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बांग्लादेश में जारी अशांति के बीच सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने 'अवैध प्रवेश' पर जताई चिंता, केंद्र से लगाई गुहार - Bangladesh unrest

Himanta Biswa Sarma: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा उम्मीद जताई है कि नई बांग्लादेश सरकार भारत के साथ सहयोग जारी रखेगी. इस दौरान उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच सीमा को सुरक्षित किया जाना चाहिए.

सीएम हिमंत बिस्व सरमा
सीएम हिमंत बिस्व सरमा (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 7, 2024, 7:12 PM IST

गुवाहाटी/नई दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को कहा कि बांग्लादेश में अस्थिरता के कारण यह उग्रवादियों का अड्डा बन सकता है और इससे पूर्वोत्तर राज्यों में अवैध प्रवेश को बढ़ावा मिल सकता है. सरमा ने उम्मीद जताई कि केंद्र बांग्लादेश की नई सरकार के साथ बातचीत जारी रखेगा और पूर्वोत्तर राज्यों की चिंताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देगा.

सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का पोस्ट
सीएम हिमंत बिस्वासरमा का पोस्ट (X@himantabiswa)

मुख्यमंत्री ने डेरगांव में एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से कहा, "बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, उससे हम चिंतित हैं. अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो इसका हमारे क्षेत्र पर दो तरह से असर पड़ सकता है." सरमा ने कहा कि दोनों देशों के बीच सीमा को सुरक्षित किया जाना चाहिए, क्योंकि पड़ोसी देश के लोग भारत-बांग्लादेश सीमा के माध्यम से क्षेत्र में प्रवेश करने का प्रयास कर सकते हैं.

बांग्लादेश सरकार से सहयोग की उम्मीद
उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि नई बांग्लादेश सरकार सहयोग जारी रखेगी. उन्होंने कहा कि पिछली बांग्लादेश सरकार के साथ सहयोग ने पूर्वोत्तर भारत में चरमपंथी गतिविधियों को सफलतापूर्वक कम किया और विश्वास व्यक्त किया कि नई सरकार भी इस सहयोग को जारी रखेगी.

एक रिपोर्ट (ETV Bharat)

बांग्लादेश में व्यवस्था बहाल करने की कोशिश जारी
इस बीच, सेना हिंसा से ग्रस्त देश में व्यवस्था बहाल करने के लिए काम कर रही है. नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया. यह नियुक्ति प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने और विवादास्पद नौकरी कोटा प्रणाली पर घातक विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर देश छोड़कर भागने के एक दिन बाद हुई.

सरमा ने कहा, "हमें विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व में पूर्वोत्तर की चिंताओं का समाधान किया जाएगा और बांग्लादेश फिर से विद्रोहियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं बनेगा." सरमा ने एक्स पर लिखा, " इस अनिश्चित समय में जब हम बांग्लादेश के साथ अपनी सीमाओं को देख रहे हैं, तो मेरा मन अक्सर असम के भविष्य की ओर जाता है. मैं वर्तमान को साहस के साथ जीने के लिए शक्ति और धीरज के लिए प्रार्थना करता हूं. उम्मीद है कि आज हमारे प्रयास एक उज्जवल कल की आधारशिला होगी. हमारे पास अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा करने का साहस होगा."

यह भी पढ़ें- "बांग्लादेश की हालत जम्मू-कश्मीर जैसी, तानाशाही नहीं चलेगी...." बोलीं महबूबा

गुवाहाटी/नई दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को कहा कि बांग्लादेश में अस्थिरता के कारण यह उग्रवादियों का अड्डा बन सकता है और इससे पूर्वोत्तर राज्यों में अवैध प्रवेश को बढ़ावा मिल सकता है. सरमा ने उम्मीद जताई कि केंद्र बांग्लादेश की नई सरकार के साथ बातचीत जारी रखेगा और पूर्वोत्तर राज्यों की चिंताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देगा.

सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का पोस्ट
सीएम हिमंत बिस्वासरमा का पोस्ट (X@himantabiswa)

मुख्यमंत्री ने डेरगांव में एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से कहा, "बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, उससे हम चिंतित हैं. अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो इसका हमारे क्षेत्र पर दो तरह से असर पड़ सकता है." सरमा ने कहा कि दोनों देशों के बीच सीमा को सुरक्षित किया जाना चाहिए, क्योंकि पड़ोसी देश के लोग भारत-बांग्लादेश सीमा के माध्यम से क्षेत्र में प्रवेश करने का प्रयास कर सकते हैं.

बांग्लादेश सरकार से सहयोग की उम्मीद
उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि नई बांग्लादेश सरकार सहयोग जारी रखेगी. उन्होंने कहा कि पिछली बांग्लादेश सरकार के साथ सहयोग ने पूर्वोत्तर भारत में चरमपंथी गतिविधियों को सफलतापूर्वक कम किया और विश्वास व्यक्त किया कि नई सरकार भी इस सहयोग को जारी रखेगी.

एक रिपोर्ट (ETV Bharat)

बांग्लादेश में व्यवस्था बहाल करने की कोशिश जारी
इस बीच, सेना हिंसा से ग्रस्त देश में व्यवस्था बहाल करने के लिए काम कर रही है. नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया. यह नियुक्ति प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने और विवादास्पद नौकरी कोटा प्रणाली पर घातक विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर देश छोड़कर भागने के एक दिन बाद हुई.

सरमा ने कहा, "हमें विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व में पूर्वोत्तर की चिंताओं का समाधान किया जाएगा और बांग्लादेश फिर से विद्रोहियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं बनेगा." सरमा ने एक्स पर लिखा, " इस अनिश्चित समय में जब हम बांग्लादेश के साथ अपनी सीमाओं को देख रहे हैं, तो मेरा मन अक्सर असम के भविष्य की ओर जाता है. मैं वर्तमान को साहस के साथ जीने के लिए शक्ति और धीरज के लिए प्रार्थना करता हूं. उम्मीद है कि आज हमारे प्रयास एक उज्जवल कल की आधारशिला होगी. हमारे पास अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा करने का साहस होगा."

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