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NEET, UGC-NET विवाद के बीच परीक्षाओं के लिए पेपर लीक विरोधी कानून लागू - Anti paper leak law

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By ANI

Published : Jun 22, 2024, 6:55 AM IST

Updated : Jun 22, 2024, 7:01 AM IST

Anti paper leak law for exams comes into effect: देश की दो बड़ी परीक्षाओं में कथित धांधली के बाद राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन के बीच सरकार ने सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम 2024 को लागू कर दिया है. इस बिल को 10 फरवरी को संसद द्वारा पारित किया गया था.

Anti paper leak law
परीक्षा देते स्टूडेंट (प्रतिकात्मक फोटो) (IANS)

नई दिल्ली: सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम 2024 को शुक्रवार को लागू कर दिया गया. इसका उद्देश्य देश भर में आयोजित सार्वजनिक परीक्षाओं और सामान्य प्रवेश परीक्षाओं में इस्तेमाल किए जाने वाले अनुचित साधनों को रोकना है. यह निर्णय एनईईटी और यूजीसी नेट (NEET and UGC NET) परीक्षाओं के आयोजन में कथित गड़बड़ी को लेकर बड़े पैमाने पर उठे विवाद के बीच आया है.

कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय द्वारा जारी एक राजपत्र अधिसूचना में कहा गया, 'सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम 2024 की धारा 1 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार 21 जून 2024 को इस अधिनियम को लागू करती है. यह विधेयक 10 फरवरी को समाप्त हुए बजट सत्र में संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया था.

इसका उद्देश्य सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग को रोकना और अधिक पारदर्शिता, निष्पक्षता और विश्वसनीयता लाना है. 13 फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम), विधेयक 2024 को मंजूरी दे दी थीं. इसका उद्देश्य सरकारी भर्ती परीक्षाओं में धोखाधड़ी की जांच करना है.

अधिनियम में सार्वजनिक परीक्षाओं से तात्पर्य केन्द्र सरकार द्वारा अधिसूचित प्राधिकारियों द्वारा आयोजित परीक्षाओं से है. इनमें संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे भर्ती बोर्ड, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी, बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान तथा भर्ती के लिए केन्द्र सरकार के विभाग और उनसे संबद्ध कार्यालय शामिल हैं.

अधिनियम में परीक्षा से संबंधित गोपनीय जानकारी को समय से पहले प्रकट करने तथा परीक्षा केन्द्रों में अनधिकृत लोगों के प्रवेश कर व्यवधान उत्पन्न करने पर भी प्रतिबन्ध लगाया गया है. इन अपराधों के लिए तीन से पांच वर्ष तक कारावास तथा 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. विधेयक के तहत सभी अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती तथा गैर-समझौता योग्य होंगे.

नीट-यूजी 2024 परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी और इसके परिणाम 14 जून की निर्धारित घोषणा तिथि से पहले 4 जून को घोषित किए गए थे. राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित नीट-यूजी परीक्षा देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त करती है.

13 जून को एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जिन नीट यूजी 2024 के जिन 1563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे उनके स्कोरकार्ड रद्द कर दिए जाएंगे और इन अभ्यर्थियों के पास 23 जून को पुनः परीक्षा देने का विकल्प होगा. इसके परिणाम 30 जून से पहले घोषित किए जाएंगे. इस बीच सरकार ने नीट यूजी 2024 परीक्षा को भी रद्द करने का फैसला लिया. इससे पहले यूजीसी नेट- 2024 रद्द की गई.

ये भी पढ़ें- NEET-NET परीक्षा गड़बड़ी: जानें क्या है नया एंटी पेपर लीक कानून और कितने साल की सजा का है प्रावधान? - Anti Paper Leak Law

ये भी पढ़ें-क्या है एंटी पेपर लीक बिल, आसान भाषा में समझें

ये भी पढ़ें- Law against paper leak in Gujarat: गुजरात में पेपर लीक करने वाले को 10 साल की सजा और 1 करोड़ जुर्माना

नई दिल्ली: सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम 2024 को शुक्रवार को लागू कर दिया गया. इसका उद्देश्य देश भर में आयोजित सार्वजनिक परीक्षाओं और सामान्य प्रवेश परीक्षाओं में इस्तेमाल किए जाने वाले अनुचित साधनों को रोकना है. यह निर्णय एनईईटी और यूजीसी नेट (NEET and UGC NET) परीक्षाओं के आयोजन में कथित गड़बड़ी को लेकर बड़े पैमाने पर उठे विवाद के बीच आया है.

कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय द्वारा जारी एक राजपत्र अधिसूचना में कहा गया, 'सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम 2024 की धारा 1 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार 21 जून 2024 को इस अधिनियम को लागू करती है. यह विधेयक 10 फरवरी को समाप्त हुए बजट सत्र में संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया था.

इसका उद्देश्य सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों के प्रयोग को रोकना और अधिक पारदर्शिता, निष्पक्षता और विश्वसनीयता लाना है. 13 फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम), विधेयक 2024 को मंजूरी दे दी थीं. इसका उद्देश्य सरकारी भर्ती परीक्षाओं में धोखाधड़ी की जांच करना है.

अधिनियम में सार्वजनिक परीक्षाओं से तात्पर्य केन्द्र सरकार द्वारा अधिसूचित प्राधिकारियों द्वारा आयोजित परीक्षाओं से है. इनमें संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे भर्ती बोर्ड, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी, बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान तथा भर्ती के लिए केन्द्र सरकार के विभाग और उनसे संबद्ध कार्यालय शामिल हैं.

अधिनियम में परीक्षा से संबंधित गोपनीय जानकारी को समय से पहले प्रकट करने तथा परीक्षा केन्द्रों में अनधिकृत लोगों के प्रवेश कर व्यवधान उत्पन्न करने पर भी प्रतिबन्ध लगाया गया है. इन अपराधों के लिए तीन से पांच वर्ष तक कारावास तथा 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. विधेयक के तहत सभी अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती तथा गैर-समझौता योग्य होंगे.

नीट-यूजी 2024 परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी और इसके परिणाम 14 जून की निर्धारित घोषणा तिथि से पहले 4 जून को घोषित किए गए थे. राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित नीट-यूजी परीक्षा देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त करती है.

13 जून को एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जिन नीट यूजी 2024 के जिन 1563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे उनके स्कोरकार्ड रद्द कर दिए जाएंगे और इन अभ्यर्थियों के पास 23 जून को पुनः परीक्षा देने का विकल्प होगा. इसके परिणाम 30 जून से पहले घोषित किए जाएंगे. इस बीच सरकार ने नीट यूजी 2024 परीक्षा को भी रद्द करने का फैसला लिया. इससे पहले यूजीसी नेट- 2024 रद्द की गई.

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Last Updated : Jun 22, 2024, 7:01 AM IST
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