मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले महायुति की प्रचंड जीत ने कांग्रेस को गुजरात विधानसभा चुनाव की याद दिला दी. 2022 के गुजरात चुनाव में कांग्रेस सिर्फ 17 सीटें ही जीत पाई थी. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों में भी कुछ ऐसी ही स्थिति उभरी है.
विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (MVA) का कोई भी घटक जरूरी 29 सीटों के आसपास भी पहुंचता नहीं दिख रहा है. नियमानुसार संसद और विधानसभा में नेता विपक्ष के लिए 10 फीसदी सीटों का होना आवश्यक होता है. महाराष्ट्र में कम से कम 29 सीटें होनी चाहिए. कांग्रेस 15 सीटों के अंदर सिमटती हुई दिख रही है. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि, जिस महाविकास अघाड़ी में मुख्यमंत्री बनने के लिए लड़ाई थी, उसके घटक दल के नेता विपक्ष की हैसियत भी नहीं रख पाए.
शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) के आवश्यक न्यूनतम सीटें नहीं जीतने का बड़ा खामियाजा उनके नेताओं को उठाना पड़ेगा. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे बता रहे हैं कि, आने वाले दिनों में शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत और प्रियंका चतुर्वेदी राज्य सभा के लिए पात्र नहीं होंगे. इसके अलावा, महाराष्ट्र विपक्ष के नेता के बिना रह जाएगा.
बात शरद पवार की करें तो, हालिया आ रहे विधानसभा चुनाव के नतीजों ने उन्हें भी राज्य सभा से दूर कर दिया है. शिवसेना (यूबीटी) , एनसीपी और कांग्रेस के पास एक भी राज्य सभा सांसद चुनने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है. यह महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास के लिए अभूतपूर्व स्थिति है.
2024 लोकसभा चुनाव में शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने कुल 8 सीटों पर जीत दर्ज की थी. उसके कुछ महीने बाद जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव हुआ तो पार्टी औंधे मुंह गिर गई. 1999 में बनी एनसीपी अब दो हिस्सों में बंट चुकी है. मगर देखा जाए तो एनसीपी (एसपी) का यह सबसे खराब प्रदर्शन है. साल 1999 में पार्टी ने पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था.
उस समय उसे कुल 58 सीटों पर जीत मिली थी. देखा जाए तो 1999 से 2014 तक शरद पवार की पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सत्ता की भागीदार रही. लेकिन अभी हालात बदल गए हैं. कांग्रेस की ऐसी स्थिति महाराष्ट्र में होती दिख रही है कि, उसे विपक्ष की कुर्सी तक बचाना मुश्किल हो गया है.
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन विधानसभा चुनावों में भारी जीत की ओर अग्रसर दिख रहा है. रुझानों में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी का निराशाजनक प्रदर्शन दिख रहा है. समाजवादी पार्टी और ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) जैसी पार्टियों ने थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया और कुछ सीटों पर बढ़त हासिल की.
अभी तक जो भी रूझान सामने आए हैं उसके मुताबिक, महाराष्ट्र में महायुति सरकार बनने जा रही है. राज्य में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि, इस बार महाराष्ट्र की कमान देवेंद्र फडणवीस के हाथ में जा सकती है. हालांकि, इस विषय पर अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है.
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