फरीदाबाद: 23 अगस्त की रात दिल्ली-आगरा हाईवे पर गदपुरी टोल के पास 12वीं के छात्र आर्यन मिश्रा की हत्या कर दी गई थी. मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान आदेश, कृष्णा, वरुण और अनिल कौशिक के रूप में हुई है. ये सभी आरोपी गौरक्षक बताए जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि आरोपियों ने लगभग 20 किलोमीटर तक कार का पीछा किया और पशु तस्कर समझकर कार में बैठे लोगों पर फायरिंग कर दी.
आर्यन मिश्रा हत्याकांड: इस फायरिंग में आर्यन को गोली लगी थी. इसके बाद आर्यन की मौत हो गई. फिलहाल पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश कर दो दिन की रिमांड पर लिया है. पुलिस ने गदपुरी टोल पर लगे सीसीटीवी के जरिए आरोपियों की पहचान की है. सीसीटीवी में कार का पीछा करते आरोपियों का वीडियो कैप्चर हो गया. पुलिस सूत्रों की मानें तो शुरुआती पूछताछ में सामने आया है कि 23 अगस्त की रात आरोपियों को किसी मुखबिर ने सूचना दी कि फॉर्च्यूनर और डस्टर कार में कुछ पशु तस्कर शहर में रेकी कर रहे हैं. जहां भी उन्हें पशु मिल रहे हैं. वो अपने कंटेनर मंगवा कर उसे उठाकर ले जाते हैं.
इसकी सूचना पाकर चारों आरोपी डस्टर और फॉर्च्यूनर कार को ढूंढने लगे. इस दौरान आरोपियों के फरीदाबाद के पटेल चौक पर एक डस्टर कार दिखाई दी. जिसे आरोपियों ने रुकवाया, लेकिन डस्टर कार चालक नहीं रुका और गाड़ी को और तेजी से भागने लगा. इसके बाद चारों आरोपी उस गाड़ी का पीछा करने लगे.
गोतस्कर समझ आरोपियों ने की थी फायरिंग: खबर है कि डस्टर कार में बैठे बैठे हर्षित और शैंकी के ऊपर पहले से ही आपराधिक मामले दर्ज हैं. उन्हें लगा कि या तो दूसरे पक्ष के लोग हमला करने के फिराक में है या फिर सादी वर्दी में क्राइम ब्रांच गिरफ्तार करने आई है. इसलिए उन्होंने गाड़ी को नहीं रोका और इसी डर से हर्षित कार की रफ्तार को बढ़ता चला गया. जिसे देख आरोपियों को शक हुआ कि ये वाकई पशु तस्कर है और आरोपियों ने पीछा करते हुए कार पर फायरिंग शुरू कर दी. गाड़ी गदपुरी टोल पर पहुंच गई आरोपियों ने फिर से कार को रोकने के लिए इशारा किया और फायरिंग शुरू कर दी.
आर्यन मिश्रा की गर्दन और सीने में लगी थी गोली: फायरिंग में गोली गाड़ी का पिछला शीशा तोड़ते हुए ड्राइवर के बगल वाली सीट पर बैठे आर्यन मिश्रा के गर्दन में लगी. इसके बाद हर्षित ने कार को रोक दी. कार के रुकते ही आरोपियों ने दूसरी गोली आर्यन के सीने मे मार दी. इसके बाद आरोपियों ने देखा की गाड़ी में आर्यन, शैंकी, शैंकी का छोटा भाई हर्षित, और दो महिलाएं हैं. महिलाओं को देख आरोपी समझ गए कि गलतफहमी में उसने किसी और को गोली मार दी. जिसके बाद आरोपी मौक़े से फरार हो गए.
इलाज के दौरान आर्यन मिश्रा की मौत: 24 अगस्त को आर्यन की मौत एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई. इस मामले में मृतक आर्यन के पिता ने पुलिस को लिखित में शिकायत भी दी थी. इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए क्राइम ब्रांच मामले की जांच में जुट गई. क्राइम ब्रांच में जब ने सीसीटीवी खंगाला तो आरोपियों का पता चला, इसके बाद आरोपियों के उसी के घर से गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद आरोपियों को कोर्ट में पेश करके पुलिस ने दो दिन की रिमांड पर लिया है.
4 आरोपी गिरफ्तार: आपको बता दें कि 19 साल का आर्यन मिश्रा 12वीं का छात्र था. वो अपने परिवार के साथ एनआईटी पांच नंबर में किराए के मकान में रहता था. 23 अगस्त को रात लगभग 9:30 बजे आर्यन अपने मकान मालिक श्वेता गुलाटी उनके बेटे हर्षित, शैंकी और एक पड़ोसी महिला के साथ बड़खल मेट्रो के पास मॉल में मैगी खाने के लिए गया था और मैगी खाने के बाद लगभग करीब 11:30 वो वापस अपने घर लौट रहे था. इस दौरान ये वारदात हुई.