रामपुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान के बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्लाह आजम खान को अदालत से थोड़ी राहत मिली है. उनके खिलाफ जिला प्रशासन की ओर से डूब क्षेत्र में जमीन खरीद कर अवैध प्लाटिंग करने और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के आरोप में मुकदमे दर्ज किए गए थे. उसी मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट मजिस्ट्रेट ट्रायल ने अब्दुल्लाह आजम खान को जमानत दे दी है. कोर्ट ने अब्दुल्लाह आजम खान को 50,000 के मुचलके पर बेल दिया गया है. यह मामला 2024 में दर्ज हुआ था. जब अब्दुल्लाह आजम जेल में था.
बता दें कि, यह मामला साल 2024 का है जब प्रशासन की ओर से अब्दुल्लाह आजम खान और उनके करीबी अनवार और सालिम के खिलाफ विरुद्ध कराया गया था. जिसमें आरोप था कि यह डूब क्षेत्र की भूमि को खरीद कर अवैध प्लाटिंग कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इस मामले में सह आरोपी अनवार और सालिम को पहले ही एंटीसिपेटरी बेल मिल चुकी है, अब रामपुर की एमपीएमएलए कोर्ट मजिस्ट्रेट ट्रायल ने इस मामले में अब्दुल्ला आजम खान को रेगुलर बेल दे दी है.
अब्दुल्लाह आजम खान के वकील जुबैर अहमद खान ने बताया कि इस मामले में उन्होंने अदालत में गैर बराबरी और पक्षपात का मुद्दा उठाते हुए अदालत से गुहार लगाई थी कि विवादित भूमि पर पहले ही मकान और दूसरे निर्माण किए हुए हैं. लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही जबकि अब्दुल्लाह आजम खान की ओर से खरीदी गई भूमि पर ना तो कोई निर्माण है और ना ही पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया गया है. वहां तो उड़द की खेती हो रही है ऐसे में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने और अवैध प्लाटिंग के आरोप निराधार हैं.
इसके साथ ही अब्दुल्लाह आजम खान के वकील जुबेर अहमद खान ने अदालत के सामने दलील दी थी कि दूसरे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई जबकि अब्दुल्लाह आजम के खिलाफ यह मुकदमा दर्ज कर दिया गया जो कि पक्षपात और गैर बराबरी है. अदालत ने इन सभी दलीलों को सुनकर अब्दुल्लाह आजम खान को जमानत देने का फैसला दे दिया.