नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को मिली करारी हार के बाद पार्टी ने आगामी महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में होने वाले 9 सीटों पर उपचुनाव में भी पार्टी भाग नहीं लेगी. उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख आज है. जबकि, महाराष्ट्र के लिए यह तारीख 28 अक्टूबर है.
हरियाणा चुनाव का असर: हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा. पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन न करके राजनीतिक खामियाजा उठाया. जिससे पार्टी की भी अधिकतर सीटों पर जमानत जब्त हो गई. इस हार के बाद AAP ने महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया है. राजनीतिक विश्लेषक अजीत शुक्ला का मानना है कि आम आदमी पार्टी का चुनाव मैदान से दूर रहना इंडिया गठबंधन के लिए फायदेमंद साबित होगा.
राजनीतिक रणनीति का इशारा: AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल अब झारखंड और महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन के लिए चुनाव प्रचार करेंगे. माना जा रहा है कि उनका यह कदम गठबंधन के भीतर एकता बढ़ाने और वोटों को एकत्रित करने में सहायक होगा. महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं.
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2019 के चुनावों का पूर्वावलोकन: उल्लेखनीय है कि AAP ने 2019 में महाराष्ट्र में 24 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सभी सीटों पर पार्टी के प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आम आदमी पार्टी इस बार चुनाव मैदान में होती तो इससे वोटों का बंटवारा होता और इंडिया गठबंधन को सीधा नुकसान होता.
आगे का चुनावी पथ: जब आम आदमी पार्टी झारखंड और महाराष्ट्र में चुनाव नहीं लड़ती है तो संभावना है कि वोट बैंक प्रभावित नहीं होगा और बेहतर एकजुटता के साथ इंडिया गठबंधन की ताकत बढ़ेगी. इसी तरह झारखंड में भाजपा और इंडिया गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है, जहां AAP का दूर रहना भाजपा के लिए और मुश्किल पैदा कर सकता है.
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