हैदराबाद: नेरेडुचार्ला मंडल के कंडुलावारिगुडे के वेम वेंकट रेड्डी और लक्ष्मम्मा (80) के दो बेटे और तीन बेटियां हैं. सबसे छोटे बेटे की पहले मौत हो गयी. पति वेंकट रेड्डी की कुछ साल पहले मौत हो गई थी. पांच साल तक लक्ष्मम्मा नेरेडुचार्ला में सबसे छोटी बेटी के साथ रह रही थी. हाल ही में वह घर पर फिसलकर गिर गईं. लक्ष्मम्मा को मिर्यालगुडा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालत गंभीर होने के कारण डॉक्टरों ने उन्हें घर ले जाने की सलाह दी.
नतीजतन, बुधवार को सबसे छोटी बेटी लक्ष्मम्मा को ऑक्सीजन वाली एम्बुलेंस से अपने घर ले गई. इसी बीच उसका बेटा वहां पहुंच गया और बुजुर्गों के साथ पंचायत बैठायी. उसने कहा कि वह मां को अपने घर ले जाएगा. इस पर, अन्य बेटियों ने जोर देकर कहा कि जब तक संपत्ति हस्तांतरण का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक अम्मा को नहीं लिया जाना चाहिए. रात करीब 11 बजे लक्ष्मम्मा का निधन हो गया.
बेटे लक्ष्मम्मा के शव को कंडुलावारिगुडेम ले जाया गया. हालांकि, उनके बीच हुई पंचायत में बात नहीं बनी. लक्ष्मम्मा की पीठ पर 21 लाख रुपये और 20 तोले सोने के गहने हैं. उसमें से 6 लाख रुपये छोटी बेटी को दिए गए, जिसे मां के इलाज का खर्च उठाना पड़ा. बाकी 15 लाख रुपये बेटे ने ले लिये. 20 तोले सोने के आभूषण तीनों बेटियों ने बांटे.
जब सब कुछ ठीक चल रहा था तो बेटे ने एक और नया पैच लगा दिया. वह इस डर से वहीं बैठ गया कि वह अंतिम संस्कार का खर्च वहन नहीं कर पाएगा और भुगतान करने पर ही वह अपनी मां का अंतिम संस्कार करेगा. लक्ष्मम्मा का शव फिलहाल फ्रीजर में है. यह विवाद कब खत्म होगा, इसे लेकर ग्रामीण चिंतित हैं.
ये भी पढ़ें
|