नई दिल्ली: एस्ट्राजेनेका ने मंगलवार को दुनियाभर से अपनी कोविड-19 वैक्सीन (कोविशील्ड) वापस लेना का ऐलान किया है. कंपनी ने व्यवसायिक हवाले देते हुए इसकी घोषणा की है. कंपनी ने कहा कि मौजदूा समय में कई प्रकार के कोविड-19 वै विकसित किए गए हैं. इसलिए लेटेस्ट वैक्सीन बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं. इससे वैक्सजेवरिया की मांग में गिरावट आई है, जिसका अब निर्माण या सप्लाई नहीं की जा रही है.
यूनाइटेड किंग्डम (UK) की फार्मास्युटिकल कंपनी ने हाल ही में इस बात कुबूल किया था कि उसकी वैक्सीन से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) के साथ-साथ थ्रोम्बोसिस भी हो सकता है. इसके चलते हार्ट अटैक तक आ सकता है. इसके अलावा वैक्सीन रक्त के थक्के और कम रक्त प्लेटलेट गिनती जैसे दुष्प्रभाव भी डाल सकती है.
किन देशों में लगी एस्ट्राजेनेका वैक्सीन?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वैक्सीन को भारत और ब्रिटेन समेत कम से कम 170 देशों के लोगों को लगाया गया था. एस्ट्राजेनेका ने अपने एक बयान में बताया कि एक स्वतंत्र अनुमान के अनुसार दुनिया भर में वैक्सीन की 2 अरब से ज्यादा डोज सप्लाई किए गए थे. हालांकि, सिंतबर 2021 के बाद बड़ी मात्रा में इसकी वैक्सीन को लगाने से रोक दिया गया था, लेकिन तब तक ब्रिटेन में 5 करोड़ टीके दिए गए थे.
कंपनी के वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक एस्ट्राजोनेका ने नवंबर 2021 तक दुनिया 170 से अधिक देशों में अपने कोविड-19 वैक्सीन की दो बिलियन खुराक की सप्लाई की थी. इनमें से लगभग दो-तिहाई डोज निम्न और निम्न-मध्यम आय वाले देशों में गए हैं.
भारत में 1.6 बिलियन डोज
वहीं, अगर बात करें भारत में की तो एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड के नाम से लगाई गई थी. भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के पास इसका निर्माण करती है. जानकारी के मुताबिक भारतभर में 1 सितंबर 2022 तक कुल दो अरब कोविड-19 टीके लगाए गए थे. इनमें से 1.6 बिलियन से अधिक टीके एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन के थे.
वैक्सीन पर कब उठे सवाल?
वैक्सीन को लेकर पहली बार 2021 में सवाल उठे थे. उस समय डोज लेने वाले कुछ लोगों ने रक्त के थक्के जमने की शिकायत की थी. वहीं, मार्च 2021 में कनाडा ने एक मेडिकल सलाहकार पैनल की रेकेमेंडेशन के बाद 55 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए वैक्सीन पर रोक लगा दी गई थी. इसके बाद अप्रैल 2021 में डेनमार्क ने और फिर नॉर्वे भी इस पर रोक लगाने की घोषणा कर दी.
कोविशाल्ड लेने वालों को कितना खतरा?
सीरम इंस्टीट्यूट ने अपनी वेबसाइट पर अगस्त 2021 में कोविशील्ड वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट की जानकारी दी थी. कंपनी ने कहा कि वैक्सीन से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया या प्लेट्सलेट की संख्या कम होने की वजह से ब्लड क्लाटिंग की समस्या हो सकती है. हालांकि, यह समस्या एक लाख में से एक से भी कम लोगों में हो सकता है.