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अमित शाह फेक वीडियो केस: जानिए क्या है धारा 91 और 160, जिसके तहत हुई है कांग्रेस नेता गिरफ्तारी? - Arun Reddy Police Custody - ARUN REDDY POLICE CUSTODY

Amit Shah Fake Video: कांग्रेस नेता अरुण रेड्डी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छेड़छाड़ वाले वीडियो मामले में 3 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. इस पर कांग्रेस ने बीजेपी पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है.

Arun Reddy
अरुण रेड्डी (twitter@spritofcongress)
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By ANI

Published : May 4, 2024, 12:16 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता अरुण रेड्डी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छेड़छाड़ वाले वीडियो मामले में 3 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) यनिट ने उन्हें शुक्रवार देर रात को गिरफ्तार किया था. इसके बाद उन्हें जज के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उन्हें 3 दिन की हिरासत में भेज दिया.

अरुण 'स्पिरिट ऑफ कांग्रेस' नाम का एक्स अकाउंट संभालते हैं और वह पार्टी के सोशल मीडिया के नेशनल कॉर्डिनेटर हैं. छेड़छाड़ किए गए वीडियो में गृह मंत्री को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) देश में आरक्षण के खिलाफ है. हालांकि, कांग्रेस शासित तेलंगाना में एक सार्वजनिक बैठक में अपने संबोधन के दौरान शाह ने कहा था, 'अगर बीजेपी यहां सरकार बनाएगी, हम मुसलमानों को दिया गया असंवैधानिक आरक्षण वापस लेंगे. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि एससी, एसटी और ओबीसी को संविधान के तहत गारंटी के अनुसार कोटा मिले.'

कांग्रेस ने बताया सत्ता का दुरुपयोग
तेलंगाना कांग्रेस के प्रभारी और कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी केंद्र सरकार द्वारा सत्ता का दुरुपयोग थी. दिल्ली पुलिस ने 24 घंटे तक कोई जानकारी या एफआईआर का खुलासा नहीं किया. हम अरुण की तत्काल रिहाई की मांग करते हैं.

16 लोगों को जारी किया समन
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट ने गृह मंत्री के वीडियो छेड़छाड़ कर उसे सर्कूलेट करने के संबंध में सात से आठ राज्यों में 16 व्यक्तियों को समन जारी किया था. यह समन आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 91 और 160 के तहत जारी किया गया था, जिसमें संबंधित लोगों को जांच में शामिल होने और सबूत के रूप में दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस प्रदान करने के लिए कहा गया था.

क्या है धारा 91 और 160?
पुलिस सूत्रों के अनुसार तलब किए गए लोगों में मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी सहित तेलंगाना में सत्तारूढ़ कांग्रेस के छह सदस्य शामिल हैं. उन्हें कई राज्यों के अन्य लोगों के साथ 1 मई को दिल्ली के द्वारका में आईएफएसओ यूनिट में पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कहा गया था . सीआरपीसी की धारा 160 पुलिस को किसी व्यक्ति को जांच के लिए बुलाने की अनुमति देती है, जबकि धारा 91 पुलिस को सबूत के रूप में प्रस्तुत करने के लिए स्पेसिफिक दस्तावेजों या गैजेट्स पेश करने की अनुमति देती है.,

रेवंत रेड्डी के खिलाफ केस दर्ज
बता दें कि बीजेपी की तेलंगाना यूनिट ने सीएम और कांग्रेस के राज्य प्रमुख रेवंत रेड्डी के खिलाफ साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की थी, जिसमें पार्टी पर अमित शाह के भाषण को गढ़ने और उसमें बदलाव करने का आरोप लगाया गया. शिकायत में कहा गया है कि कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर अमित शाह का एक 'रूपांतरित' और 'मनगढ़ंत' वीडियो पोस्ट किया था.

यह भी पढ़ें- अमित शाह की बढ़ेंगी मुश्किलें, चुनावी रैली में नाबालिग बच्चों का किया इस्तेमाल, FIR दर्ज

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता अरुण रेड्डी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छेड़छाड़ वाले वीडियो मामले में 3 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) यनिट ने उन्हें शुक्रवार देर रात को गिरफ्तार किया था. इसके बाद उन्हें जज के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उन्हें 3 दिन की हिरासत में भेज दिया.

अरुण 'स्पिरिट ऑफ कांग्रेस' नाम का एक्स अकाउंट संभालते हैं और वह पार्टी के सोशल मीडिया के नेशनल कॉर्डिनेटर हैं. छेड़छाड़ किए गए वीडियो में गृह मंत्री को कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) देश में आरक्षण के खिलाफ है. हालांकि, कांग्रेस शासित तेलंगाना में एक सार्वजनिक बैठक में अपने संबोधन के दौरान शाह ने कहा था, 'अगर बीजेपी यहां सरकार बनाएगी, हम मुसलमानों को दिया गया असंवैधानिक आरक्षण वापस लेंगे. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि एससी, एसटी और ओबीसी को संविधान के तहत गारंटी के अनुसार कोटा मिले.'

कांग्रेस ने बताया सत्ता का दुरुपयोग
तेलंगाना कांग्रेस के प्रभारी और कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी केंद्र सरकार द्वारा सत्ता का दुरुपयोग थी. दिल्ली पुलिस ने 24 घंटे तक कोई जानकारी या एफआईआर का खुलासा नहीं किया. हम अरुण की तत्काल रिहाई की मांग करते हैं.

16 लोगों को जारी किया समन
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट ने गृह मंत्री के वीडियो छेड़छाड़ कर उसे सर्कूलेट करने के संबंध में सात से आठ राज्यों में 16 व्यक्तियों को समन जारी किया था. यह समन आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 91 और 160 के तहत जारी किया गया था, जिसमें संबंधित लोगों को जांच में शामिल होने और सबूत के रूप में दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस प्रदान करने के लिए कहा गया था.

क्या है धारा 91 और 160?
पुलिस सूत्रों के अनुसार तलब किए गए लोगों में मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी सहित तेलंगाना में सत्तारूढ़ कांग्रेस के छह सदस्य शामिल हैं. उन्हें कई राज्यों के अन्य लोगों के साथ 1 मई को दिल्ली के द्वारका में आईएफएसओ यूनिट में पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कहा गया था . सीआरपीसी की धारा 160 पुलिस को किसी व्यक्ति को जांच के लिए बुलाने की अनुमति देती है, जबकि धारा 91 पुलिस को सबूत के रूप में प्रस्तुत करने के लिए स्पेसिफिक दस्तावेजों या गैजेट्स पेश करने की अनुमति देती है.,

रेवंत रेड्डी के खिलाफ केस दर्ज
बता दें कि बीजेपी की तेलंगाना यूनिट ने सीएम और कांग्रेस के राज्य प्रमुख रेवंत रेड्डी के खिलाफ साइबर अपराध पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की थी, जिसमें पार्टी पर अमित शाह के भाषण को गढ़ने और उसमें बदलाव करने का आरोप लगाया गया. शिकायत में कहा गया है कि कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर अमित शाह का एक 'रूपांतरित' और 'मनगढ़ंत' वीडियो पोस्ट किया था.

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