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46 साल बाद खुलेगा जगन्नाथ मंदिर रत्न भंडार, सबसे पहले सांप पकड़ने वाला अंदर जाएगा - Puri Shreemandir Ratna Bhandar - PURI SHREEMANDIR RATNA BHANDAR

Puri Shreemandir Ratna Bhandar: ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार यानी की खजाना 14 जुलाई को खोले जाने की संभावना है. एहतियात के तौर पर अधिकृत कर्मचारी और एक सांप पकड़ने वाला पहले अंदर जाएगा.

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46 साल बाद खुलेगा जगन्नाथ मंदिर रत्न भंडार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 13, 2024, 10:23 PM IST

पुरी: ओडिशा सरकार पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को कल (14 जुलाई) खोलने के लिए तैयार है. मंदिर का खजाना आखिरी बार 46 साल पहले 1978 में खोला गया था. पैनल के सुझाव के मुताबिक पारंपरिक पोशाक में पुजारी पहले मंदिर के अंदर भगवान लोकनाथ की पूजा करेंगे. एहतियात के तौर पर अधिकृत कर्मचारी और एक सांप पकड़ने वाला पहले अंदर जाएगा.

कानून मंत्री ने मीडिया से कहा, पुरी श्रीमंदिर के रत्न भंडार की उद्घाटन प्रक्रिया कल से शुरू होगी. पुरी श्रीमंदिर के मुख्य प्रशासक को मंदिर के अधिकारियों के साथ चर्चा करने का निर्देश दिया गया है कि इसे कब खोला जाएगा. उन्होंने कहा कि, वे भारतीय रिजर्व बैंक से सहायता मांग रहे हैं. उनके प्रतिनिधि उस दौरान मौजूद रहेंगे और प्रबंध समिति की टीम को सहयोग करेंगे. श्रीमंदिर के मुख्य प्रशासक को प्रक्रिया को सुचारू रूप से प्रबंधित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

रत्नभंडार खोलने के लिए एसओपी को अंतिम रूप देने के लिए एक बैठक हुई और सरकार ने विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. इन सभी प्रक्रियाओं की निगरानी के लिए मुख्य प्रशासक को निर्देशित किया गया है. एसओपी में हर बात का स्पष्ट उल्लेख है. विभिन्न समितियों में मंदिर प्रबंधन सदस्य, सेवादार, एएसआई प्रतिनिधि, रिजर्व बैंक प्रतिनिधि शामिल किये गये हैं.

राज्य सरकार द्वारा गठित 16 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति ने 14 जुलाई को रत्न भंडार को फिर से खोलने की सिफारिश की. पारंपरिक पोशाक का पालन करते हुए, सबसे पहले मंदिर के अंदर भगवान लोकनाथ की पूजा होगी. एहतियात के तौर पर सबसे पहले अधिकृत कर्मी और एक सांप पकड़ने वाला कोषागार में प्रवेश करेगा.

ये भी पढ़ें: भगवान जगन्नाथ की निकाली रथ यात्रा, हरि नाम संकीर्तन से भक्तिमय हुआ शहर

पुरी: ओडिशा सरकार पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार को कल (14 जुलाई) खोलने के लिए तैयार है. मंदिर का खजाना आखिरी बार 46 साल पहले 1978 में खोला गया था. पैनल के सुझाव के मुताबिक पारंपरिक पोशाक में पुजारी पहले मंदिर के अंदर भगवान लोकनाथ की पूजा करेंगे. एहतियात के तौर पर अधिकृत कर्मचारी और एक सांप पकड़ने वाला पहले अंदर जाएगा.

कानून मंत्री ने मीडिया से कहा, पुरी श्रीमंदिर के रत्न भंडार की उद्घाटन प्रक्रिया कल से शुरू होगी. पुरी श्रीमंदिर के मुख्य प्रशासक को मंदिर के अधिकारियों के साथ चर्चा करने का निर्देश दिया गया है कि इसे कब खोला जाएगा. उन्होंने कहा कि, वे भारतीय रिजर्व बैंक से सहायता मांग रहे हैं. उनके प्रतिनिधि उस दौरान मौजूद रहेंगे और प्रबंध समिति की टीम को सहयोग करेंगे. श्रीमंदिर के मुख्य प्रशासक को प्रक्रिया को सुचारू रूप से प्रबंधित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

रत्नभंडार खोलने के लिए एसओपी को अंतिम रूप देने के लिए एक बैठक हुई और सरकार ने विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. इन सभी प्रक्रियाओं की निगरानी के लिए मुख्य प्रशासक को निर्देशित किया गया है. एसओपी में हर बात का स्पष्ट उल्लेख है. विभिन्न समितियों में मंदिर प्रबंधन सदस्य, सेवादार, एएसआई प्रतिनिधि, रिजर्व बैंक प्रतिनिधि शामिल किये गये हैं.

राज्य सरकार द्वारा गठित 16 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति ने 14 जुलाई को रत्न भंडार को फिर से खोलने की सिफारिश की. पारंपरिक पोशाक का पालन करते हुए, सबसे पहले मंदिर के अंदर भगवान लोकनाथ की पूजा होगी. एहतियात के तौर पर सबसे पहले अधिकृत कर्मी और एक सांप पकड़ने वाला कोषागार में प्रवेश करेगा.

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