गिरिडीहः असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एक बार फिर से झारखंड की सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया है. ईटीवी भारत के संवाददाता अमरनाथ सिन्हा से सीधी बात के दौरान हिमंता ने उक्त बातें कही हैं.
दरअसल, शनिवार को हिमंता बिस्वा सरमा हजारीबाग में शहीद हुए पुलिस कांस्टेबल चौहान हेंब्रम के परिजनों से मिलने गिरिडीह के बेंगाबाद पहुंचे. यहां दिवंगत की माता व उनके अन्य रिश्तेदारों से मिलने के बाद उन्होंने ईटीवी भारत से सीधी बातचीत की. उन्होंने हेमंत सोरेन की सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा की हजारीबाग में जिस तरह एक कुख्यात और सजायाफ्ता कैदी शाहिद अंसारी को झूठे मेडिकल रिपोर्ट पर अस्पताल में महज एक कांस्टेबल की सुरक्षा के बीच रखा गया, वह बहुत कुछ कहता है.
असम के मुख्यमंत्री नें कहा की जिस तरह शाहिद अंसारी जैसे कुख्यात अपराधी ने ड्यूटी पर तैनात आदिवासी कांस्टेबल चौहान हेम्ब्रम की हत्या की और फिर पकड़ा नहीं गया वह बताता है कि किस तरह से तुष्टिकरण हो रही है. जिस तरह सरकार के पास अपने शहीद जवान के लिए मिलने का समय नहीं है, वह बतलाता है कि किस तरह भेदभाव यहां की सरकार कर रही है.
असम के सीएम ने इससे पहले दिवंगत हवलदार चौहान हेंब्रम की मां रौशनी देवी से मुलाकात की और उन्हें मदद का पूरा भरोसा दिया. इस दौरान हिमंता ने दिवंगत की माता से उनकी पारिवारिक स्थिति की जानकारी ली. उनके कितने बच्चे हैं, शहीद कांस्टेबल के कितने बच्चे हैं, सभी चीजों को समझा. इसके अलावा हिमंता ने दिवंगत के रिश्तेदार से हजारीबाग की घटना की विस्तृत जानकारी ली.
यह है गैंगरेप के आरोप में सजायाफ्ता मोहम्मद शाहिद अंसारी जो झारखंड के एक आदिवासी जवान की हत्या कर एक आज़ाद पंछी बनकर घूम रहे हैं।
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 17, 2024
JMM-Cong के लोग एक विशेष समुदाय से इतना डरते हैं कि खूनी को गिरफ़्तार करने की बात तो दूर है, शहीद जवान के परिवारजनों से मिलना भी नहीं चाहते हैं। pic.twitter.com/m1JvwM8sfO
इस दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के अलावा विधायक रणधीर सिंह, नारायण दास, केदार हाजरा, पूर्व विधायक निर्भय कुमार शाहबादी, जिलाध्यक्ष महादेव दुबे के अलावा जिला परिषद अध्यक्ष मुनिया देवी, दिलीप वर्मा, दिनेश यादव, चुन्नुकान्त, मुकेश जालान, संजीव सिंह, सिकंदर हेम्ब्रम, रंजीत मरांडी, संदीप, रामरतन राम, शिवपूजन राम, जयप्रकाश मंडल, रामप्रसाद यादव समेत कई नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे.