चंडीगढ़: हरियाणा में मतदान खत्म होते ही मुख्यमंत्री पद की रेस भी शुरू हो गई है. एक्जिट पोल में सत्ता से बाहर होने के बाद भी बीजेपी के सीनियर नेता अनिल विज ने मुख्यमंत्री बनने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि मैं पार्टी में सबसे सीनियर हूं. अगर पार्टी ने चाहा तो अगली मुलाकात मुख्यमंत्री आवास में होगी. बातचीत के दौरान अनिल विज एक बार फिर नायब सैनी को सीएम बनाये जाने पर नाराज नजर आये.
'नायब सैनी को सीएम बनाने पर भड़के अनिल विज'
जब मनोहर लाल को हटाकर एक बहुत ही जूनियर आदमी को मुख्यमंत्री बना दिया गया तो सारे हरियाणा में एक चर्चा फैल गई कि अनिल विज क्यों नहीं. तो हमारे कुछ सीनियर लोगों ने जवाब दिया कि अनिल विज भी ठीक है लेकिन वो बनना नहीं चाहता. तब मैने जवाब दिया था कि मैने मांगा नहीं तो इनकार भी नहीं किया. अगर पार्टी मुझे सीएम बनायेगी तो मैं हरियाणा की तस्वीर भी बदल दूंगा और तकदीर भी बदल दूंगा. अगर पार्टी ने चाहा तो अगली मुलाकात आपके साथ मुख्यमंत्री आवास पर होगी.
'मैं ऊपर वाले से मांगूंगा, नीचे वालों से नहीं'
मैने आज तक पार्टी ने कुछ नहीं मांगा. और कभी मांगूंगा भी नहीं. मैने आज तक ऊपर वाले से नहीं मांगा. कभी मांगने की जरूरत भी पड़ी तो ऊपर वाले से मांगूंगा, नीचे वालों से मैं कभी नहीं मांगता. मैंने पार्टी से कुछ नहीं मांगा.
'2014 मैने कांग्रेस को उखाड़कर फेंका था'
2014 में जब बीजेपी की सरकार बनी तो मैं उस समय भी सीनियर मोस्ट था. 2009 से 2014 के प्लान में मैं भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल का नेता था. मैने ही कांग्रेस के छक्के छुड़ाये. जितने भ्रष्टाचार के केस हैं मैने ही ढूढ़े थे. मैने ही कांग्रेस को उखाड़ कर फेंका था. लेकिन उसके बावजूद मैने कुछ नहीं मांगा. और अब जब अदला बदली की गई तब भी मैने कोई क्लेम नहीं किया.
लोकसभा चुनाव से पहले नायब सैनी बने सीएम
हरियाणा में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मनोहर लाल को हटाकर नायब सैनी को मुख्यमंत्री बना दिया गया था. जिसके बाद अनिल विज काफी नाराज हो गये थे. उन्होंने अपनी नाराजगी खुलेआम भी जाहिर की थी और खुद को सीनियर होने के नाते सीएम पद का दावेदार बताया था. उन्होंने बीजेपी कि विधायक दल की बैठक में भी उस समय हिस्सा नहीं लिया था और ना ही नायब सैनी के शपथ ग्रहण समारोह में नजर आये थे. उनको मनाने के लिए मनोहर लाल, नायब सैनी भी गये थे लेकिन वो नहीं माने.
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