ETV Bharat / bharat

'PM मोदी दें इस्तीफा, पार्लियामेंट्री जॉइंट कमेटी से कराई जाए घोटाले की जांच', हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर बोले AAP सांसद संजय सिंह - Sanjay Singh on Hindenburg report

author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 11, 2024, 12:26 PM IST

Updated : Aug 11, 2024, 12:46 PM IST

MP Sanjay Singh on Hindenburg report: हाल ही में जारी की गई हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट को लेकर आप सांसद संजय सिंह ने सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच और पीएम मोदी पर आरोप लगाए हैं. क्या कहा उन्होंने, आइए जानते हैं..

आप सांसद संजय सिंह ने लगाया आरोप
आप सांसद संजय सिंह ने लगाया आरोप (ETV Bharat)

नई दिल्ली: हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच पर आरोप लगाए जाने के बाद मामले पर राजनीति तेज हो गई. इसी क्रम में आप सांसद संजय सिंह ने रविवार को आरोप लगाते हुए कहा कि हवाले के जरिए विदेशी फर्जी कंपनियों को पैसा देकर भारत की डूबती हुई कंपनियों का शेयर खरीदा गया. इससे देश के लोगों ने भी उन कंपनियों का शेयर खरीदा, जिससे देश के लोगों के 8.50 लाख करोड़ रुपये डूब गए. सेबी इसकी जांच कर रही है.

पीएम दें इस्तीफा: उन्होंने कहा कि, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में आया है कि सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति ने इन फर्जी कंपनियों में करोड़ों रुपये निवेश किए हैं. सुप्रीम कोर्ट को इसपर संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि सच्चाई और तथ्य छुपाए गए. वहीं लोगों के जो 8.50 लाख करोड़ रुपए डूबे हैं. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिम्मेदार हैं. जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद पर रहेंगे तब तक अडानी के मामलों की जांच नहीं हो सकती. नरेंद्र मोदी में जरा सी भी नैतिकता है, तो उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देनी चाहिए. पीएम मोदी इस्तीफा दें और पार्लियामेंट्री जॉइंट कमिटी बनाई जाए जो इसकी जांच करें. तभी मामले की जांच हो सकती है.

जनता के साथ घोटाला किया: संजय सिंह ने आगे कहा, 18 माह पहले हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में सामने आया था कि दुनिया के तमाम घोटालेबाजों को इकट्ठा करके विदेश में फर्जी कंपनियां बनाकर उसमें हवाला कि जरिए पैसा भेजा गया. इसके बाद उन्हीं कंपनियों के जरिए भारत की उन डूबती हुई कंपनियों के शेयर खरीदे गए. अचानक शेयर बढ़ने से देश के लोगों ने भी इन कंपनियों का शेयर खरीदें. इस तरीके से देश की जनता के साथ घोटाला किया गया है. सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि हम मामलों की जांच कर रहे हैं हम यह कह नहीं सकते हैं कि जांच कहां तक जाएगी. कुछ गड़बड़ी तो हुई है. किसने की है यह बता नहीं सकते हैं. सेबी की जांच का कोई मतलब नहीं है. उस रिपोर्ट का भी कोई मतलब नहीं है, जिसे सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में दिया है.

माधवी बुच पर लगाए आरोप: उन्होंने यह भी कहा, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि माधवी बुच उनके पति धवल ने करीब 10 मिलियन डॉलर उन्हीं फर्जी कंपनियों में लगाया है, जिसकी उन्हें जांच करनी थी. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में क्यों नहीं बताया कि वह इस मामले की जांच नहीं कर सकती, क्योंकि उन्होंने खुद इसमें पैसा लगाया हुआ है, जिनको खुद विनोद अदानी हैंडल करता है. विनोद अडानी के जरिए भारत के लाखों-करोड़ों लोगों को चूना लगाया.

यह भी पढ़ें- हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर घमासान, विपक्ष ने सरकार को घेरा

देश की संपत्ति अडानी को देने का आरोप: आप सांसद ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार को खत्म करने और भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने की बात करते हैं. अब क्या कर रहे हैं. अडानी का घोटाला भाजपा और प्रधानमंत्री का घोटाला है. हिंदुस्तान के लगभग सारे एयरपोर्ट, सेल, रेल , कोयला खदान, सी-पोर्ट आदि अडानी को दे दिया जा रहा है.

यह भी पढ़ें- REIT क्या है और हिंडेनबर्ग रिपोर्ट में क्यों जोड़ा जा रहा है धवल बुच, सेबी और ब्लैकस्टोन का नाम?

नई दिल्ली: हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच पर आरोप लगाए जाने के बाद मामले पर राजनीति तेज हो गई. इसी क्रम में आप सांसद संजय सिंह ने रविवार को आरोप लगाते हुए कहा कि हवाले के जरिए विदेशी फर्जी कंपनियों को पैसा देकर भारत की डूबती हुई कंपनियों का शेयर खरीदा गया. इससे देश के लोगों ने भी उन कंपनियों का शेयर खरीदा, जिससे देश के लोगों के 8.50 लाख करोड़ रुपये डूब गए. सेबी इसकी जांच कर रही है.

पीएम दें इस्तीफा: उन्होंने कहा कि, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में आया है कि सेबी की अध्यक्ष माधबी बुच और उनके पति ने इन फर्जी कंपनियों में करोड़ों रुपये निवेश किए हैं. सुप्रीम कोर्ट को इसपर संज्ञान लेना चाहिए क्योंकि सच्चाई और तथ्य छुपाए गए. वहीं लोगों के जो 8.50 लाख करोड़ रुपए डूबे हैं. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिम्मेदार हैं. जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद पर रहेंगे तब तक अडानी के मामलों की जांच नहीं हो सकती. नरेंद्र मोदी में जरा सी भी नैतिकता है, तो उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देनी चाहिए. पीएम मोदी इस्तीफा दें और पार्लियामेंट्री जॉइंट कमिटी बनाई जाए जो इसकी जांच करें. तभी मामले की जांच हो सकती है.

जनता के साथ घोटाला किया: संजय सिंह ने आगे कहा, 18 माह पहले हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में सामने आया था कि दुनिया के तमाम घोटालेबाजों को इकट्ठा करके विदेश में फर्जी कंपनियां बनाकर उसमें हवाला कि जरिए पैसा भेजा गया. इसके बाद उन्हीं कंपनियों के जरिए भारत की उन डूबती हुई कंपनियों के शेयर खरीदे गए. अचानक शेयर बढ़ने से देश के लोगों ने भी इन कंपनियों का शेयर खरीदें. इस तरीके से देश की जनता के साथ घोटाला किया गया है. सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि हम मामलों की जांच कर रहे हैं हम यह कह नहीं सकते हैं कि जांच कहां तक जाएगी. कुछ गड़बड़ी तो हुई है. किसने की है यह बता नहीं सकते हैं. सेबी की जांच का कोई मतलब नहीं है. उस रिपोर्ट का भी कोई मतलब नहीं है, जिसे सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में दिया है.

माधवी बुच पर लगाए आरोप: उन्होंने यह भी कहा, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि माधवी बुच उनके पति धवल ने करीब 10 मिलियन डॉलर उन्हीं फर्जी कंपनियों में लगाया है, जिसकी उन्हें जांच करनी थी. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में क्यों नहीं बताया कि वह इस मामले की जांच नहीं कर सकती, क्योंकि उन्होंने खुद इसमें पैसा लगाया हुआ है, जिनको खुद विनोद अदानी हैंडल करता है. विनोद अडानी के जरिए भारत के लाखों-करोड़ों लोगों को चूना लगाया.

यह भी पढ़ें- हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर घमासान, विपक्ष ने सरकार को घेरा

देश की संपत्ति अडानी को देने का आरोप: आप सांसद ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार को खत्म करने और भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने की बात करते हैं. अब क्या कर रहे हैं. अडानी का घोटाला भाजपा और प्रधानमंत्री का घोटाला है. हिंदुस्तान के लगभग सारे एयरपोर्ट, सेल, रेल , कोयला खदान, सी-पोर्ट आदि अडानी को दे दिया जा रहा है.

यह भी पढ़ें- REIT क्या है और हिंडेनबर्ग रिपोर्ट में क्यों जोड़ा जा रहा है धवल बुच, सेबी और ब्लैकस्टोन का नाम?

Last Updated : Aug 11, 2024, 12:46 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.