ETV Bharat / bharat

हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली हरियाणा की याचिका पर जवाब दे केंद्र: सुप्रीम कोर्ट - reservation in private sector jobs

SC notice to Centre : पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के द्वारा निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया गया है. इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर कोर्ट ने केंद्र सरकार जवाब तलब किया है. पढ़िए पूरी खबर...

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट
author img

By PTI

Published : Feb 5, 2024, 5:32 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के स्थानीय निवासियों को निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने को असंवैधानिक करार देने के पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर राज्य सरकार की याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार से जवाब मांगा. न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने हरियाणा सरकार द्वारा दायर अपील पर केंद्र सरकार और फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन को नोटिस जारी किया.

हरियाणा सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उच्च न्यायालय का फैसला तर्कहीन है. राज्य सरकार ने 17 नवंबर, 2023 के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है.

उच्च न्यायालय ने हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवार रोजगार अधिनियम, 2020 को भी अधिकार क्षेत्र से परे करार दिया था और कहा था कि यह लागू होने की तारीख से अप्रभावी माना जाएगा. इसने 83 पृष्ठ के फैसले में कहा था, 'हमारी सुविचारित राय है कि रिट याचिकाएं अनुमति दिए जाने योग्य हैं और हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवार रोजगार अधिनियम, 2020 असंवैधानिक तथा भारत के संविधान के भाग-3 का उल्लंघन है. इसलिए इसे अधिकारक्षेत्र से परे मानकर लागू होने की तारीख से अप्रभावी माना जाता है.'

उच्च न्यायालय ने 15 जनवरी, 2022 से लागू होने वाले और राज्य के उम्मीदवारों को निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले अधिनियम के खिलाफ कई याचिकाएं स्वीकार की थीं. इसमें अधिकतम 30,000 रुपये तक के सकल मासिक वेतन या भत्ते वाली नौकरियां शामिल थीं.

ये भी पढ़ें - विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ ठाकरे गुट की याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा न्यायालय

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के स्थानीय निवासियों को निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने को असंवैधानिक करार देने के पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर राज्य सरकार की याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार से जवाब मांगा. न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने हरियाणा सरकार द्वारा दायर अपील पर केंद्र सरकार और फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन को नोटिस जारी किया.

हरियाणा सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उच्च न्यायालय का फैसला तर्कहीन है. राज्य सरकार ने 17 नवंबर, 2023 के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है.

उच्च न्यायालय ने हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवार रोजगार अधिनियम, 2020 को भी अधिकार क्षेत्र से परे करार दिया था और कहा था कि यह लागू होने की तारीख से अप्रभावी माना जाएगा. इसने 83 पृष्ठ के फैसले में कहा था, 'हमारी सुविचारित राय है कि रिट याचिकाएं अनुमति दिए जाने योग्य हैं और हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवार रोजगार अधिनियम, 2020 असंवैधानिक तथा भारत के संविधान के भाग-3 का उल्लंघन है. इसलिए इसे अधिकारक्षेत्र से परे मानकर लागू होने की तारीख से अप्रभावी माना जाता है.'

उच्च न्यायालय ने 15 जनवरी, 2022 से लागू होने वाले और राज्य के उम्मीदवारों को निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले अधिनियम के खिलाफ कई याचिकाएं स्वीकार की थीं. इसमें अधिकतम 30,000 रुपये तक के सकल मासिक वेतन या भत्ते वाली नौकरियां शामिल थीं.

ये भी पढ़ें - विधानसभा अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ ठाकरे गुट की याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा न्यायालय

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.