अमरावती: आंध्र प्रदेश सरकार ने मुंबई की अभिनेत्री कादंबरी जेठवानी को अवैध हिरासत में रखने और धमकी देने के मामले में तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. जेठवानी ने पुलिस द्वारा गलत तरीके से गिरफ्तार करने और जेल में डालने का आरोप लगाया है. निलंबित किए गए अधिकारियों में पूर्व खुफिया प्रमुख पीएसआर अंजनेयुलु, विजयवाड़ा के पूर्व पुलिस आयुक्त क्रांति राणा टाटा और विजयवाड़ा के पूर्व डिप्टी कमिश्नर विशाल गुन्नी शामिल हैं. इन्हें अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1969 के नियम 3(1) के तहत निलंबित किया गया.
जेठवानी ने अगस्त के पहले सप्ताह में एनटीआर जिला पुलिस आयुक्त के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि वाईएसआरसीपी नेता और फिल्म निर्माता केवी विद्यासागर राव द्वारा उनके खिलाफ जालसाजी और जबरन वसूली का आरोप लगाने के बाद तीनों अधिकारियों ने जल्दबाजी में कार्रवाई की.
जेठवानी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें और उनके पिता को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें विजयवाड़ा ले आई, जहां उन्हें अदालत में पेश करने से पहले तीन दिनों तक हिरासत में रखा गया. अदालत ने बाद में उन्हें जमानत दे दी. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों ने दोनों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया.
कुछ और पुलिसकर्मियों पर गिर सकती है गाज
आंध्र प्रदेश के डीजीपी ने शिकायत मिलने के बाद मामले में जांच के आदेश दिए थे. अब डीजीपी की रिपोर्ट के आधार पर तीन आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. डीजीपी पहले ही एसीपी हनुमंत राव और इब्राहिमपट्टनम सीआई सत्यनारायण को निलंबित कर चुके हैं. इस मामले में कुछ अन्य पुलिसकर्मियों को भी निलंबित किए जाने की संभावना है.
डीजीपी की रिपोर्ट पर सरकार ने की कार्रवाई
अभिनेत्री कादंबरी जेठवानी द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार विजयवाड़ा सीपी एसीपी श्रवंती रॉय के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था. एसआईटी ने अभिनेत्री, उसके माता-पिता और अन्य से पूछताछ की. उनके बयान दर्ज किए गए. बाद में मामले पर एक प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की गई और डीजीपी को सौंपी गई. डीजीपी ने रिपोर्ट सरकार को सौंप दी. रिपोर्ट की जांच के बाद सरकार ने आईपीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया.
राज्य सरकार ने आदेश में कहा कि विजयवाड़ा के पूर्व पुलिस आयुक्त कांति राणा टाटा जांच की निगरानी करने वाले अधिकारी के रूप में विफल रहे. यह पाया गया है कि पूर्व खुफिया प्रमुख पीएसआर अंजनेयुलु ने इस मामले में अपने पद का दुरुपयोग किया है. जांच रिपोर्ट के अनुसार, आईपीएस अधिकारी क्रांति राणा टाटा और विशाल गुन्नी ने कथित तौर पर पूर्व खुफिया प्रमुख अंजनेयुलु के निर्देश पर निर्माता विद्यासागर राव द्वारा औपचारिक पुलिस शिकायत दर्ज कराने से पहले ही अभिनेत्री को गिरफ्तार कर लिया.
2 फरवरी को अभिनेत्री को किया गया था गिरफ्तार
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि मौखिक निर्देश पर कार्रवाई करते हुए विशाल गुन्नी के नेतृत्व में टीम मुंबई गई और बिना किसी लिखित आदेश या पर्याप्त सबूत के 2 फरवरी 2024 को अभिनेत्री को गिरफ्तार कर लिया. जांच में पाया गया कि पुलिस टीम डीजीपी को पूर्व सूचना दिए बिना मुंबई गई थी. साथ ही यह संदेह जताया गया कि मुंबई गई पुलिस टीम ने यात्रा से संबंधित टीए और डीए के बिल भी जमा नहीं किए.
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