जहानाबाद/पटना : नक्सली कमांडर रह चुके अजय कानू अपनी पत्नी को राजनीति में लाने की तैयारी कर रहे हैं. अजय कानू का दावा है कि जहानाबाद लोकसभा सीट के लिए वह आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मुलाकात भी कर चुके हैं. उन्होंने अपनी पत्नी को जहानाबाद से चुनाव लहराने की इच्छा जाहिर कर दी है.
क्या है अजय कानू का दावा : अजय कानू का दावा है कि पटना में राबड़ी आवास पर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से उनकी मुलाकात हुई है. पार्टी के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव के कहने पर उनकी मुलाकात लालू प्रसाद यादव से हुई. शक्ति यादव ने मुझसे पूछा कि क्या आप बायोडाटा लेकर के आए हैं? मैंने कहा कि अभी बायोडाटा लेकर नहीं आए हैं, लेकिन यदि आप कहेंगे तो बायोडाटा लेकर आ जाएंगे. लालू यादव की तबीयत अस्वस्थ थी, इसीलिए अपना बायोडाटा शक्ति सिंह यादव को दे दिया.
''पिछले 35 वर्षों से पिछड़े वंचित लोगों की लड़ाई लड़ते आ रहे हैं. जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र में अरवल और जहानाबाद जिला आता है. अरवल मेरी जन्मभूमि और जहानाबाद कर्मभूमि. इसीलिए लालू प्रसाद यादव से जहानाबाद लोकसभा की सीट मांगी है.''- अजय कानू
पत्नी को क्यों चुनाव लड़ाना चाहते हैं? : अजय कानू ने जो वीडियो जारी किया है. उसमें उन्होंने साफ कहा है कि वह अपनी पत्नी को जहानाबाद से चुनाव लड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह प्रगतिशील विचार को मानने वाले हैं. उन्हें उम्मीद है कि उनको टिकट मिलेगा.
शक्ति यादव ने क्या कहा? : अजय कानू ने जो वीडियो जारी किया है उसमें उन्होंने राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव का नाम लिया है. जब ईटीवी भारत ने शक्ति सिंह यादव से इस बारे में पूछा तो उनका कहना था कि इस बारे में उनका कोई जानकारी नहीं है. लालू यादव से मिलने के लिए सैकड़ो लोग आते हैं. उस भीड़ में कौन आया, इसकी किसी को जानकारी नहीं है. उनकी अजय कानू से कभी बात नहीं हुई है.
जमकर होगी राजनीति : नक्सली कमांडर अजय कानू के इस वीडियो के बाद एक बार फिर से बिहार में सियासत गर्म हो गई है. मुंगेर से बाहुबली नेता अशोक महतो की पत्नी का टिकट का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि फिर से अजय कानू की पत्नी की चर्चा होने लगी है. ऐसे में इतना तो साफ है कि विपक्ष को इस पर राजनीति करने का मौका मिल गया है.
कौन है अजय कानू? : अजय कानू पीपुल्स रेड आर्मी के नक्सली कमांडर थे. 2005 में जहानाबाद जेल कांड जिसे (ऑपरेशन जेलब्रेक) का नाम दिया गया. इस ऑपरेशन के मुख्य सूत्रधार अजय कानू को बताया गया था. जहानाबाद जेल कांड का मुख्य उद्देश्य जेल में बंद माओवादियों को मुक्त करना था. 2002 में पुलिस ने उन्हें पटना के एक गुप्त स्थान से गिरफ्तार किया था. 2 वर्ष पूर्व इनकी जेल से रिहाई हुई थी.
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