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जम्मू-कश्मीर: IAS अधिकारी और मीरवाइज उमर फारूक के खिलाफ अवैध भूमि आवंटन का केस दर्ज - Mirwaiz Umar Farooq

Mirwaiz Umar Farooq: संरक्षक भूमि उन लोगों की है, जो पाकिस्तान में हैं, लेकिन उनका संबंध जम्मू-कश्मीर से है. ये जमीनें सरकार की हिरासत में हैं और इसके लिए एक अलग विभाग, कस्टोडियन या इवेक्यू प्रॉपर्टी विभाग गठित किया गया है.

MIRWAIZ UMAR FAROOQ
उमर फारूक के खिलाफ अवैध भूमि का केस (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 22, 2024, 9:54 AM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने श्रीनगर में राजस्व अधिकारियों की सुविधा के लिए कस्टोडियन भूमि पर कथित रूप से अतिक्रमण करने के आरोप में मीरवाइज उमर फारूक और एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सहित सात लोगों पर मामला दर्ज किया है. अधिकारियों ने मंगलवार को इस खबर की पुष्टि की है.

एसीबी सूत्रों ने बताया कि मीरवाइज और आईएएस अधिकारी उन 7 लोगों में शामिल हैं, जो राजस्व विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से कस्टोडियन भूमि आवंटन के फर्जी मामले में संलिप्त हैं. सूत्रों ने आगे बताया कि एसीबी की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि हजरतबल के सदरबल क्षेत्र स्थित इमाम-उद-दीन की संरक्षक भूमि को सरकारी मंजूरी के बिना मीरवाइज फारूक सहित लोगों को आवंटित किया गया था और संरक्षक भूमि के आवंटन के लिए निर्धारित नियमों की अनदेखी की गई.

बता दें, संरक्षक भूमि उन लोगों की है, जो पाकिस्तान में हैं, लेकिन उनका संबंध जम्मू-कश्मीर से है. ये जमीनें सरकार की हिरासत में हैं और इसके लिए एक अलग विभाग, कस्टोडियन या इवेक्यू प्रॉपर्टी विभाग गठित किया गया है.

जांच से यह भी पता चला कि कस्टोडियन और राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने लाभार्थियों के साथ मिलीभगत की. उन्होंने नियमों को दरकिनार करते हुए बेईमानी से निष्क्रांत भूमि का आवंटन किया और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में हिचकते रहे, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें और लाभार्थियों को अनुचित लाभ हुआ, जिससे राज्य के खजाने को महत्वपूर्ण नुकसान हुआ.

बता दें, 2006, और धारा 120बी आरपीसी के तहत पी/एस एसीबी श्रीनगर में एक मामला (एफआईआर नंबर 10/2024) दर्ज किया गया है, जिसकी जांच एक डीवाईएसपी रैंक अधिकारी को सौंपी गई है.

जानकारी के मुताबिक मजीद एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं जो वर्तमान में कंट्रोल लीगल मेट्रोलॉजी, जम्मू-कश्मीर में कार्यरत हैं, जबकि मीरवाइज उमर फारूक ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष हैं.

पढ़ें: मीरवाइज उमर फारूक ने रमजान की नमाज में लिया हिस्सा, जनसभा को किया संबोधित

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने श्रीनगर में राजस्व अधिकारियों की सुविधा के लिए कस्टोडियन भूमि पर कथित रूप से अतिक्रमण करने के आरोप में मीरवाइज उमर फारूक और एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सहित सात लोगों पर मामला दर्ज किया है. अधिकारियों ने मंगलवार को इस खबर की पुष्टि की है.

एसीबी सूत्रों ने बताया कि मीरवाइज और आईएएस अधिकारी उन 7 लोगों में शामिल हैं, जो राजस्व विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से कस्टोडियन भूमि आवंटन के फर्जी मामले में संलिप्त हैं. सूत्रों ने आगे बताया कि एसीबी की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि हजरतबल के सदरबल क्षेत्र स्थित इमाम-उद-दीन की संरक्षक भूमि को सरकारी मंजूरी के बिना मीरवाइज फारूक सहित लोगों को आवंटित किया गया था और संरक्षक भूमि के आवंटन के लिए निर्धारित नियमों की अनदेखी की गई.

बता दें, संरक्षक भूमि उन लोगों की है, जो पाकिस्तान में हैं, लेकिन उनका संबंध जम्मू-कश्मीर से है. ये जमीनें सरकार की हिरासत में हैं और इसके लिए एक अलग विभाग, कस्टोडियन या इवेक्यू प्रॉपर्टी विभाग गठित किया गया है.

जांच से यह भी पता चला कि कस्टोडियन और राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने लाभार्थियों के साथ मिलीभगत की. उन्होंने नियमों को दरकिनार करते हुए बेईमानी से निष्क्रांत भूमि का आवंटन किया और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में हिचकते रहे, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें और लाभार्थियों को अनुचित लाभ हुआ, जिससे राज्य के खजाने को महत्वपूर्ण नुकसान हुआ.

बता दें, 2006, और धारा 120बी आरपीसी के तहत पी/एस एसीबी श्रीनगर में एक मामला (एफआईआर नंबर 10/2024) दर्ज किया गया है, जिसकी जांच एक डीवाईएसपी रैंक अधिकारी को सौंपी गई है.

जानकारी के मुताबिक मजीद एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं जो वर्तमान में कंट्रोल लीगल मेट्रोलॉजी, जम्मू-कश्मीर में कार्यरत हैं, जबकि मीरवाइज उमर फारूक ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष हैं.

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