नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को NCERT के अपनी टेक्स्ट बुक में 'अयोध्या' और 'बाबरी मस्जिद' शब्दों के संबंध में किए गए हालिया संशोधनों पर प्रतिक्रिया दी है. ओवैसी ने एनसीईआरटी के संशोधन करने की आलोचना करते हुए कहा कि बच्चों को क्रिमिनल एक्ट का महिमामंडन करते हुए बड़ा नहीं होने देना चाहिए.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में ओवैसी ने अपनी असहमति व्यक्त करते हुए कहा, 'एनसीईआरटी ने बाबरी मस्जिद को 'तीन गुंबद वाले स्ट्रक्चर' शब्दों से बदलने का फैसला किया है. इसने अयोध्या के फैसले को आम सहमति का उदाहरण बताने का भी निर्णय लिया है. भारत के बच्चों को पता होना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस को आपराधिक कृत्य कहा है.'
'1992 में भीड़ ने मस्जिद ध्वस्त की'
उन्होंने आगे कहा कि भारत के बच्चों को पता होना चाहिए कि 1949 में एक मस्जिद को अपवित्र किया गया और फिर 1992 में भीड़ ने उसे ध्वस्त कर दिया. उन्हें आपराधिक कृत्यों का महिमामंडन करते हुए बड़ा नहीं होना चाहिए.
जयराम रमेश ने लगाया आरोप
इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी NCERT पर 2014 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के लिए काम करने का आरोप लगाया था. हाल ही में एक्स पर एक पोस्ट में रमेश ने दावा किया कि NCERT अपनी किताबों के संशोधन करके संविधान पर हमला कर रहा है.
नई पाठ्यक्रम में अयोध्या के सेक्शन को चार पेज से घटाकर दो कर दिया गया है और पिछले संस्करणों में शामिल कई डिटेल को हटा दिया है. इन में गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक बीजेपी की रथ यात्रा, कारसेवकों की भागीदारी, 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद सांप्रदायिक हिंसा और बीजेपी शासित राज्यों में राष्ट्रपति शासन लागू करना शामिल है. ये संशोधन NCERT के पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के साथ संरेखित करने के प्रयासों का हिस्सा है.