दिल्ली: कांग्रेस नेता पी चिदंबरम के बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 1960 के दशक से कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए तुष्टिकरण की राजनीति को अपना हथियार बनाया. हम वर्षों से इसके खिलाफ लड़ रहे थे. 2014 के बाद से पीएम मोदी ने लोगों के बीच विकास का एजेंडा तय किया और उसी के आधार पर देश में चुनाव की शुरुआत हुई.
कांग्रेस को विकास के आधार पर चुनाव लड़ने में दिक्कत हो रही है, वह लगातार चुनाव हार रही है. वे एक बार फिर तुष्टिकरण की राजनीति के आधार पर आगे बढ़ना चाहते हैं. चिदंबरम यह नहीं बताते कि सीएए में क्या खामियां हैं, वह सिर्फ इतना कहते हैं कि हम इसे खत्म कर देंगे.
उन्होंने सवाल किया कि क्यों? क्योंकि उन्हें अपना अल्पसंख्यक वोट बैंक मजबूत करना है. बीजेपी अपने सिद्धांतों पर कायम है. हम किसी के साथ अन्याय नहीं करेंगे. हम न्याय करेंगे. लेकिन हम तुष्टिकरण भी नहीं करेंगे. मुझे समझ नहीं आता कि कांग्रेस को CAA पर क्या आपत्ति है. सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीनेगा, वे लोगों को गुमराह कर रहे हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वे तुष्टिकरण की राजनीति करके चुनाव जीतना चाहते हैं. मैं चिदंबरम से कहना चाहता हूं कि उनके इरादे कभी पूरे नहीं होंगे. जनता कांग्रेस पार्टी को अच्छे से समझ चुकी है. जहां तक तीन कानूनों (आपराधिक कानून) का सवाल है, तो चिदंबरम खुद समिति का हिस्सा थे. उन्होंने कई बार सकारात्मक सुझाव दिये और उनकी सराहना भी की.
तीन कानून देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को दुनिया में सबसे आधुनिक बनाएंगे. कांग्रेस भ्रष्टाचार के केसों का निपटारा नहीं चाहती. वह चाहती है कि न्याय लंबित रहे. लेकिन भाजपा और नरेंद्र मोदी की नीतियां स्पष्ट हैं. हर नागरिक को कम से कम समय में न्याय पाने का संवैधानिक अधिकार है.
हम ऐसा करने के लिए समर्पित हैं. कांग्रेस न तो सत्ता में आने वाली है और न ही निर्णय लेने वाली है. मैं देश के लोगों को आश्वासन देता हूं, सीएए रहेगा और तीन (आपराधिक) कानून लागू होंगे. उन्होंने कहा कि 3 साल के अंदर हर नागरिक को न्याय मिलेगा. ऐसी न्याय व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी. हर शरणार्थी को नागरिकता मिलेगी. इसके बारे में कोई संदेह नहीं है. मैं कांग्रेस नेताओं को सुझाव देना चाहता हूं कि आप कई बार चुनाव हार चुके हैं, तुष्टिकरण की राजनीति से बाहर निकलें और विकास के एजेंडे पर काम करने का प्रयास करें.