नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के बीच मंगलवार को लोकसभा में अग्निपथ योजना को लेकर वाकयुद्ध हुआ. लोकसभा में केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान बोलते हुए यादव ने सरकार पर आरोप लगाया कि उसने अग्निपथ योजना को बढ़ावा देने के लिए शुरू में प्रमुख उद्योगपतियों से समर्थन वाले पोस्ट करवाए.
जब अग्निवीर योजना पहली बार शुरू की गई थी, तो प्रमुख उद्योगपतियों से ट्वीट करवाया गया था कि इससे बेहतर कोई योजना नहीं है और वे अग्निवीरों को नौकरी देंगे. शायद सरकार को यह याद है क्योंकि वह मानती है कि यह योजना सही नहीं है, यही वजह है कि वे अपने राज्य सरकारों से अग्निवीरों को वापस लाने के लिए कोटा और नौकरी देने के लिए कह रहे हैं. यादव ने सत्ता पक्ष के सदस्यों को चुनौती दी कि वे खड़े होकर इस योजना को लाभकारी घोषित करें.
जवाब में, पूर्व केंद्रीय मंत्री ठाकुर अग्निपथ योजना के बचाव में खड़े हुए और अपने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश की सैन्य विरासत का हवाला दिया. मैं हिमाचल प्रदेश से आता हूं, जिसने पहले परमवीर चक्र विजेता सोमनाथ शर्मा को जन्म दिया और कारगिल युद्ध में सबसे ज्यादा शहीद यहीं हुए.
हां, मैं कहता हूं कि 'वन रैंक वन पेंशन' की लंबे समय से चली आ रही मांग को नरेंद्र मोदी की सरकार ने पूरा किया. उन्होंने कहा कि और मैं यह स्पष्ट कर दूं, अखिलेश जी, कि अग्निवीर योजना 100 प्रतिशत रोजगार की गारंटी देती है.
यादव ने आगे सवाल उठाते हुए कहा कि अगर ऐसा है और अगर योजना इतनी प्रभावी है, तो सरकार को उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत कोटा प्रदान करने की आवश्यकता क्यों महसूस हुई. पूर्व यूपी मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने एक बहुत ही सरल सवाल पूछा. अगर योजना वास्तव में फायदेमंद है, तो सरकार को यूपी और अन्य राज्यों में कोटा देने की आवश्यकता क्यों है? इस आदान-प्रदान से लोकसभा में हंगामा हुआ और यादव ने अपना रुख जारी रखा.
उन्होंने अपनी खुद की सैन्य स्कूल शिक्षा पर जोर दिया और परमवीर चक्र प्राप्तकर्ताओं के बारे में ठाकुर के दावों का खंडन करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश का भी उल्लेखनीय रिकॉर्ड रहा है. ठाकुर ने अपनी सैन्य सेवा का हवाला देते हुए कहा कि मैंने कैप्टन के तौर पर सेवा की है. अखिलेश जी, सिर्फ उपदेश मत दीजिए.
राहुल गांधी के साथ बैठकर आप अफवाहें और झूठ फैलाने के आदी हो गए हैं. अंतिम जवाब में यादव ने कहा कि ठाकुर का रक्षात्मक रवैया राजनीतिक असुरक्षा की वजह से है. उन्होंने कहा कि शायद आप इसलिए ज्यादा परेशान हैं क्योंकि अब आप मंत्री नहीं हैं और आप हमारा दर्द नहीं समझेंगे. आपकी परेशानी आपके चेहरे पर दिख रही है.