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शेर-शेरनी का नाम अकबर और सीता रखने पर बड़ी कार्रवाई, अधिकारियों पर गिरी गाज

कलकत्ता हाई कोर्ट में मामले की शिकायत करते हुए नाराजगी जाहिर की गई. कोर्ट में कहा गया कि नाम रखने से पहले सोचा जाए. इससे धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं.

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शेर-शेरनी का नाम अकबर और सीता रखने पर बड़ी कार्रवाई
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 26, 2024, 2:09 PM IST

Updated : Feb 26, 2024, 2:21 PM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के चिड़ियाघर में शेर-शेरनी का नाम अकबर और सीता रखने का विवाद जगजाहिर है. इस मामले में त्रिपुरा सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए प्रमुख वन संरक्षक प्रबीन लाल अग्रवाल को निलंबित कर दिया है. जानकारी के मुताबिक ये शेर और शेरनी त्रिपुरा से पश्चिम बंगाल शिफ्ट किए गए थे. इस मामले की शिकायत विश्व हिंदू परिषद ने कलकत्ता हाई कोर्ट में की थी. शिकायत में जन भावनाओं का आहत करने का आरोप लगाया गया.

ये है मामला
बता दें, इस महीने की 12 तारीख को त्रिपुरा के सिपाहीजला चिड़ियाघर से शेर और शेरनी को उत्तरी बंगाल के वाइल्ड एनीमल पार्क में शिफ्ट किया गया था. इन दोनों का नाम अकबर और सीता रखा गया. वहीं, अधिकारियों ने बताया कि यह नाम उन्होंने नहीं बल्कि त्रिपुरा के चिड़ियाघर में ही रखे गए थे. नामों को लेकर विश्व हिन्दू परिषद ने कलकत्ता हाई कोर्ट में नाम बदलने को लेकर एक याचिका दाखिल की. वीएचपी ने कहा कि नाम रखने से पहले एक बार सोचना चाहिए. इससे जन भावनाएं आहत होती हैं. वहीं, कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार को नाम बदलने का आदेश दिया.

कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि शेर-शेरनी का नाम अकबर और सीता रखने से बचना चाहिए. इसके साथ कोर्ट ने कहा कि क्या शेर का नाम स्वामी विवेकानंद या रामकृष्ण परमहंस हो सकता है. कोर्ट ने कहा कि जल्द से जल्द नाम बदले जाएं.

वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने कहा कि ये नाम हमने नहीं रखे हैं, बल्कि त्रिपुरा राज्य ने रखे हैं. इससे हमारा कोई सरोकार नहीं है. सुनवाई करते हुए जस्टिस सौगत ने कहा कि देश का बड़ा वर्ग सीता की पूजा करते है, जबकि अकबर मुगल सम्राट थे. ऐसे में सावधानी बरतनी चाहिए.

पढ़ें: शेरनी, शेर का नाम क्रमश: 'सीता' और 'अकबर' रखने से बचना चाहिए था: कलकत्ता हाई कोर्ट

पढ़ें: 'अकबर' और 'सीता' एक साथ, विहिप ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के चिड़ियाघर में शेर-शेरनी का नाम अकबर और सीता रखने का विवाद जगजाहिर है. इस मामले में त्रिपुरा सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए प्रमुख वन संरक्षक प्रबीन लाल अग्रवाल को निलंबित कर दिया है. जानकारी के मुताबिक ये शेर और शेरनी त्रिपुरा से पश्चिम बंगाल शिफ्ट किए गए थे. इस मामले की शिकायत विश्व हिंदू परिषद ने कलकत्ता हाई कोर्ट में की थी. शिकायत में जन भावनाओं का आहत करने का आरोप लगाया गया.

ये है मामला
बता दें, इस महीने की 12 तारीख को त्रिपुरा के सिपाहीजला चिड़ियाघर से शेर और शेरनी को उत्तरी बंगाल के वाइल्ड एनीमल पार्क में शिफ्ट किया गया था. इन दोनों का नाम अकबर और सीता रखा गया. वहीं, अधिकारियों ने बताया कि यह नाम उन्होंने नहीं बल्कि त्रिपुरा के चिड़ियाघर में ही रखे गए थे. नामों को लेकर विश्व हिन्दू परिषद ने कलकत्ता हाई कोर्ट में नाम बदलने को लेकर एक याचिका दाखिल की. वीएचपी ने कहा कि नाम रखने से पहले एक बार सोचना चाहिए. इससे जन भावनाएं आहत होती हैं. वहीं, कोर्ट ने सुनवाई करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार को नाम बदलने का आदेश दिया.

कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि शेर-शेरनी का नाम अकबर और सीता रखने से बचना चाहिए. इसके साथ कोर्ट ने कहा कि क्या शेर का नाम स्वामी विवेकानंद या रामकृष्ण परमहंस हो सकता है. कोर्ट ने कहा कि जल्द से जल्द नाम बदले जाएं.

वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने कहा कि ये नाम हमने नहीं रखे हैं, बल्कि त्रिपुरा राज्य ने रखे हैं. इससे हमारा कोई सरोकार नहीं है. सुनवाई करते हुए जस्टिस सौगत ने कहा कि देश का बड़ा वर्ग सीता की पूजा करते है, जबकि अकबर मुगल सम्राट थे. ऐसे में सावधानी बरतनी चाहिए.

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Last Updated : Feb 26, 2024, 2:21 PM IST
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