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Gyanvapi Masjid Case: फैसले पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने जारी किया एक और पत्र, प्रशासन-सीआरपीएफ पर उठाए सवाल - Gyanvapi Masjid Case

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी (Anjuman Intezamia Masjid Committee) ने वाराणसी ज्ञानवापी मस्जिद केस पर फैसले को लेकर एक और पत्र शनिवार को जारी किया. इसमें प्रशासन-सीआरपीएफ की भूमिका पर सवाल गये हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 3, 2024, 6:41 PM IST

वाराणसी: वाराणसी में व्यास जी के तहखाना को लेकर जिला न्यायालय के आदेश के बाद मुस्लिम पक्ष अपनी नाराजगी लगातार जाहिर कर रहा है. आदेश के बाद से ही मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी (Anjuman Intezamia Masjid Committee Letter) की तरफ से कई पत्र जारी करके अपनी नाराजगी व्यक्त की गई है. शुक्रवार को इस फैसले (Gyanvapi Masjid Case Verdict) के बाद हुई पहले जुमे की नमाज के दौरान विशेष सतर्कता बरतने के लिए पुलिस फोर्स की भारी तैनाती थी. इसके पहले अंजुमन की तरफ से एक लेटर जारी करके दुकानों को बंद रखने की अपील भी की गई थी, जो पूरी तरह से सफल हुई.

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी का पत्र
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी का पत्र

इन सब के बाद आज मुफ्ती है शहर और अंजुमन इंतजाम या मस्जिद कमेटी के सेक्रेटरी मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने एक शुक्रिया पत्र जारी किया है. इसमें उन्होंने अपनी कम्युनिटी को शुक्रवार को एकजुट होकर दिए गए समर्थन पर धन्यवाद तो दिया. साथ ही साथ प्रशासन की कार्रवाई समेत देर रात सीआरपीएफ की तरफ से भी प्रशासन का साथ दिए जाने को लेकर निशाना साधा है.

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से उसके सेक्रेटरी मौलाना अब्दुल पाटिल नॉमिनी के लेटर में उन्होंने स्पष्ट तौर पर लिखा है कि ज्ञानवापी मस्जिद बनारस के दक्षिणी तहखाना में पूजा पाठ के जिला जज की तरफ से दी गई अनुमति के बाद जिला प्रशासन ने रातों-रात यहां मूर्तियां रखवा दी, बल्कि सीआरपीएफ जैसी फोर्स जिसकी कार्य प्रणाली पर सभी को विश्वास था उसको भी साजिश में शामिल किया गया. अब्दुल बातिन नोमानी ने अपने लेटर में अपनी कम्युनिटी के लोगों को धन्यवाद व्यापित करते हुए लिखा है कि आप सभी यह भरोसा रखिए कि हम इस लड़ाई को अंतिम सांस तक लड़ेंगे और मस्जिद की सुरक्षा और संरक्षण के लिए हम कोशिश जारी रखेंगे.

वही इस बारे में मस्जिद कमेटी के जॉइंट सेक्रेटरी एस यासीन लगातार अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. उन्होंने अनौपचारिक बातचीत के दौरान न्यायालय के फैसले को कहीं से भी सही नहीं बताया है उनका कहना था कि न्यायालय एक तरफा फैसला देकर हमारे सब्र का इम्तिहान ले रहा है. उनका कहना था कि हमें सुनने के लिए न्यायालय के पास वक्त भी नहीं है. हम जाएं तो किसके पास जाएं ना सुप्रीम कोर्ट हमारी सुन रहा है ना हाई कोर्ट जिला न्यायालय तो फैसला देकर अपना पल्ला झाड़ चुका है. ऐसे में हमारे सामने भी बड़ा संकट है फिर भी हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है कि हमारे साथ न्याय होगा और हमारी बात सुनी जाएगी.

ये भी पढ़ें- ज्ञानवापी केस में बड़ा सवाल: क्या अयोध्या की तरह 355 साल पुराने इस विवाद का अब होगा अंत? जानें अब तक क्या कुछ हुआ

वाराणसी: वाराणसी में व्यास जी के तहखाना को लेकर जिला न्यायालय के आदेश के बाद मुस्लिम पक्ष अपनी नाराजगी लगातार जाहिर कर रहा है. आदेश के बाद से ही मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी (Anjuman Intezamia Masjid Committee Letter) की तरफ से कई पत्र जारी करके अपनी नाराजगी व्यक्त की गई है. शुक्रवार को इस फैसले (Gyanvapi Masjid Case Verdict) के बाद हुई पहले जुमे की नमाज के दौरान विशेष सतर्कता बरतने के लिए पुलिस फोर्स की भारी तैनाती थी. इसके पहले अंजुमन की तरफ से एक लेटर जारी करके दुकानों को बंद रखने की अपील भी की गई थी, जो पूरी तरह से सफल हुई.

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी का पत्र
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी का पत्र

इन सब के बाद आज मुफ्ती है शहर और अंजुमन इंतजाम या मस्जिद कमेटी के सेक्रेटरी मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी ने एक शुक्रिया पत्र जारी किया है. इसमें उन्होंने अपनी कम्युनिटी को शुक्रवार को एकजुट होकर दिए गए समर्थन पर धन्यवाद तो दिया. साथ ही साथ प्रशासन की कार्रवाई समेत देर रात सीआरपीएफ की तरफ से भी प्रशासन का साथ दिए जाने को लेकर निशाना साधा है.

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ से उसके सेक्रेटरी मौलाना अब्दुल पाटिल नॉमिनी के लेटर में उन्होंने स्पष्ट तौर पर लिखा है कि ज्ञानवापी मस्जिद बनारस के दक्षिणी तहखाना में पूजा पाठ के जिला जज की तरफ से दी गई अनुमति के बाद जिला प्रशासन ने रातों-रात यहां मूर्तियां रखवा दी, बल्कि सीआरपीएफ जैसी फोर्स जिसकी कार्य प्रणाली पर सभी को विश्वास था उसको भी साजिश में शामिल किया गया. अब्दुल बातिन नोमानी ने अपने लेटर में अपनी कम्युनिटी के लोगों को धन्यवाद व्यापित करते हुए लिखा है कि आप सभी यह भरोसा रखिए कि हम इस लड़ाई को अंतिम सांस तक लड़ेंगे और मस्जिद की सुरक्षा और संरक्षण के लिए हम कोशिश जारी रखेंगे.

वही इस बारे में मस्जिद कमेटी के जॉइंट सेक्रेटरी एस यासीन लगातार अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. उन्होंने अनौपचारिक बातचीत के दौरान न्यायालय के फैसले को कहीं से भी सही नहीं बताया है उनका कहना था कि न्यायालय एक तरफा फैसला देकर हमारे सब्र का इम्तिहान ले रहा है. उनका कहना था कि हमें सुनने के लिए न्यायालय के पास वक्त भी नहीं है. हम जाएं तो किसके पास जाएं ना सुप्रीम कोर्ट हमारी सुन रहा है ना हाई कोर्ट जिला न्यायालय तो फैसला देकर अपना पल्ला झाड़ चुका है. ऐसे में हमारे सामने भी बड़ा संकट है फिर भी हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है कि हमारे साथ न्याय होगा और हमारी बात सुनी जाएगी.

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