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असम राइफल्स को निहित स्वार्थ वाले व्यक्तियों से दुष्प्रचार का सामना करना पड़ रहा: डीजी - Assam Rifles DG retirement - ASSAM RIFLES DG RETIREMENT

Assam Rifles face wrongful propaganda: असम राइफल्स के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल पीसी नायर 31 जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाले हैं. इसी को लेकर आयोजित एक समारोह में उन्होंने पूर्वोत्तर में सुरक्षित माहौल सुनिश्चित कराने में बल के अधिकारियों और जवानों की भूमिका की प्रशंसा की. पढ़ें ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

Assam Rifles
असम राइफल्स (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 29, 2024, 2:20 PM IST

नई दिल्ली: असम राइफल्स (एआर) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल पीसी नायर ने सोमवार को मणिपुर में अपने कर्मियों के अथक प्रयासों की सराहना की. बावजूद इसके कि उन्हें निहित स्वार्थ वाले व्यक्तियों और समूहों से गलत प्रचार का सामना करना पड़ा. मुख्यालय में आयोजित विशेष सैनिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल नायर ने अधिकारियों और जवानों की न केवल पेशेवर रूप से हिंसा पर अंकुश लगाने, बल्कि राज्य की अखंडता को बनाए रखने के लिए उनके अथक और दृढ़ प्रयासों की सराहना की.

लेफ्टिनेंट जनरल नायर ने कहा, 'निहित स्वार्थ वाले व्यक्तियों और समूहों से गलत प्रचार का सामना करने के बावजूद, हमने न केवल पेशेवर रूप से हिंसा पर अंकुश लगाने, बल्कि मणिपुर की अखंडता को बनाए रखने के लिए भी अथक प्रयास जारी रखा.' असम राइफल्स के महानिदेशक द्वारा दिया गया यह बयान गृह सचिव अजय कुमार भल्ला द्वारा अस्थिर राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में सीआरपीएफ की भूमिका की सराहना करने के एक दिन बाद आया है. जहां एक वर्ष से अधिक समय से जातीय संघर्ष चल रहा है.

भल्ला ने शनिवार को सीआरपीएफ की स्थापना दिवस के अवसर पर कहा कि मणिपुर में सीआरपीएफ की भागीदारी बढ़ रही है. भल्ला ने कहा, 'उन्होंने राज्य में हिंसा को रोकने और विस्थापितों के लिए आश्रय गृहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.' उल्लेखनीय है कि असम राइफल्स भारत-म्यांमार सीमा की एकमात्र सीमा सुरक्षा एजेंसी होने के नाते मणिपुर में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में एक प्रमुख केंद्रीय एजेंसी की भूमिका भी निभा रही है.

हालांकि असम राइफल्स की भूमिका कई बार आलोचना के घेरे में आई, जब मणिपुर के मैतेई संगठनों ने उस पर राज्य में पक्षपातपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया. वास्तव में कई मैतेई संगठनों के साथ-साथ मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कई अवसरों पर केंद्र सरकार से राज्य के कई स्थानों से असम राइफल्स हटाने की मांग की थी.

कई मौकों पर मणिपुर पुलिस ने असम राइफल्स के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की है. पुलिस ने केंद्रीय बलों पर तलाशी अभियान के दौरान कुकी उग्रवादियों को सुरक्षित क्षेत्र में भागने में मदद करने का आरोप लगाया है. हाल के दिनों में मणिपुर पुलिस और केंद्रीय बलों (असम राइफल्स) के बीच एक से अधिक बार टकराव हुआ, जब उन्होंने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन्हें सौंपे गए संबंधित भौगोलिक क्षेत्र की रक्षा करने की कोशिश की.

गृह मंत्रालय के सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि सरकार असम राइफल्स के अधिकार क्षेत्र को सीमित करके सीआरपीएफ को सशक्त बनाने की भी योजना बना रही है. उल्लेखनीय है कि असम राइफल्स सीमा सुरक्षा, आतंकवाद निरोधक कार्रवाई और पूर्वोत्तर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है. इसका मुख्य कर्तव्य भारत-म्यांमार सीमा की रखवाली करना है.

लेफ्टिनेंट जनरल पीसी नायर 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. उन्होंने पूर्वोत्तर में सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों और जवानों की अटूट प्रतिबद्धता की प्रशंसा की जो देश की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है. अपने दृढ़ संकल्प पर जोर देते हुए लेफ्टिनेंट जनरल नायर ने पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर दोनों में राष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा में असम राइफल्स की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला. साथ ही बहुमुखी सुरक्षा चुनौतियों का पेशेवराना अंदाज और दृढ़ संकल्प के साथ जवाब दिया.

ये भी पढ़ें- मणिपुर: असम राइफल्स ने इंफाल में ऑपरेशन जल राहत शुरू किया

नई दिल्ली: असम राइफल्स (एआर) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल पीसी नायर ने सोमवार को मणिपुर में अपने कर्मियों के अथक प्रयासों की सराहना की. बावजूद इसके कि उन्हें निहित स्वार्थ वाले व्यक्तियों और समूहों से गलत प्रचार का सामना करना पड़ा. मुख्यालय में आयोजित विशेष सैनिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल नायर ने अधिकारियों और जवानों की न केवल पेशेवर रूप से हिंसा पर अंकुश लगाने, बल्कि राज्य की अखंडता को बनाए रखने के लिए उनके अथक और दृढ़ प्रयासों की सराहना की.

लेफ्टिनेंट जनरल नायर ने कहा, 'निहित स्वार्थ वाले व्यक्तियों और समूहों से गलत प्रचार का सामना करने के बावजूद, हमने न केवल पेशेवर रूप से हिंसा पर अंकुश लगाने, बल्कि मणिपुर की अखंडता को बनाए रखने के लिए भी अथक प्रयास जारी रखा.' असम राइफल्स के महानिदेशक द्वारा दिया गया यह बयान गृह सचिव अजय कुमार भल्ला द्वारा अस्थिर राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में सीआरपीएफ की भूमिका की सराहना करने के एक दिन बाद आया है. जहां एक वर्ष से अधिक समय से जातीय संघर्ष चल रहा है.

भल्ला ने शनिवार को सीआरपीएफ की स्थापना दिवस के अवसर पर कहा कि मणिपुर में सीआरपीएफ की भागीदारी बढ़ रही है. भल्ला ने कहा, 'उन्होंने राज्य में हिंसा को रोकने और विस्थापितों के लिए आश्रय गृहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.' उल्लेखनीय है कि असम राइफल्स भारत-म्यांमार सीमा की एकमात्र सीमा सुरक्षा एजेंसी होने के नाते मणिपुर में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में एक प्रमुख केंद्रीय एजेंसी की भूमिका भी निभा रही है.

हालांकि असम राइफल्स की भूमिका कई बार आलोचना के घेरे में आई, जब मणिपुर के मैतेई संगठनों ने उस पर राज्य में पक्षपातपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया. वास्तव में कई मैतेई संगठनों के साथ-साथ मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कई अवसरों पर केंद्र सरकार से राज्य के कई स्थानों से असम राइफल्स हटाने की मांग की थी.

कई मौकों पर मणिपुर पुलिस ने असम राइफल्स के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की है. पुलिस ने केंद्रीय बलों पर तलाशी अभियान के दौरान कुकी उग्रवादियों को सुरक्षित क्षेत्र में भागने में मदद करने का आरोप लगाया है. हाल के दिनों में मणिपुर पुलिस और केंद्रीय बलों (असम राइफल्स) के बीच एक से अधिक बार टकराव हुआ, जब उन्होंने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन्हें सौंपे गए संबंधित भौगोलिक क्षेत्र की रक्षा करने की कोशिश की.

गृह मंत्रालय के सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि सरकार असम राइफल्स के अधिकार क्षेत्र को सीमित करके सीआरपीएफ को सशक्त बनाने की भी योजना बना रही है. उल्लेखनीय है कि असम राइफल्स सीमा सुरक्षा, आतंकवाद निरोधक कार्रवाई और पूर्वोत्तर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है. इसका मुख्य कर्तव्य भारत-म्यांमार सीमा की रखवाली करना है.

लेफ्टिनेंट जनरल पीसी नायर 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. उन्होंने पूर्वोत्तर में सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों और जवानों की अटूट प्रतिबद्धता की प्रशंसा की जो देश की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है. अपने दृढ़ संकल्प पर जोर देते हुए लेफ्टिनेंट जनरल नायर ने पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर दोनों में राष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा में असम राइफल्स की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला. साथ ही बहुमुखी सुरक्षा चुनौतियों का पेशेवराना अंदाज और दृढ़ संकल्प के साथ जवाब दिया.

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