श्रीनगर: सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी इस सप्ताह भारतीय सेना की स्ट्राइक कोर द्वारा आयोजित एक प्रमुख अभ्यास की देखरेख के लिए लद्दाख का दौरा करेंगे. रक्षा अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी. इस अभ्यास में बख्तरबंद संरचनाओं और प्रमुख लड़ाकू तत्वों को शामिल किया जाएगा. इसका उद्देश्य उच्च ऊंचाई वाले अभियानों के लिए तैयार की गई नई युद्ध अवधारणाओं और तकनीकी प्रगति का आकलन और सत्यापन करना है.
यह अभ्यास चीन के साथ चल रहे तनाव को देखते हुए भारतीय सेना की तत्परता बढ़ाने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है. 2020 में सैन्य गतिरोध शुरू होने के बाद से भारतीय सेना ने लद्दाख क्षेत्र में 500 से अधिक टैंक और बख्तरबंद लड़ाकू वाहन तैनात किए हैं. इसके अतिरिक्त, बढ़ी हुई सैन्य उपस्थिति का समर्थन करने के लिए तेजी से बुनियादी ढांचे का विकास किया गया है.
भारत-चीन सीमा विवाद 2020 में भड़क उठा था. दोनों देशों के बीच लंबे समय से सीमा विवाद जारी है. दोनों देश 3,488 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं. इसे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के रूप में जाना जाता है. यह दशकों से टकराव का कारण रहा है. हाल के वर्षों में हिंसक झड़पों और दोनों पक्षों की ओर से सैनिकों की संख्या में महत्वपूर्ण वृद्धि के साथ स्थिति और बिगड़ गई. सैन्य और कूटनीतिक वार्ता के कई दौर के बावजूद गतिरोध का समाधान नहीं निकला है.
रक्षा अधिकारियों के अनुसार स्ट्राइक कोर अब उत्तरी कमान के रूप में है. लद्दाख के उच्च ऊंचाई वाले इलाकों के लिए अपनी परिचालन रणनीतियों को सुदृढ़ बनाने के लिए काम कर रही है. यह अभ्यास इन नई रणनीतियों का परीक्षण करने और यह सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन किया गया है कि भारतीय सेना चुनौतीपूर्ण वातावरण में किसी भी संभावित संघर्ष के लिए अच्छी तरह से तैयार है.