चमोली (उत्तराखंड): बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद बदरी विशाल के मुख्य देव सदस्य भगवान उद्धव जी और कुबेर जी पांडुकेश्वर में अपने शीतकालीन गद्दीस्थल पर विराजमान हो गए हैं. रविवार 17 नवंबर को रात्रि में 9 बजकर 7 मिनट पर विधि-विधान पूर्वक शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हो गए हैं. इस पल के कई श्रद्धालु साक्षी बने.सुरक्षा की दृष्टि से शीतकाल के 6 माह तक बदरीनाथ धाम परिसर अब बीकेटीसी सुरक्षा कर्मियों समेत विशेष पुलिस बल के जवानों की सुरक्षा घेरे में रहेगा. वहीं बदरीनाथ धाम में प्रवेश बिना अनुमति के वर्जित रहेगा.
सोमवार को पूजा अर्चना के बाद मुख्य पुजारी रावल अमरनाथ नंबूदरी और धर्माधिकारी बदरीनाथ राधा कृष्ण थपलियाल की अगुवाई में भगवान कुबेर और उद्धव जी की देव डोलियां आदि गुरु शंकराचार्य पवित्र गद्दी के साथ बदरी पुरी से हनुमान चट्टी, विनायक चट्टी में देव पूजन के पश्चात पांडुनगरी पांडुकेश्वर पहुंची. जहां ग्रामीणों ने देव डोलियों और देव प्रतीकों का स्वागत पुष्पवर्षा के साथ किया. जहां भगवान कुबेर की मूर्ति को पूजा अर्चना के बाद उन्हें भव्य कुबेर मंदिर के गर्भगृह में शीतकाल के लिए प्रतिस्थापित किया गया और उद्धव जी की मूर्ति को योग मंदिर के गर्भगृह में प्रतिस्थापित कर दिया गया.
#WATCH | On the doors of Badrinath Dham closed for this winter, ADM Chamoli, Vivek Prakash says, " it has been done with all the rituals. the premises are being vacated. the police force and 3-4 temple staff will remain there..." pic.twitter.com/XheXNHVoWe
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 17, 2024
अब 6 माह तक उनकी शीतकालीन पूजाएं भी यहीं संपादित होगी. इधर आदि गुरु शंकराचार्य की पवित्र गद्दी मंगलवार 19 नवंबर को ज्योर्तिमठ के नरसिंह मंदिर स्थित पौराणिक मठाआंगण चौक के आदि गुरु शंकराचार्य गद्दीस्थल में पहुंचेगी. इस बार जहां कपाट बंद होने के अवसर पर बदरीनाथ धाम में करीब 11 हजार 170 श्रद्धालु पहुंचे. वहीं कपाट खुलने से लेकर कपाट बंद होने तक बदरी पुरी में करीब 14 लाख 35 हजार 341 श्रद्धालुओं ने भगवान बदरी विशाल जी के दर्शनों का पुण्य लाभ अर्जित किया है.
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