Amarnath Yatra 2024 continued on 5th day: इस साल अमरनाथ यात्रा के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. लोगों में उत्साह भी देखा जा रहा है. प्रशासन की ओर से यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था की गई है.
अमरनाथ यात्रा 2024 (ANI)
श्रीनगर: वार्षिक अमरनाथ यात्रा 2024 बुधवार को पांचवें दिन भी जारी रही. इस दौरान 5725 यात्री जम्मू स्थित भगवती नगर यात्री निवास से कश्मीर के पहलगाम से होते हुए पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए रवाना हुआ. एक अधिकारी ने बताया कि 5725 यात्रियों का छठा जत्था बुधवार सुबह 238 वाहनों में सवार होकर कश्मीर घाटी के पहलगाम और बालटाल के लिए रवाना हुआ.
अब तक कुल 80448 यात्री कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यात्रा करने के लिए जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से कश्मीर के अमरनाथ गुफा मंदिर की ओर रवाना हो चुके हैं जहां वे पूजा-अर्चना करेंगे. जम्मू से कश्मीर की ओर रवाना हुए यात्रियों में 4481 पुरुष, 1034 महिलाएं, 25 बच्चे, 173 साधु और 12 साध्वियां शामिल हैं.
इन यात्रियों को पहलगाम में नुनवान और सोनमर्ग में बालटाल के बेस कैंपों तक ले जाया जा रहा है, जहां से वे पहाड़ी सड़कों के रास्ते गुफा की ओर रवाना होंगे. अधिकारियों ने बताया कि अधिकतर यात्री बालटाल के रास्ते गुफा तक जाना पसंद करते हैं, जो पहलगाम के चंदनवाड़ी से सबसे कम दूरी पर है. जम्मू से कश्मीर घाटी तक यात्रियों को ले जाने वाले वाहनों को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अर्धसैनिक सुरक्षा बलों, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाती है.
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि कल अमरनाथ यात्रा से लौट रहे कम से कम 10 तीर्थयात्री उस समय घायल हो गए जब वे जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में चलती बस से कूद गए, क्योंकि चालक ने उन्हें बस के ब्रेक फेल होने की सूचना दी थी. हालांकि, सेना और पुलिस के जवानों ने बस को रोक लिया, जिससे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़ी दुर्घटना टल गई.
अधिकारियों ने बताया कि यात्रा काफिले की बेहतर सुरक्षा के लिए यात्रा के काफिले के गुजरने के दौरान राजमार्ग पर सभी प्रकार के नागरिक यातायात को कुछ समय के लिए रोक दिया जाता है. प्रशासन ने यात्रियों के लिए बेहतर सुविधा सुनिश्चित कराने के लिए पिछले कुछ वर्षों में अहम कदम उठाए हैं. इसमें गुणवत्तापूर्ण आवास, स्वास्थ्य सुविधाएं, विशेषज्ञ चिकित्सा कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति शामिल है. इसके साथ ही बाधा रहित दूरसंचार सेवा, लंगर सुविधाएं, बुजुर्ग और महिला तीर्थयात्रियों को पर्वतीय इलाकों में सहायता प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित एनडीआरएफ और एसडीआरएफ कर्मचारियों की व्यवस्था की गई है. यात्रा 29 जून को शुरू हुई और 19 अगस्त को समाप्त होगी.
श्रीनगर: वार्षिक अमरनाथ यात्रा 2024 बुधवार को पांचवें दिन भी जारी रही. इस दौरान 5725 यात्री जम्मू स्थित भगवती नगर यात्री निवास से कश्मीर के पहलगाम से होते हुए पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए रवाना हुआ. एक अधिकारी ने बताया कि 5725 यात्रियों का छठा जत्था बुधवार सुबह 238 वाहनों में सवार होकर कश्मीर घाटी के पहलगाम और बालटाल के लिए रवाना हुआ.
अब तक कुल 80448 यात्री कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यात्रा करने के लिए जम्मू के भगवती नगर बेस कैंप से कश्मीर के अमरनाथ गुफा मंदिर की ओर रवाना हो चुके हैं जहां वे पूजा-अर्चना करेंगे. जम्मू से कश्मीर की ओर रवाना हुए यात्रियों में 4481 पुरुष, 1034 महिलाएं, 25 बच्चे, 173 साधु और 12 साध्वियां शामिल हैं.
इन यात्रियों को पहलगाम में नुनवान और सोनमर्ग में बालटाल के बेस कैंपों तक ले जाया जा रहा है, जहां से वे पहाड़ी सड़कों के रास्ते गुफा की ओर रवाना होंगे. अधिकारियों ने बताया कि अधिकतर यात्री बालटाल के रास्ते गुफा तक जाना पसंद करते हैं, जो पहलगाम के चंदनवाड़ी से सबसे कम दूरी पर है. जम्मू से कश्मीर घाटी तक यात्रियों को ले जाने वाले वाहनों को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अर्धसैनिक सुरक्षा बलों, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाती है.
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि कल अमरनाथ यात्रा से लौट रहे कम से कम 10 तीर्थयात्री उस समय घायल हो गए जब वे जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में चलती बस से कूद गए, क्योंकि चालक ने उन्हें बस के ब्रेक फेल होने की सूचना दी थी. हालांकि, सेना और पुलिस के जवानों ने बस को रोक लिया, जिससे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बड़ी दुर्घटना टल गई.
अधिकारियों ने बताया कि यात्रा काफिले की बेहतर सुरक्षा के लिए यात्रा के काफिले के गुजरने के दौरान राजमार्ग पर सभी प्रकार के नागरिक यातायात को कुछ समय के लिए रोक दिया जाता है. प्रशासन ने यात्रियों के लिए बेहतर सुविधा सुनिश्चित कराने के लिए पिछले कुछ वर्षों में अहम कदम उठाए हैं. इसमें गुणवत्तापूर्ण आवास, स्वास्थ्य सुविधाएं, विशेषज्ञ चिकित्सा कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति शामिल है. इसके साथ ही बाधा रहित दूरसंचार सेवा, लंगर सुविधाएं, बुजुर्ग और महिला तीर्थयात्रियों को पर्वतीय इलाकों में सहायता प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित एनडीआरएफ और एसडीआरएफ कर्मचारियों की व्यवस्था की गई है. यात्रा 29 जून को शुरू हुई और 19 अगस्त को समाप्त होगी.