ETV Bharat / bharat

आषाढ़ी वारी 2024: शिरडी के साईं बाबा मंदिर में 7 क्विंटल साबूदाने की खिचड़ी का प्रसाद, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ - Ashadhi Akadashi Khichdi

Ashadhi Akadashi Khichdi: शिरडी में आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर प्रसाद के रूप में 7 क्विंटल साबूदाने की खिचड़ी बनाई गई. शिरडी आने वाले भक्तों के लिए व्रत के दिन को ध्यान में रखते हुए साईं संस्थान के प्रसादालय में पूरे दिन साबूदाने की खिचड़ी और झिरकण का प्रसाद दिया जाता है.

Ashadhi Akadashi Khichdi
शिरडी साईं बाबा मंदिर में बन रहा 7 क्विंटल साबूदाने की खिचड़ी का प्रसाद (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 17, 2024, 7:58 PM IST

शिरडी: आषाढ़ी एकादशी 2024 के अवसर पर महाराष्ट्र के पंढरपुर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. वहीं, शिरडी में आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर भक्तों के लिए प्रसाद के रूप में 7 क्विंटल साबूदाने की खिचड़ी बनाई गई. वहीं साईं बाबा को विठ्ठल मानने वाले भक्त भी दर्शन के लिए शिरडी में उमड़ पड़े हैं.

शिरडी आने वाले भक्तों के लिए व्रत के दिन को ध्यान में रखते हुए साईं संस्थान के प्रसादालय में पूरे दिन साबूदाने की खिचड़ी और झिरकण का प्रसाद दिया जाता है. साईं बाबा के प्रसादालय में भक्तों को चपाती, दो सब्ज़ियां, वरन भात, मिठाई दी जाती है. लेकिन भक्त महाशिवरात्रि और आषाढ़ी एकादशी पर विशेष रूप से व्रत रखते हैं. इसलिए साईं बाबा संस्थान की ओर से साबूदाने की खिचड़ी और मूंगफली का पेस्ट यानी की झिरकण का प्रसाद दिया जाता है.

साईं के रथ की निकाली जाएगी शोभायात्रा
बता दें कि आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर आज रात को शिरडी से विट्ठल रुकमणि के साथ साईं रथ की शोभायात्रा भी निकाली जाएगी. कहा जाता है कि साईं बाबा के जीवनकाल के दौरान उनके भक्त दासगणु महाराज, विट्ठल दर्शन के लिए हर साल आषाढ़ी के दौरान पंढरपुर जाते थे. कहा जता है कि, एक दासगणू एक बार आषाढ़ी वारी से चूक गए, इसलिए साईं बाबा ने दासगणू को विट्ठल के रूप में दर्शन दिए थे. तभी से साईं बाबा की विठ्ठल के रूप में आरती की जाती है.

साईं बाबा की मूर्ति को पहनाई जाती है तुलसी की माला
अनगिनत भक्त साईं बाबा को विट्ठल मानते हैं और हर आषाढ़ी को साईं बाबा के विट्ठल रूप के दर्शन करने शिरडी जाते हैं. आषाढ़ी एकादशी के महत्व को ध्यान में रखते हुए साईं बाबा संस्थान ने समाधि पर विट्ठल की मूर्ति स्थापित की. साईं बाबा की मूर्ति को तुलसी की माला और सोने के आभूषणों से सजाया. पूरे साल साईं बाबा को फूलों की माला चढ़ाई जाती है, लेकिन केवल आषाढ़ी एकादशी पर ही बाबा को तुलसी की माला चढ़ाई जाती है.

भक्तों ने दिया दान
आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर कर्नाटक के दानदाता साईं भक्त एस. प्रकाश के दान से मंदिर और आसपास के क्षेत्र को फूलों से सजाया गया है. आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर एक साईं भक्त परिवार ने शिरडी साईं बाबा संस्थान को 11 किलो के दो चांदी के राजदंड दान किए हैं. साईं बाबा संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोरक्ष गाडिलकर ने बताया है कि इसकी कीमत करीब 9 लाख 50 हजार रुपये है. इसके अलावा एक साईं भक्त परिवार ने भी दो चांदी के राजदंड दान दिए हैं. इससे पहले भी एक साईं भक्त परिवार ने साईं बाबा संस्थान को दो चांदी के राजदंड दान किए थे.

यह भी पढ़ें- ओडिशा: पुरी में भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों की बाहुड़ा यात्रा आज

शिरडी: आषाढ़ी एकादशी 2024 के अवसर पर महाराष्ट्र के पंढरपुर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है. वहीं, शिरडी में आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर भक्तों के लिए प्रसाद के रूप में 7 क्विंटल साबूदाने की खिचड़ी बनाई गई. वहीं साईं बाबा को विठ्ठल मानने वाले भक्त भी दर्शन के लिए शिरडी में उमड़ पड़े हैं.

शिरडी आने वाले भक्तों के लिए व्रत के दिन को ध्यान में रखते हुए साईं संस्थान के प्रसादालय में पूरे दिन साबूदाने की खिचड़ी और झिरकण का प्रसाद दिया जाता है. साईं बाबा के प्रसादालय में भक्तों को चपाती, दो सब्ज़ियां, वरन भात, मिठाई दी जाती है. लेकिन भक्त महाशिवरात्रि और आषाढ़ी एकादशी पर विशेष रूप से व्रत रखते हैं. इसलिए साईं बाबा संस्थान की ओर से साबूदाने की खिचड़ी और मूंगफली का पेस्ट यानी की झिरकण का प्रसाद दिया जाता है.

साईं के रथ की निकाली जाएगी शोभायात्रा
बता दें कि आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर आज रात को शिरडी से विट्ठल रुकमणि के साथ साईं रथ की शोभायात्रा भी निकाली जाएगी. कहा जाता है कि साईं बाबा के जीवनकाल के दौरान उनके भक्त दासगणु महाराज, विट्ठल दर्शन के लिए हर साल आषाढ़ी के दौरान पंढरपुर जाते थे. कहा जता है कि, एक दासगणू एक बार आषाढ़ी वारी से चूक गए, इसलिए साईं बाबा ने दासगणू को विट्ठल के रूप में दर्शन दिए थे. तभी से साईं बाबा की विठ्ठल के रूप में आरती की जाती है.

साईं बाबा की मूर्ति को पहनाई जाती है तुलसी की माला
अनगिनत भक्त साईं बाबा को विट्ठल मानते हैं और हर आषाढ़ी को साईं बाबा के विट्ठल रूप के दर्शन करने शिरडी जाते हैं. आषाढ़ी एकादशी के महत्व को ध्यान में रखते हुए साईं बाबा संस्थान ने समाधि पर विट्ठल की मूर्ति स्थापित की. साईं बाबा की मूर्ति को तुलसी की माला और सोने के आभूषणों से सजाया. पूरे साल साईं बाबा को फूलों की माला चढ़ाई जाती है, लेकिन केवल आषाढ़ी एकादशी पर ही बाबा को तुलसी की माला चढ़ाई जाती है.

भक्तों ने दिया दान
आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर कर्नाटक के दानदाता साईं भक्त एस. प्रकाश के दान से मंदिर और आसपास के क्षेत्र को फूलों से सजाया गया है. आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर एक साईं भक्त परिवार ने शिरडी साईं बाबा संस्थान को 11 किलो के दो चांदी के राजदंड दान किए हैं. साईं बाबा संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोरक्ष गाडिलकर ने बताया है कि इसकी कीमत करीब 9 लाख 50 हजार रुपये है. इसके अलावा एक साईं भक्त परिवार ने भी दो चांदी के राजदंड दान दिए हैं. इससे पहले भी एक साईं भक्त परिवार ने साईं बाबा संस्थान को दो चांदी के राजदंड दान किए थे.

यह भी पढ़ें- ओडिशा: पुरी में भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों की बाहुड़ा यात्रा आज

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.