गिरिजा सिंह कहते हैं कि लोगों का फोन आ रहा है, सभी बधाई दे रहे हैं. कुछ लोग घर पर आकर भी बधाई दे रहे हैं. आज हम लोगों को बहुत खुशी है कि हमारे घर की बहू दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने जा रही है. आतिशी बहुत सीधी साधी बहू है, काम में विश्वास रखती हैं.
आतिशी की कैसे हुई थी शादीः आतिशी ने अपने जीवन के सात साल मध्यप्रदेश के छोटे से गांव में बिताए. वहां एक एनजीओ की टीम में काम करते हुए उनका परिचय प्रवीण सिंह से हुआ था. इसके बाद दोनों ने शादी कर ली. 2006 में दोनों की शादी बनारस में बेहद धूमधाम से हुई थी.
आतिशी के पति कौन हैं: दिल्ली की सक्रिय राजनीति में आने से पहले उनका स्थाई निवास बनारस से हुआ करता था. आतिशी के पति प्रवीण वर्तमान में सामाजिक कार्यों में काफी सक्रिय रहते हैं. वह ग्रामीण अंचल में उत्थान कृषि और सामाजिक स्तर को बेहतर करने के लिए सामाजिक कार्यो को करते हैं.
कहां से पढ़ाई की और क्या करते हैं: आतिशी के पति प्रवीण सिंह पंजाबी राजपूत परिवार से ताल्लुक रखते हैं. वह रिसर्चर हैं. वह सद्भावना इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी के साथ काम कर रहे हैं. वह दिल्ली IIT से पास आउट है. इसके अलावा उन्होंने IIM अहमदाबाद से भी पढ़ाई की है.
उन्होंने 8 साल तक कॉर्पोरेट सेक्टर में काम किया है. अमेरिका की कंसल्टेंसी फर्म में काम के बाद वह समाजसेवा के क्षेत्र में उतर गए. वह शुरू से आम आदमी पार्टी से जुड़े रहे. प्रवीण सुर्खियों और चर्चा से दूरी बनाकर रखते हैं. शायद यही वजह है कि उनकी फोटो सोशल मीडिया पर बहुत कम है.
BHU के कुलपति रह चुके ससुरः कछवां के अनंतपुर गांव के रहने वाले प्रो. पंजाब सिंह आतिशी के ससुर हैं. बीएचयू के पूर्व कुलपति प्रो. पंजाब सिंह ने सहायक अध्यापक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी. वह कृषि शोध एवं शिक्षा विभाग के सचिव व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक के पद पर भी रह चुके हैं. प्रो. पंजाब सिंह ने मिर्जापुर बीएचयू के दक्षिणी परिसर बरकछा की स्थापना कराई थी.
जिला मुख्यालय से 10 किमी दूर बरकछा में 30 मई 2005 को पहली बार काशी हिदू विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति प्रो. पंजाब सिंह परिसर पहुंचे थे, वर्ष 2006 में भूमि पूजन कराया था. इस जगह का नाम राजीव गांधी दक्षिणी परिसर रख दिया. 2700 एकड़ में फैले परिसर में आज ग्रामीण क्षेत्र के छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.
आज दिल्ली के 2 करोड़ लोग बहुत दुखी हैं कि उनके लोकप्रिय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने इस्तीफ़ा दे दिया है। आज से दिल्ली के लोग, आम आदमी पार्टी के विधायक और मैं - सब एक ही उद्देश्य से काम करेंगे - कि अरविंद केजरीवाल जी को फिर से मुख्यमंत्री बनाना है… pic.twitter.com/jTJtOzSCAq
— Atishi (@AtishiAAP) September 17, 2024
प्रोफेसर पंजाब सिंह 2005 से 2008 तक काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति के पद पर तैनात रहे है. वह कृषि शोध एवं शिक्षा विभाग के सचिव, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महासचिव, राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी के फेलो, रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विद्यालय विश्वविद्यालय झांसी की कुलाधिपति, कृषि एवं ग्रामीण उन्नति फाउंडेशन वाराणसी के अध्यक्ष समेत कई पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
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