बस्तर/ दंतेवाड़ा: नेचुरल ब्यूटी का गढ़ कहे जाने वाले बस्तर को प्रकृति ने कई उपहारों से सजाया है. यहां कई प्रकार के जीव जंतु पाए जाते हैं. इस बार बस्तर के दंतेवाड़ा में ऐसा सांप पाया गया है जो बेहद ही जहरीला और खतरनाक होता है. इस दुर्लभ प्रजाति के सांप का नाम अहैतुल्ला लौंडकिया है जो बैलाडीला के जंगलों में देखा गया है. इससे पहले यह सांप असम और ओडिशा में मिल चुका है.
छत्तीसगढ़ में पहली बार मिला अहैतुल्ला लौंडकिया सांप: सांपों की दुर्लभ प्रजाति में से एक अहैतुल्ला लौंडकिया सांप बस्तर और छत्तीसगढ़ में पहली बार पाया गया है. बैलाडीला के जंगल में शनिवार की सुबह इस सांप को देखा गया. उसके बाद इलाके में हड़कंप मच गया और वन विभाग को खबर किया गया. सूचना पर वन विभाग और वन्य जीव संरक्षण कल्याण समिति ने सांप को सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया है.
अहैतुल्ला लौदानकिया सांप दुर्लभ प्रजाति का स्नेक: अहैतुल्ला लौंडकिया सांप बेहद की दुर्लभ प्रजाति का सांप है. इसकी प्रजाति विलुप्त होती जा रही है ,लेकिन छत्तीसगढ़ के बैलाडीला के जंगलों में इस सांप को देखे जाने के बाद वन विभाग और वन्य प्राणी संरक्षण कल्याण समिति काफी उत्साहित है. वन विभाग और वन्य प्राणी संरक्षण समिति के सदस्यों ने अहैतुल्ला लौंडकिया सांप को लेकर खुशी जाहिर की है.
अहैतुल्ला लौंडकिया सांप के बारे में जानिए: अहैतुल्ला लौंडकिया सांप वाइन स्नेक की एक प्रजाति है. हाल के दौर में पूरे भारत में वाइन स्नेक की केवल 8 से 9 प्रजातियां मौजूद है. सांपों की इन प्रजातियों में अहैतुल्ला लौंडकिया स्नेक बेहद ही नायाब प्रजाति का सांप है. सबसे पहले भारत में यह सांप असम और ओडिशा में देखने को मिला था. उसके बाद छत्तीसगढ़ तीसरा राज्य है जहां यह सांप पाया गया है.
"अहैतुल्ला लौंडकिया सांप (अहैतुल्ला लौदानकिया) को बैलाडीला की पहाड़ी में एनएमडीसी के स्क्रीनिंग प्लांट में देखा गया. यह स्नेक बिल्कुल दुर्लभ प्रजाति का सांप है. इस सांप का आकार और इसकी खूबसूरती अन्य वाइन स्नैक से मैच नहीं हुई. जिसके बाद इसके फोटो को खींचकर सर्प विशेषज्ञ के पास भेजा गया. बैलाडीला की पहाड़ियों में इस सांप की कितनी संख्या है इसका खुलासा नहीं हो पाया है. फिलहाल एनएमडीसी के माइनिंग इलाके में यह सांप सेफ है या नहीं इस पर शोध करने की जरूरत है. वन विभाग की मदद से इस सांप की प्रजाति पर शोध की तैयारी चल रही है और इस सांप के संख्या का पता लगाया जा रहा है. जिससे इस दुर्लभ प्रजाति के सांप को बचाने में मदद मिल सके" : अमित मिश्रा, सदस्य, वन्य प्राणी संरक्षण कल्याण समिति
बस्तर से आई इस खबर से छत्तीसगढ़ के वन्य प्राणियों में एक उत्साह का संचार हुआ है. अब अहैतुल्ला लौंडकिया सांप पर रिसर्च कर इसके संरक्षण की दिशा में कार्य करने की सख्त जरूरत है.