नई दिल्ली/ढाका: बांग्लादेश 1971 में स्वतंत्रता के बाद से अपने सबसे खराब राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है. ऐसे समय में भारत के कपड़ा और परिधान क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण चिंता पैदा करता है. खासकर पड़ोसी देश में कारखाने चलाने वाली कंपनियों के लिए.वहीं, मीडिया रिपोर्टस में दावा किया गया है कि, बांग्लादेश संकट के बीच भारतीय कपड़ा उद्योग के लिए अवसर भी बढ़ रहे हैं.
हाल के दिनों में भारतीय एक्सपोर्ट (निर्यात) आंकड़े देखने से पता चलता है कि, भारत का कपड़ा उद्योग पिछले कुछ महीने में ग्लोबल एक्सपोर्ट में एक अलग ही मुकाम हासिल किया है. बांग्लादेश में जून 2024 से शुरू हुए राजनीतिक संकट और शेख हसीन सरकार के तख्तापलट के बाद उपजी आपदा भारत के लिए अवसर बन गई. दुनियाभर में कपड़ा उद्योग के लिए मशहूर बांग्लादेश अपने देश में उत्पन्न राजनीतिक संकट से काफी नुकसान हुआ.
रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे समय में भारत ने इसका जमकर फायदा उठाया है. हाल में जारी आंकड़े साफ बताते हैं कि कैसे बांग्लादेश संकट के बाद भारतीय कपड़ा उद्योग ने रफ्तार पकड़ी है. वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक, वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद देश का परिधान निर्यात चालू वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल-सितंबर के दौरान 8.5 प्रतिशत बढ़कर 7.5 अरब डॉलर यानी की करीब 60 हजार करोड़ रुपये हो गया है. वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, सितंबर में भी तैयार (रेडीमेड) परिधानों का निर्यात 17.3 प्रतिशत बढ़कर 1.11 अरब डॉलर पहुंच गया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एईपीसी के चेयरमैन सुधीर सेखरी ने कहा कि वैश्विक प्रतिकूलताओं और निरंतर मुद्रास्फीति दबाव के बावजूद भारत के निर्यात में उच्च वृद्धि दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि यहां तक कि प्रमुख परिधान निर्यातक देशों में भी हाल के महीनों में तैयार रेडीमेड परिधानों (आरएमजी) के निर्यात की वृद्धि में मंदी देखी गई है.
सेखरी ने कहा कि, भारत मजबूत स्थिति में है, जहां आयात पर निर्भरता कम है. फाइबर से लेकर फैशन तक संपूर्ण परिवेश मौजूद है. देश में युवा और श्रम शक्ति मजबूत है, इसलिए वृद्धि की संभावनाएं असीमित हैं.